राहुल गांधी जवाब दो ! पंजाब सरकार क्यों बचा रही थी हनीप्रीत को ?
हनीप्रीत को लेकर पंजाब सरकार की भूमिका संदिग्ध है। आरोप है कि अमरिंदर सिंह का सरकारी तंत्र उसे बचा रहा था। राहुल गांधी से जवाब मांगा जा रहा है।
New Delhi Oct 04 : 39 दिनों के लुका-छिपी के खेल के बाद आखिरकार डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी को हरियाणा पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। हनीप्रीत को हरियाणा पुलिस ने जिकरपुर-पटियाला हाईवे से उस वक्त गिरफ्तार किया जब वो पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सरेंडर करने के लिए आ रही थी। लेकिन, उसकी गिरफ्तारी और फरारी दोनों ही कई सवाल खड़े कर रहे हैं। जहां एक ओर हरियाणा पुलिस पर ये आरोप लग रहे थे कि वो उसकी तलाश ठीक ढंग से नहीं कर रही है वहीं दूसरी ओर पंजाब में कांग्रेस की सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि उसका सरकारी तंत्र हनीप्रीत को बचाने में जुटा हुआ था। ऐसे में अब राहुल गांधी से सवाल पूछे जा रहे हैं कि आखिर किसके कहने पर और क्यों हनीप्रीत को बचाया जा रहा था ?
अगर राहुल गांधी अपने विरोधियों से सवाल पूछते हैं तो उन्हें भी इस सवाल का जवाब देना चाहिए और देश की जनता को बताना चाहिए कि हकीकत क्या है। आखिर क्यों पंजाब की कांग्रेस की सरकार को हनीप्रीत में इतनी दिलचस्पी थी? हालांकि पंजाब सरकार अपने ऊपर लग रहे आरोपों का खंडन कर चुकी है। लेकिन, सिर्फ खंडन भर से काम नहीं चलता है। पंजाब सरकार के प्रवक्ता एक ओर कहते हैं कि हमने हनीप्रीत से जुड़ी हरियाणा पुलिस को सिर्फ खुफिया और अन्य प्रासंगिक जानकारियां मुहैया कराईं। रही बात उसे गिरफ्तार करने या फिर हिरासत में लेने की तो इसका कोई मतलब ही नहीं बनता है। पंजाब सरकार साफ तौर पर कहती है कि हनीप्रीत के खिलाफ राज्य में कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं है और ना ही उसका नाम वांछित लिस्ट में शामिल है।
आपको नहीं लगता है कि पंजाब सरकार हनीप्रीत को लेकर दो तरह की बातें कर रही है। हनीप्रीत को भगाने और बचाने में पंजाब के एक युवा आईपीएस का नाम भी सामने आया है। जिसने उसे पंजाब और राजस्थान में पनाह दिलवाई। हरियाणा के डीजीपी खुद इस बात का खुलासा कर चुके हैं। ऐसे में सवाल उठने लाजिमी हैं कि जिस लड़की की तलाश में कई राज्यों की पुलिस भटक रही हो उस लड़की को क्या एक आईपीएस अफसर बिना सरकार की सरपरस्ती में बचाने की जुर्रत कर सकता है ? हरगिज नहीं। वो भी तब जब हर किसी को पता है कि हनीप्रीत फरार है। सारे नेशनल न्यूज चैनल पर उसकी लगातार खबरें चल रही हैं। क्या इस मामले में पंजाब पुलिस ने हरियाणा पुलिस को गुमराह करने की कोशिश नहीं की?
क्या पंजाब का युवा आईपीएस अपनी मर्जी से हनीप्रीत की मदद कर रहा था? हरियाणा में कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में पार्टी के उपाध्यक्ष होने के नाते राहुल गांधी का भी ये दायित्व बनता है कि वो सामने आएं और बताएं कि हकीकत क्या है। क्यों पंजाब सरकार ने हनीप्रीत की मदद की ? क्यों पंजाब का युवा आईपीएस हनी प्रीत को बचा रहा था ? अगर वो अपनी मर्जी से ये सब कर रहा था तो आखिर अब तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई ? खबर तो ये भी है कि पंजाब के कई नेता भी उसे बचाने की कोशिश कर रहे थे। आखिर पंजाब सरकार उन नेताओं का खुलासा क्यों नहीं करती है ? डेरा सच्चा सौदा गुरमीत राम रहीम को जिस दिन दोषी ठहराया गया था उस दिन कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा था लेकिन, आज हनीप्रीत के मामले में वही कांग्रेस चुप क्यो है ?