यशवंत सिन्‍हा जी अगर सुनाइए तो सुनने की भी हिम्‍मत रखिए ! खिसियाइए नहीं

देश के पूर्व वित्‍त मंत्री यशवंत सिन्‍हा ने इन दिनों अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। वो लगातार अरुण जेटली को मोदी को खरी-खोटी सुना रहे हैं।  

New Delhi Sep 29 : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्‍ठ नेता यशवंत सिन्‍हा ने पिछले दो दिनों से देश की राजनीति में हंगामा बरपाया हुआ है। उनके लिहाज से मोदी सरकार अर्थव्‍यवस्‍था के मामले में सबसे बुरी सरकार है। अरुण जेटली देश के सबसे खराब वित्‍त मंत्री हैं। नोटबंदी का फैसला गलत था। जीएसटी का फैसला गलत है, बगैरह-बगैरह। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्‍त मंत्री अरुण जेटली को इतना कुछ सुनाने के बाद भी यशवंत सिन्‍हा कहते हैं कि वो किसी पर पर्सनल अटैक नहीं कर रहे हैं। यशवंत सिन्‍हा को सुनाने की तो हिम्‍मत है लेकिन, सुनने की आदत नहीं है। अब जब अरुण जेटली ने कह दिया है कि अस्‍सी की उम्र में वो नौकरी चाह रहे हैं तो सिन्‍हा साहब सिर से लेकर पांव तक सुलग उठे हैं।

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यशवंत सिन्‍हा जी, हो सकता है कि आपको लगता हो कि आप अपने कार्यकाल में एक बेहतर आईएएस अफसर रहें हों। एक बेहतर नेता रहे होंगे। एक बेहतर वित्‍त मंत्री रहे होंगे। बेहतर विदेश मंत्री रहें होंगे। लेकिन, इसका ये कतई मतलब नहीं है कि आप अगर खुद को बेहतर समझते हों तो पूरी दुनिया भी आपको बेहतर समझे। आपने जिन हालातों में काम किए और मोदी सरकार जिस वक्‍त में काम कर रही है उसमें जमीन आसमान का फर्क है। आप बहुत ही शिकवे के साथ ये बात कहते हैं कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए पिछले एक साल से वक्‍त मांग रहा हूं लेकिन, मुलाकात का वक्‍त ही नहीं मिल पा रहा है। कभी आपने सोचा है कि आखिर ऐसा क्‍यों हो रहा है। या ऐसा क्‍यों हुआ।

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हम आपको बताते हैं ऐसा क्‍यों हुआ। दरअसल, आपकी अहमियत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजरों में कुछ भी नहीं है। हो सकता है कि उन्‍हें लगता हो कि आपसे मुलाकात कर वो अपना वक्‍त ही बरबाद करेंगे। शायद इसीलिए अापको वक्‍त नहीं मिला। लेकिन, इसका ये कतई मतलब नहीं है अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपको मुलाकात के लिए नहीं बुलाते हैं तो आप उन पर और उनकी सरकार पर पर्सनल अटैक करने शुरु कर दें। मैं आपको देश के एक नागरिक होने के नाते उसकी सोच से अगवत कराता हूं। यशवंत सिन्‍हा जी मैं कोई मोदी भक्‍त नहीं हूं। लेकिन, जब मुझे पता चला कि मोदी सरकार ने नोटबंदी का फैसला किया है मैं बहुत खुश हुआ। आज भी खुश हूं। जानते हैं क्‍यों ? क्‍योंकि मैंने आज भी उन लोगों को रोते हुए देखा है जिनके पास ब्‍लैक मनी थी या है।

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बिल्‍डर लॉबी को तड़पते हुए देखा है। जिन प्रॉपर्टी के दाम खामखाम में हर हफ्ते बढ़ते थे आज वो रुके हुए हैं। ये सब आम आदमी देख रहा है। यशवंत सिन्‍हा जी एक बात और पहले जब हम सामान लेने जाते थे तो हम पर कैश देने का दवाब होता था। लेकिन, आज हम डंके की चोट पर ऑनलाइन पेमेंट करते हैं। आप वित्‍त मंत्री रहे हैं इतना तो समझते ही होंगे कि ऑनलाइनट पेमेंट का रेसियो बढ़ने से काली कमाई का रेसियो घटेगा। हम ये कतई नहीं कह रहे हैं कि देश में काला धन खत्‍म हो गया। या फिर लोग भ्रष्‍टाचार नहीं कर रहे हैं। सबकुछ हो रहा है। लेकिन, जिस तरह की लूट खसोट पहले हुआ करती थी वो नहीं है। टैक्‍स की देनदारी बढ़ गई है। पहले लोग आसानी से टैक्‍स चुरा लिया करते थे आज मुश्किल है। ये आम आदमी का नजरिया है। आपकी तरह एक दो तिमाही पर हम अपनी सोच नहीं बनाते हैं। इसलिए सलाह है‍ कि अगर किसी को सुनाइए तो सुनने की भी ताकत रखिए। नहीं तो मोदी भक्‍त आपको असहिष्‍णु कहेंगे और विरोधी हमें।