योगी आदित्‍यनाथ का प्‍लान ‘अयोध्‍या वाला’, सरयू पर लगेगी भगवान राम की भव्‍य मूर्ति

राम मंदिर जब बनेगा तब बनेगा लेकिन, उससे पहले योगी आदित्‍यनाथ ने सरयू नदी के तट पर भगवान राम की भव्‍य मूर्ति लगवाने की तैयारी शुरु कर दी है।

New Delhi Oct 10 : भारतीय जनता पार्टी और संघ परिवार के लोग हमेशा से ये कहते रहे हैं कि अयोध्‍या में राम मंदिर का निर्माण जरूर होगा। हालांकि अभी ये मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही तय होगा कि अयोध्‍या में विवादित जमीन पर क्‍या बनेगा। बहरहाल, अयोध्‍या में राम मंदिर जब बनेगा तब बनेगा। लेकिन, यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने अयोध्‍या में सरयू नदी के तट पर भगवान राम की सबसे बड़ी मूर्ति लगवाने की तैयारी शुरु कर दी है। योगी आदित्‍यनाथ ने सरयू के तट पर करीब सौ मीटर ऊंची भगवान राम की मूर्ति लगवाने की योजना तैयार की है। इससे योगी आदित्‍यनाथ को कई फायदे होंगे। एक तो हिंदू समुदाय में उनकी पैठ बढ़ेगी दूसरे राज्‍य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

Advertisement

दरअसल, योगी आदित्‍यनाथ इन दिनों ‘नव्य अयोध्या’ योजना के तहत धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहे हैं। जिसका प्रस्‍ताव उत्‍तर प्रदेश के राज्‍यपाल राम नाईक को भी दिखाया जा चुका है। इसी योजना के तहत सरकार ने अयोध्‍या में सरयू नदी के तट पर भगवान राम की भव्‍य मूर्ति स्‍थापित करने की योजना तैयार की है। ताकि अयोध्या को पर्यटन मानचित्र पर उभारा जा सके। सरयू के तट पर भव्‍य राम की मूर्ति का निर्माण पर्यटन विभाग की ओर से कराया जाएगा। योगी आदित्‍यनाथ की सरकार नहीं चाहती है कि इस काम में किसी का भी अड़ंगा लगे। इसलिए सभी तरह के कानूनी पहलुओं को भी ध्‍यान में रखा जा रहा है। सरयू तट पर भगवान राम की भव्‍य मूर्ति के लिए सरकार राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण यानी NGT से NOC भी लेगी।

Advertisement

क्‍योंकि इस बात की पूरी संभावनाएं हैं कि कुछ संगठन सरयू के तट पर भगवान राम की भव्‍य मूर्ति के विरोध में पर्यावरण की दलीलें दे सकती हैं। लेकिन, अगर योगी आदित्‍यनाथ की सरकार के पास पहले से ही राष्‍ट्रीय हरित प्राधिकरण का अनापत्ति प्रमाण पत्र होगा तो लोगों की आपत्तियों से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। योगी आदित्‍यनाथ के इस काम में दूसरे तरह से भी पेंच फंसाया जा सकता है। सरकार उन आपत्तियों को भी ध्‍यान में रखे हुए है। अयोध्‍या में सिर्फ राम की भव्‍य प्रतिमा ही नहीं बल्कि इसके अलावा रामकथा गैलरी भी बनाई जाएगी। सरयू तट का विकास और उसका सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। ‘रानी हो’ के स्मारक घाटों में सुधार कराया जाएगा। गुप्तार घाट का भी कायाकल्‍प होगा।

Advertisement

कहते हैं कि गुप्‍तार घाट में ही भगवान राम ने जल समाधि ली थी। नव्‍या अयोध्‍या योजना के तहत दिगम्बर अखाड़ा परिसर में बहुउद्देश्यीय प्रेक्षागृह का निर्माण होगा। राम की पौड़ी को दुरुस्‍त किया जाएगा। पर्यटकों के ठहरने का अच्‍छा और बेतहरीन बंदोबस्‍त किया जाएगा। ताकि लोग अयोध्‍या में आएं तो तारीफ करके जाएं। इतना ही नहीं सुरक्षा के लिहाज से भी तमाम कदम उठाए जाएंगे। मसलन जगह-जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाना, पुलिस बूथ बनवाना बगैरह-बगैरह। इस पूरे प्रोजेक्‍ट पर करीब 195 करोड़ रूपए खर्च होंगे। इसे मंदिर निर्माण से पहले की तैयारी का भी नाम दिया जा सकता है। यानी मंदिर देर सवेर बनता रहेगा लेकिन, भगवान राम का परिसर कुछ वक्‍त में जरूर चमकेगा।