भारत के इस दांव से बौखलाया ड्रैगन, ‘निर्मल नमस्ते’ पर फिदा हुआ चीनी मीडिया

चीनी मीडिया ने भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की जमकर तारीफ की है। ‘निर्मल नमस्ते’ ने वो काम कर दिया तो कूटनीति से नहीं हो पाया था।

New Delhi, Oct 11: ये तो कमाल हो गया, चीनी मीडिया उस काम के लिए भारत की तारीफ कर रहा है जो हमारे देश में दिन में लाखों बार किया जाता है। जो काम कूटनीतिक दांव नहीं कर पाया वो काम एक साधारण से नमस्ते ने कर दिखाया। जी हां बात कर रहे हैं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के नमस्ते की। जो उन्होंने चीनी सैनिकों से किया था। सिक्किम में चीन सीमा पर पहुंची सीतारमण ने चीनी सैनिकों से न केवल नमस्ते किया बल्कि उनको ये भी बताया कि ये कैसे किया जाता है और इसका मतलब क्या होता है।

Advertisement

रक्षा मंत्री की नमस्ते वाली तस्वीरें जमकर वायरल हुई थी। इन तस्वीरों ने वो काम कर दिखाया हैै जो अभी तक नहीं हुआ था। चीनी मीडिया भारत के एक मंत्री की तारीफ कर रहा है। निर्मल नमस्ते ने अपना काम कर दिया है। डोकलाम विवाद के बाद ये पहली बार है जब चीन के मीडिया ने भारत की तारीफ की है। चीनी मीडिया ने इसे दोस्ताना रवैया बताया है। ग्लोबल टाइम्स में छपे लेख में कहा गया है कि भारत की रक्षा मंत्री का पारंपरिक तौर पर चीनी सैनिकों को नमस्ते कहना दिखाता है कि वो सीमा पर शांति के पक्ष में हैं। साथ ही वो आगे से किसी तरह का विवाद नहीं चाहती हैं।

Advertisement

ग्लोबल टाइम्स में लिखा है कि ये भारत और भारतीयों का सच्चा और जिम्मेदारी भरा व्यवहार है। डोकलाम विवाद से पहले और बाद में, चीनी सरकार अपने नागरिकों के समर्थन के साथ सीमा पर शांति बनाए रखने की उम्मीद कर रही थी। लेख में लिखा है कि भारत के लोगों की समझ सीमा को लेकर नीति के संबंध में साफ नहीं है। वो जज्बाती हो जाते हैं। कुछ भारतीयों को लगता है कि सरकार को चीन के खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिए। जबकि रक्षा मंत्री का रवैया बेहद दोस्ताना है। वो दोनों देशों के बीच शांति चाहती हैं, किसी भी तरह के विवाद के पैदा होने से नुकसान दोनों देशों को हो सकता है।

Advertisement

ग्लोबल टाइम्स में लिखा है कि चीन सीमा पर हाल के दिनों में भारत ने सेना की तैनाती को बढ़ाया है। बहरहाल चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में जो कुछ भी लिखा है वो चीन की चिंता को भी दिखा रहा है। चीन को पता है कि भारत की बढ़ती ताकत उसके लिए ठीक नहीं है। यही कारण है कि लेख में ये भी लिखा है कि चीन अंतरराष्ट्रीय नीति में भारत को ज्यादा महत्व नहीं देता है। जबकि हाल के दिनों में चीन का पूरा ध्यान भारत पर ही है। डोकलाम विवाद में चीन को अपने कदम वापस खींचने पड़े थे, जिस से उसकी साख को धक्का लगा है। ऐसे में इस लेख के जरिए वो ये दिखा रहा है कि भारत दोस्ताना संबंध के लिए उत्सुक है।