हरियाणा सरकार और पुलिस में मौजूद हैं हनीप्रीत के ‘मुखबिर’ ?

गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत और हरियाणा पुलिस के बीच लुका-छिपी का खेल जारी है। जिसमें हर बार जीत हनी प्रीत की ही हो रही है।

New Delhi Sep 29 : पिछले महीने की 25 तारीख से डेरा सच्‍चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी फरार है। उसके और हरियाणा पुलिस के बीच एक महीने से लुका-छिपी का खेल चल रहा है। जिसमें हर बार जीत हनीप्रीत की ही होती है। वो हर बार पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाती है। ऐसे में लगातार ये सवाल उठ रहे है कि क्‍या हरियाणा पुलिस जानबूझकर हनी प्रीत को बचाने की कोशिश कर रही है या फिर उसके पास पुलिस की हर मूवमेंट की जानकारी पहुंच रही है। क्‍योंकि जैसे ही पुलिस को उसके बारे में कुछ पता चलता है और पुलिस की टीम उसके ठिकाने पर छापा मारने पहुंचती है पता चलता है कि वो वहां से भाग चुकी है। हरियाणा पुलिस हाथ मलते ही रह जाती है।

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दरसअल, कहा जा रहा है कि हनी प्रीत के मुखबिर ना सिर्फ हरियाणा पुलिस में हैं बल्कि हरियाणा सरकार में भी मौजूद हैं। जो उसे पुलिस की हर मूवमेंट की जानकारी दे रहे हैं। पुलिस और सरकार में ये कौन लोग हैं किसी को नहीं पता है। हर कोई ये बात बहुत ही अच्‍छी तरह से जानता है कि डेेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के संबंध हरियाणा की खट्टर सरकार से कैसे रहे हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान भी भारतीय जनता पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह ने भी बाबा के दरबार में हाजिरी बजाई थी। इसके बाद अगले ही दिन चुनाव पलट गए थे। 20 से 21 सीटें उम्‍मीद से ज्‍यादा बीजेपी की झोली में चली गईं थीं। तब ये कहा गया था कि बाबा की कृपा बीजेपी पर बरसी है।

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शायद सवाल भी इसीलिए उठ रहे हैं कि क्‍या हनीप्रीत को बचाकर कुछ लोग अपने उसी पुराने कर्ज को उतार रहे हैं। कई बार इस बात का यकीन करना मुश्किल हो जाता है कि हनीप्रीत कैसे पूरे एक राज्‍य की पुलिस को चकमा देकर बच सकती है और वो भी कितने दिन ? पिछले एक महीने का हिसाब किताब ये बताने और दिखाने के लिए काफी है कि हनीप्रीत की हर चाल हरियाणा पुलिस से दो कदम आगे की है। ऐसा तभी संभव है जब उसे पुलिस और सरकार की हर जानकारी की खबर सही वक्‍त पर मिलती रही। इस बात में भी कोई शक नहीं है कि बाबा की गिरफ्तारी और उसकी सजा के बाद भी उसके हजारों लाखों अंध भक्‍त हरियाणा और देश के दूसरे हिस्‍सों में मौजूद हैं। जो उनके खासमखास के कहने पर कुछ भी करने को तैयार रहते हैं।

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गुरमीत राम रहीम के अंध भक्‍त हर जगह मौजूद हैं। चाहें वो हरियाणा सरकार हो या फिर हरियाणा पुलिस। हरियाणा पुलिस अब कह रही है कि अगर हनीप्रीत ने पुलिस के सामने सरेंडर नहीं किया तो उसे भगोड़ा घोषित कर दिया जाएगा। ऐसा करके हरियाणा पुलिस क्‍या हासिल कर लेगी ? हनीप्रीत अघोषित भगोड़ा तो अभी से ही हो गई है। ऐसे में हरियाणा पुलिस की एसआईटी को चाहिए कि पहले अपने महकमे में ही इस बात की पड़ताल करे कि कहीं हनीप्रीत का कोई मुखबिर उनके ही बीच में तो मौजूद नहीं है। जो उसे लगातार बचाने की कोशिश कर रहा हो। हनीप्रीत का पकड़ा जाना बहुत जरूरी है। बाबा ने जितने गुनाह किए हैं वो उन सबकी राजदार है। उसकी गिरफ्तारी से कई चेहरे बेनकाब हो सकते हैं। क्‍या इसीलिए उसे बचाया जा रहा है ?