पापा के कमर दर्द से कराह रही है हनीप्रीत, पुलिस से एक ही बात की कर रही है जिद !

फरारी के दौरान पंजाब में हनीप्रीत ने कई बार वकीलों से मुलाकात की थी, वो बार-बार एक ही रटा-रटाया जवाब दे रही है।

New Delhi, Oct 08 : हरियाणा पुलिस हनीप्रीत से ना तो कुछ राज उगलवा पा रही है, और ना ही कुछ ज्यादा सख्ती कर पा रही है। हनी ने कोर्ट में कहा कि पुलिस उन्हें टॉर्चर कर रही है, उन्होने पुलिस से कहा वो अपने पापा के पास जाना चाहती हैं, क्योंकि उनकी कमर में दर्द होगा। गुरमीत राम रहीम ने पंचकूला सीबीआई विशेष अदालत द्वारा सुनाये गये सजा को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी है, इसके साथ ही दोनों पीड़ित साध्वियों ने भी सजा को बढाकर उम्र कैद करने की मांग की है।

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हनीप्रीत ने अपने वकील से कहा कि हरियाणा पुलिस पूछताछ के दौरान उन्हें टॉर्चर कर रही है, साथ ही उन्होने कोर्ट में पेशी के दौरान भी यही बातें दोहराई थी, जिसकी वजह से पुलिस अधिकारियों को सफाई देनी पड़ी थी, अब एहतियात बरतते हुए पुलिस हनी से ज्यादा सख्ती नहीं बरत रही है। फरारी के दौरान पंजाब में हनी ने कई बार वकीलों से मुलाकात की थी, वो बार-बार एक ही रटा-रटाया जवाब दे रही है, पुलिस संभावना जता रही है कि वकीलों ने पहले ही हनी को सिखा-पढा दिया था, कि पुलिस के सामने उन्हें क्या बोलना है। शनिवार को हनीप्रीत को लेकर पुलिस की टीम हरियाणा के कुछ जिलों में गई, तीन जगहों पर पुलिस ने चेकिंग की, लेकिन उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ा।

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एक लीडिंग न्यूज वेबसाइट में छपी रिपोर्ट के अनुसार हनीप्रीत ने पिछले तीन दिनों में कई बार डॉक्टर्स और पुलिस अधिकारियों से कहा, कि उन्हें डेपा प्रमुख के पास भेज दिया जाए। उन्होने कहा कि पापाजी के कमर में दर्द रहता है, वो दर्द से परेशान होंगे, इसलिये मेरा वहां होना जरुरी है, एक डॉक्टर ने हनी से पूछा भी कि क्या तुम डॉक्टर हो, या कोई डिग्री हासिल की हुई हो, जो गुरमीत के दर्द होने पर वहां जाना चाहती हो। दूसरी ओर गुरमीत राम रहीम ने अपनी सजा के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर किया है। साथ ही दोनों पीड़िताओं ने भी सजा को बढाकर उम्र कैद करने की मांग लेकर कोर्ट पहुंची है। दोनों याचिकाओं पर एक साथ सोमवार को सुनवाई होगी।

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गुरमीत राम रहीम पर नये-नये आरोप लग रहे हैं, अब एक नया खुलासा ये हुआ है कि उन्होने अपने सबसे करीबी को ही नपुंसक बना दिया था, ये करीबी पंचकूला में दंगे भड़काने के आरोप में पुलिस रिमांड पर है। उसने कबूलनामे पर हस्ताक्षर किये हैं, जिसमें लिखा कि गुरमीत ने उन्हें साल 2000 में नपुंसक बना दिया था, साथ ही इस बात को किसी को नहीं बताने की सख्त हिदायत दी थी, हालांकि कुछ दिनों बाद ही उनके परिवार को ये बात पता चल गई थी, जिसके बाद परिजनों ने इसका विरोध किया, लेकिन डेरा प्रमुख के कारण वो नहीं बोल पाए। डेरा में कई लोग हैं, जिन्हें नपुंसक बनाया गया है, उन सभी लोगों से एफिडेविट में लिखवाया गया है कि वो अपनी मर्जी से ऐसा कर रहे हैं।