नीतीश कुमार की जान को खतरा ! शक के दायरे में क्‍यों हैं शरद यादव और लालू यादव ?

बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कुछ ऐसा कहा है जिससे लोगों को पता चल गया है कि उनकी जान खतरे में है। लेकिन, किससे ये सवाल बना हुआ है।

New Delhi Sep 27 : क्‍या बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की जान खतरे में है ? क्‍या उन्‍हें किसी ने जान से मारने की धमकी दी है ? या फिर बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश को कुछ ऐसी खुफिया जानकारी मिली है जिससे उन्‍हें अपनी जान का खतरा दिख रहा है। दरअसल, ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि नीतीश कुमार ने अपने जीवन में पहली बार ऐसी बात कही है जिससे लोगों को संदेह हो गया है कि कहीं ना कहीं कोई गड़बड़ है जरुर। लेकिन, नीतीश बाबू अपनी छवि और व्‍यवहार के कारण उसे छुपाना चाहते हैं। वो किसी को भी ये नहीं बताना चाहते हैं कि उनकी जान खतरे में है। दरसअल, नीतीश कुमार अभी रविवार को ही जनता दल यूनाइटेड की राज्‍य कार्यकारी कमेटी को संबोधित कर रहे थे।

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इसी मीटिंग में उन्‍होंने अपने नेताओं से पूछ लिया कि ‘अगर कल को मेरी मृत्यु हो जाती है तो पार्टी का क्या होगा?’ नीतीश कुमार की ये बात सुनकर हर कोई भौचक्‍का रह गया। जब उनसे पूछा गया कि आखिर आपने इस तरह की बात क्‍यों कही तो उनका कहना था कि कौन जानता है कल क्या होगा ? हालांकि इसके बाद उन्‍होंने ये भी कहा कि ये बात बस यूं ही उनके मुंह से निकल गई कोई खास बात नहीं है। बेशक नीतीश कुमार कहते हों कि इसमें कोई खास बात नहीं है लेकिन, सौ फीसद कोई ना कोई खास बात जरुर है। जो नीतीश बाबू छिपाना चाहते हैं। उन्‍हें कुछ ऐसा पता चला है जो इस ओर इशारा करता है कि उनकी जान खतरे में है। जो व्‍यक्ति पूरी तरह से स्‍वस्‍थ्‍य हो आखिर वो इस तरह की बातें कैसे कर सकता है।

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नीतीश कुमार के इसी बयान के साथ दो और नामों पर चर्चा शुरू हो गई। जिसमें शरद यादव और लालू यादव का नाम शामिल है। दोनों ही नेता बुरी तरह से नीतीश कुमार से चिढ़े हुए हैं। एक सत्‍ता से बेदखल हो चुके हैं तो दूसरे पार्टी से। हालांकि नीतीश कुमार ने ना तो खुलकर ये कहा है कि उनकी जान को खतरा है और ना ही किसी का नाम लिया है। लेकिन, समझदार समर्थक उनके इस बयान को शरद यादव और लालू यादव के तेवरों से जोड़कर देख रहे हैं। कहने वालों का मुंह कोई नहीं रोक पाया है। इसलिए कहा जा रहा है कि शरद यादव और लालू यादव को नीतीश कुमार के फैसलों से भारी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में कोई भला इस बात से कैसे इनकार कर सकता है कि वो नीतीश को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं करेंगे। बेशक ही वो नुकसान सियासी क्‍यों ना हो।  

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हालांकि नीतीश कुमार के फैसलों ने उनके कई दुश्‍मन पैदा कर दिए हैं। राज्‍य में शराबबंदी कर वो पहले से ही शराब सिंडिकेट के निशाने पर हैं। रेत माफियाओं पर भी उन्‍होंने जबरदस्‍त तरीके से शिकंजा कसा है। लालू के चेले शहाबुद्दीन से सालों से उनका 36 का आंकड़ा रहा है। इससे पहले जब शहाबदु्दीन जेल से बाहर आया था तक भी उसने नीतीश कुमार को धमकी दी थी। यानी सीधे शब्‍दों में कहा जाए तो बिहार में नीतीश कुमार के दुश्‍मनों की कोई कमी नहीं है। एक ढूंढों पचास मिलेगे। ऐसे में किसकी मंशा क्‍या है कह पाना मुश्किल है। लेकिन, इतना जरुर है कि नीतीश कुमार ने जो बयान दिया है उसे एक परसेंट भी अनदेखा नहीं किया जा सकता है। इस वक्‍त उनकी सुरक्षा को और मजबूत करने की जरुरत है।