हिंदुस्तान की रक्षा ‘शक्ति’ को चीन का सलाम, डोकलाम भूलने में वक्त भी नहीं लगा !

जबसे निर्मला सीतारमण ने हिंदुस्तान के रक्षा मंत्री का पद संभाला है, तबसे लग रहा है कि चीन भी डोकलाम से दूर होकर दोस्ती के किस्से गढ़ने लगा है।

New Delhi, Oct 08 : निर्मला सीतारमण, जिनके कंधों पर हिंदुस्तान के रक्षा मंत्री की बड़ी जिम्मेदारी है। रक्षा मंत्री ने अपना पद संभालने के साथ ही पहली प्राथमिकता के दौर पर बॉर्डर के इलाकों को चुना है। वो लगातार दौरा कर रही हैं और साथ ही देश की सुरक्षा के जुड़े हर पहलू पर चर्चा कर रही हैं। इस बीच डोकलाम का विवाद तो आपको याद ही होगा। क्या आप सोच सकते हैं कि रक्षा मंत्री जैसे ही इस इलाके का दौरा करने पहुंची तो, सीमा पार से चीन के सैनिकों द्वारा उन्हें अभिवादन दिया गया। शायद देश में पहली बार ऐसा नजार किसी ने देखा होगा। खुद रक्षा मंत्री ने इस बात के बारे में देश को बताया है कि जब वो सीमा पर पहुंची तो चीनी सेना ने उनके लिए हाथ हिलाकर खुशी जताई।

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इसके साथ ही रक्षा मंत्री ने बताया कि कुछ चीनी सैनिकों ने उनकी तस्वीरें भी खींची। दरअसल रक्षा मंत्री ने शनिवार को भारत-चीन बॉर्डर पर नाथूला का दौरा किया था। उन्होंने ट्विटर पर नाथूला की एक फोटो डाली और देश को बताया कि ‘मैं वहां पहुंची तो चीन के सैनिक मेरी फोटो लेने लगे।’ साफ है कि चीन भारत की इस शक्ति के बारे में अच्छी तरह से जानता है। इसलिए अब वो फालतू की बयानबाजियों और युद्ध की धमकी के पचड़े में पड़ना नहीं चाहता। ये दौरा डोकलाम में करीब 70 दिनों तक भारत और चीन के बीच टकराव के बाद हुआ है। आपको बता दें कि एक महीने पहले ही चीन की सेना डोकलाम से पीछे हटी है।

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निर्मला सीतारमण ने अपने ट्विटर पर लिखा है कि ‘मैंने फेंसिंग के दूसरी तरफ कई चीनी सैनिकों को देखा, जो वहां पहुंचने पर मेरी फोटो ले रहे थे। इसके साथ ही रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन के सैनिकों ने हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया। निर्मला सीतारमण गंगटोक से 52 किलोमीटर दूर नाथूला पास तक रोड से गईं थी। ईस्टर्न कमान के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अभय कृष्णा ने रक्षा मंत्री को सिक्कम सेक्टर में भारत-चीन बॉर्डर पर सिक्योरिटी की तैयारियों के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही आर्मी के वाइस-चीफ जनरल सारथ चंद्रा भी मौके पर मौजूद थे। इसके साथ ही कहा जा रहा है कि रक्षा मंत्री को डोकलाम और फ्रंट पोस्ट का हवाई सर्वे भी करना था।

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मौसम खराब होने की वजह से ऐसा नहीं किया गया। सीतारमण पहले ही साफ कर चुकी हैं कि अगर बॉर्डर के पार से चीन की सेना ने जरा सा भी हरकत की, तो इसका अंजाम बुरा होगा। इससे पहले भी कहा गया था कि हिंदुस्तान की सेना इस वक्त चीन से बेहतरीन पोजीशन पर है। इस वजह से चीन कोई भी गलत हरकत करने से पहले सौ बार सोचेगा। चीन सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में अपनी सड़क बनाना चाह रहा था। इसका पुरजोर विरोध किया गया था। भारत की सेना को चीन की कोरी धमकियों का जवाब देने के लिए बॉर्डर पर तैनात कर दिया गया था। हालांकि इस बीच चीन ने कई धमकियां दीं, लेकिन सारी धमकियां बेअसर साबित हुईं। 70 दिनों तक ये तनाव चलता रहा तो आखिरकार चीन को हार मानकर अपनी सेना को पीछे खींचना पड़ा था।