डोकलाम में फिर ‘दंगल’ करना चाहता है चीन ? नहीं आ रहा है हरकतों से बाज !

चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। उसने एक बार फिर विवादित क्षेत्र डोकलाम के पास सड़क का निर्माण शुरु करा दिया है। तनाव बढ़ सकता है।

New Delhi Oct 06 : चीन और पाकिस्‍तान भारत के ऐसे पड़ोसी देश हैं जिन पर कभी भी भरोसा नहीं किया जा सकता है और ना ही ये दोनों देश कभी अपनी हरकतों से बाज आते हैं। इनके लिए अगर ‘लातों के भूत बातों से नहीं मानते’ वाली कहावत का इस्‍तेमाल किया जाएगा तो गलत नहीं होगा। चीन ने एक बार फिर से भारत से विवाद की शुरुआत कर दी है। विवादित क्षेत्र डोकलाम के पास उसने एक बार फिर से सड़क का निर्माण शुरु करा दिया है। चीन विवादित क्षेत्र से सिर्फ 12 किलोमीटर की दूरी पर इस सड़क का निर्माण करा रहा है। जबकि इससे पहले भारतीय सेना डोकलाम में चीनी सैनिकों को पीछे तक खदेड़ चुकी है। बुलडोजर से उसके निर्माण को तहस-नहस कर दिया गया था।

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28 अगस्‍त को भारतीय सैनिकों ने चीन फौज को डोकलाम से पीछे हटने को मजबूर कर दिया था। लेकिन, जैसे ही मामला ठंडा पड़ा चीन ने फिर से इस सुलगती आग को हवा दे दी थी। हालांकि चीन का तर्क है कि वो सड़क का निर्माण अपने इलाके में कर रहा है। जो डोकलाम से 12 किलोमीटर दूर है। चीनी फौज के 500 जवानों को सड़क निर्माण में लगे कर्मचारियों और मजदूरी की हिफाजत के लिए लगाया गया है। लेकिन, भारतीय सेना का कहना है कि डेवलपेंट का काम सिक्किम के उसी इलाके में हो रहा था जहां से भारतीय सैनिकों ने चीनी फौज को खदेड़ दिया था। डोकलाम वो विवादित क्षेत्र है जिस पर चीन भी दावा करता है और भूटान भी। डोकलाम में चीन भूटान को दबाने की कोशिश करता है।  

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लेकिन, भारत डोकलाम पर भूटान के दावे का समर्थन करता है और कहता है कि डोकलाम के दक्षिण में मौजूद ‘चिकन नेक’ के पास चीन के किसी भी तरह के डेवलपमेंट को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भारत के साथ यहां पर तनाव बढ़ने की आशंका के चलते चीन ने इस इलाके में अपनी फौज की मूवमेंट बढ़ा दी है। हालांकि भारतीय सेना भी इस इलाके पास ही मौजूद हैं। ये बात दीगर है कि जितनी फौज 28 अगस्‍त से पहले यहां पर थी उतनी कंपनियां आज यहां पर मौजूद नहीं हैं। लेकिन, तनाव बढ़ने की सूरत में भारतीय फौज का मूवमेंट एक बार फिर यहां पर बढ़ाया जा सकता है। एयरचीफ मार्शल बीएस धनोआ ने भी अभी गुरुवार को बताया था कि चुम्बी घाटी में चीनी सेना मौजूद है।

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हालांकि भारतीय फौज को उम्‍मीद है कि इस इलाके से चीनी सेना  जल्‍द ही वापस लौटेगी। चीनी सेना की मौजूदगी के बावजूद डोकलाम में भारत और चीन की आर्मी फिलहाल आमने-सामने नहीं हैं। एयरफोर्स के चीफ मार्शल बीएस धनोआ कहते हैं कि ये इलाका दोनों ही देशों के लिए पॉलिटिकल और इकोनॉमिक पावर हैं। ऐसे में हमें उम्‍मीद है कि चीन समझदारी दिखाते हुए शांतिपूर्ण तरीके से इस विवाद का हल निकालेगा। हालांकि इससे एयरफोर्स चीन ये भी कह चुके हैं क‍ि हमारी सेना दो मोर्चो पर एक साथ जंग के लिए तैयार हैं। एयरफोर्स पाकिस्‍तान और चीन दोनों का एक साथ मुकाबला करने में सक्षम है। लेकिन, मसले अगर पॉलिटिकल और डिप्लोमैटिक लेवल पर हल हों तो ज्‍यादा बेहतर होगा। जंग की सूरत में नुकसान हर किसी का होता है। चीन को बेवजह के विवादों से बचते हुए इस मामले पर समझदारी दिखानी चाहिए। नहीं तो फिर वो कहावत तो है ही कि ‘लातों के भूत बातों से नहीं मानते’।