CBI की ‘खातिरदारी’ से बहुत खुश हैं लालू यादव ! खाओ-खाओ और खाओ

CBI ने गुरुवार को लालू यादव से नौ घंटे की पूछताछ के साथ-साथ उनकी जमकर खातिरदारी भी की। क्‍या आगे भी लालू को सीबीआई की खातिरदारी मिलेगी ?

New Delhi Oct 06 : वैसे तो CBI का नाम सुनते ही अच्‍छे-अच्‍छे लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। लेकिन, लालू यादव जैसे नेता CBI के साथ भी मस्‍त रहते हैं। गुरुवार को लालू यादव को सीबीआई ने पूछताछ का नोटिस जारी किया था। रेलवे घोटाले में जारी तीसरे नोटिस पर वो सीबीआई मुख्‍यालय पहुंचे थे। जहां उसने करीब नौ घंटे तक पूछताछ की गई। लेकिन, करोड़ों रुपए के इस घोटाले की तफ्तीश के साथ-साथ CBI ने लालू की खातिरदारी में भी कोई कमी नहीं रखी। उन्‍होंने जो मांगा उन्‍हें दिया गया। लालू यादव भी सीबीआई की इस खातिरदारी से काफी खुश हैं। लेकिन, आने वाले दिनों में लालू को सीबीआई की ये खातिरदारी महंगी भी पड़ सकती है। अगर सबूत उनके खिलाफ गए तो लालू को पता है कि जेल में किस तरह की खातिरदारी होती है।

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गुरुवार की पूछताछ के दौरान लालू यादव को सीबीआई अफसरों ने ठेठ बिहारी खाना खिलाया। लंबी इंटेरोगेशन के दरम्‍यान लंच ब्रेक हुआ। लालू यादव से पूछा गया कि बताइए जनाब आप क्‍या खाएंगे। वैसे सीबीआई को उनका टेस्‍ट पहले से ही पता था। लंबे वक्‍त से सीबीआई लालू को ट्रीट करती आई है। लालू ने लंच ब्रेक में आलू का चोखा, अरहर की दाल और जीरा राइस खाने की फरमाइश की। सीबीआई की कैंटीन में फटाफट लालू रूपी आरोपी की फरमाइश का मैन्‍यू भेजा गया। सारा समान मंगाया और सीबीआई के दफ्तर में ही उन्‍हें लंच कराया गया। उनके खाने में बेहद ही कम मसालों का इस्‍तेमाल किया गया क्‍योंकि लालू तीखे मसाले वाले खानों से परहेज करते हैं। डॉक्‍टरों ने भी सलाह दी है कि तीखा मत खाइए।

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बहरहाल, सादा खाना खाने के बाद भी लालू यादव तीखे बोल ही बोलते हुए नजर आए। पूछताछ के दौरान बीच-बीच में नेता जी को तीन से चार बार चाय भी सर्व की गई। लालू से सीबीआई हेडक्‍वार्टर के तीसरे माले में पूछताछ की जा रही थी। जबकि उनकी बेटी मीसा भारती भी यहां पहुंच चुकी थीं। वो भी अंदर जाना चाहती थीं। फ्रंट गेट पर सुरक्षाकर्मियों को मीसा भारती ने बताया कि वो लालू की बेटी और सांसद हैं। इस पर सुरक्षाकर्मियों ने उसने उनका कोई भी पहचान पत्र दिखाने को कह दिया। लेकिन, मीसा भारती के पास अपनी पहचान साबित करने का कोई सामान नहीं था। बहरहाल, रिसेप्‍शन पर उनका फोटाे खींच कर आगंतुक कार्ड बना दिया गया और वहीं पर बिठा दिया गया। जहां वो घंटों पिता के बाहर आने का इंतजार करती रहीं।

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सीबीआई की खातिरदारी और पूछताछ के बाद जब वो बाहर आए तो कह दिया कि उन पर जो भी आरोप लगाए गए हैं वो राजनैतिक हैं। लालू अब ये कहते हुए घूम रहे हैं क‍ि मैंने रेल मंत्री रहते हुए रेल मंत्रालय में कई बदलाव किए लेकिन इन लोगों ने हमको ही आरोपी बना दिया। लालू यादव कहते हैं‍ कि उन्‍हें सीबीआई का व्‍यवहार बहुत अच्‍छा लगा। सीबीआई से उन्‍हें कोई शिकायत नहीं है। वो तो अपना काम कर रही है। लेकिन, समझने वाली बात ये है कि वो किसके इशारे पर काम कर रही है। बहुत अच्‍छी बात है कि लालू यादव को सीबीआई की खातिरदारी पंसद आई। उन्‍हें इसकी आदत भी डाल लेनी चाहिए। क्‍योंकि रेलवे के होटल टेंडर घोटाले में अभी तो ये पूछताछ की शुरुआत है। भविष्‍य में कई और ऐसे मौके आएंगे जब लालू की सरकारी खातिरदारी होगी।