महात्मा गांधी की हत्या में ब्रिटेन का हाथ था, क्या वाकई में कुछ छुपाया गया है ?

महात्मा गांधी की हत्या में ब्रिटेन का हाथ हो सकता है। उनको 4 गोलियां मारी गई थीं। चौथी गोली मारने वाला हत्यारा हो सकता है। दोबारा जांच की मांग उठ रही है।

New Delhi, Oct 08: जंगल में मोर नाचा किसने देखा, अब ये तो वही बता सकता है जिसने देखा लेेकिन जिसने देखा उसे देखते हुए किसने देखा। कन्फ्यूज हो गए न आप, अरे हम बात कर रहे हैं महात्मा गांधी की हत्या के मामले की। गांधी के मर्डर का केस कब का बंद हो चुका है। दोषियों को सजा हो चुकी है। केस से संबंधित कई लोगों की मृत्यु हो चुकी है। उसके बाद एक बार फिर से उसी केस को खोलने की चर्चाएं हो रही हैं। गांधी हत्या केस की फिर से जांच को लेकर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है। याचिका दाखिल करने वाले हैं पंकज फड़नीस, जो अभिनव भारत के संस्थापक हैं।

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पंकज फड़नीस खुद को सावरकर का अनुयायी मानते हैं। उन्होंने ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि महात्मा गांधी पर 4 गोलियां चलाई गई थीं। चौथी गोली ने ही उनकी जान ली थी। पंकज का कहना है कि गांधी की हत्या में ब्रिटेन का हाथ होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कपूर आयोग जो इस केस की जांच कर रहा था। उसने बहुत अच्छा काम किया है। आयोग की जानकारियों के मुताबिक मनुबेन गांधी उस घटना की मुख्य गवाह थी। लेेकिन उनको ट्रायल के दौरान कभी पेश नहीं किया गया। 30 जनवरी को गोडसे ने बिरला हाउस का दौरा किया था। वो उस वक्त गांधी की हत्या कर सकता था। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।

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पंकज फड़नीस केे मुताबिक कपूर आयोग ने महात्मा गांधी की हत्या की जांच करने में दिलचस्पी दिखाने के बजाय सावरकर और उनके समूह की साजिश बता दिया। सवाल ये खड़ा होता है कि क्या वाकई गांधी की हत्या के बाद तथ्यों को छिपाया गया था। क्या सच्चाई पूरी तरह से जनता के सामने नहीं लाई गई थी। पंकज फड़नीस की एक याचिका हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी है। उसके बाद उन्होंने नए सबूतों के साथ फिर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। पंकज का कहना है कि जो सबूत उनके पास हैं उस से लगता है कि सेकंड वर्ल्ड वार में हिस्सा लेने वाली ब्रिटेन की एक यूनिट जिसे फोर्स 136 कहते थे, वो हत्या में शामिल है।

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पंकज का कहना है कि गांधी की हत्या जिस हथियार से हुई थी उसमें से केवल 7 गोलियां ही फायर की जा सकती थीं। 3 गोलियां चली थी, 4 जिंदा गोलिया बरामद हुई थी। इस तरह से सातों गोलियों का रिकॉर्ड है। लेकिन चौथी गोली का मतलब है कि दूसरे हत्यारे ने गोली चलाई थी, जिसके बारे में कहीं कोई रिकॉर्ड नहीं है। उसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता है। बहरहाल पंकज की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तारीख दे दी है। मगर सवाल ये है कि अब गांधी की हत्या की जांच में क्या नई बात सामने आएगी। इस केस से जुड़े ज्यादातर लोग नहीं रहे, देखते हैं कि अतीत के पन्नों से कौन सी सच्चाई का हर्फ सामने आता है।