क्‍या वाकई अयोध्‍या में 2019 से पहले शुरु हो जाएगा राम मंदिर का निर्माण ?

अयोध्‍या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद का केस इस वक्‍त सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सवाल उठ रहे हैं क्‍या वाकई 2019 से पहले मंदिर का निर्माण शुरु हो जाएगा।

New Delhi Sep 29 : पिछले कई दिनों से राम मंदिर का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है। रह-रह कर नेताओं के बयान सामने आते रहे हैं। बीजेपी और विश्‍व हिंदू परिषद के अलावा दूसरे हिंदू संगठनों के नेता लगातार ये कह रहे हैं कि अयोध्‍या में राम मंदिर का निर्माण जल्‍द ही शुरु होगा। ये मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में सवाल ये भी पैदा होता है कि जब तक इस केस में सुप्रीम कोर्ट का कोई फैसला नहीं आ जाता कोई व्‍यक्ति राममंदिर के निर्माण की तारीख कैसे बता सकता है ? लेकिन, राममंदिर निर्माण की तारीख बताई जा रही है। योगी आदित्‍यनाथ की सरकार में मंत्री और बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कह दिया है कि अर्धकुंभ से पहले यानी 2019 से पहले राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरु हो जाएगा।  

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जाहिर है सिद्धार्थनाथ सिंह के इस बयान के बाद मुस्लिम संगठन चुप बैठने वाले नहीं हैं। वो भी ये सवाल कर सकते हैं कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का इस केस में फैसला नहीं आता तब तक मंत्री जी कैसे ये दावा कर सकते हैं कि अर्धकुंभ से पहले मंदिर का निर्माण शुरु हो जाएगा। दरसअल, सिद्धार्थनाथ सिंह के इस बयान के पीछे उनकी अपनी दलीलें हैं। वो कहते हैं कि राम मंदिर निर्माण के लिए दूसरे पक्षों का रुख नरम पड़ने लगा है। देश में मंदिर निर्माण को लेकर सकारात्‍मक माहौल तैयार हो रहा है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि ना सिर्फ अयोध्‍या में राममंदिर का निर्माण होगा बल्कि सभी पक्षों की रजामंदी के साथ होगा। सिद्धार्थनाथ सिंह के बयान को सिरे से नकारा भी नहीं जा सकता है।

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वो योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। संगठन में भी उन्‍हें बड़ी जिम्‍मेदारियां मिल चुकी हैं। वो योगी आदित्‍यनाथ की सरकार के आधिकारिक प्रवक्‍ता भी हैं। इसी के साथ हर किसी को ये भी पता है कि अयोध्‍या में मंदिर निर्माण का मसला हमेशा से भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे में रहा है। यानी उनके इस बयान को बीजेपी और योगी सरकार का आधिकारिक बयान माना जा सकता है। सिद्धार्थनाथ अपने दावे को पुख्‍ता करने के लिए स्वामी ब्रह्म योगानंद की भविष्यवाणी का भी सहारा ले चुके हैं। वो कहते हैं क‍ि ब्रह्म योगानंद जी ने नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की भविष्‍यवाणी की थी। जो सौ फीसदी सच साबित हुई। वो राम मंदिर के निर्माण को भी लेकर भी अपनी भविष्‍यवाणी कर चुके हैं।

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ब्रह्म योगानंद कर चुके हैं कि 2019 से पहले अयोध्‍या में राममंदिर के निर्माण का काम शुरु हो जाएगा। सिद्धार्थनाथ सिंह डंके की चोट पर इस बात को स्‍वीकारते हैं कि ये मसला बीजेपी के एजेंडे में शामिल है और पार्टी कभी भी इससे पीछे नहीं हटेगी। दशकों से इस विवाद को देश देख रहा है। अगर मुसलमानों का एक संगठन मंदिर निर्माण के समर्थन में खड़ा होता है तो दूसरा संगठन उसकी टांग खींचने लगता है। कई मुस्लिम संगठन इस मसले को लंबा खींचना चाहते हैं। 11 अगस्‍त से इस केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरु होनी थी। लेकिन, मुस्लिम पक्षकारों ने इस केस से जुड़े दस्‍तावेजों के ट्रांसलेशन के लिए तीन महीने का वक्‍त मांग लिया था। सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड कहता है कि इस विवाद से जुड़े मूल ऐतिहासिक दस्‍तावेज संस्‍कृत, पारसी, अरबी और उर्दू में हैं। जिनके ट्रांसलेशन का काम चल रहा है। 9000 पेज के दस्‍तावजे हैं और 90 हजार पन्‍नों में गवाहियां दर्ज हैं। वो भी संस्‍कृत, अरबी, फारसी और पाली भाषाओं में। इनके ट्रांसलेशन के बाद ही सुनवाई होगी। जहां एक ओर हमे लगता है कि तीन महीने में ट्रांसलेशन का भी काम पूरा नहीं हो पाएगा। वहीं योगी सरकार के मंत्री को उम्‍मीद है कि अर्धकुंभ से पहले मंदिर का निर्माण भी शुरु हो जाएगा। हम भी इंतजार करते हैं और आप भी इंतजार कीजिए।