ठाकरे जूनियर की नई फिल्म ‘गुंडई रिटर्न्स’, कोर्ट, कचहरी, कानून मेरे ठेंगे पर !

महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे जूनियर अपनी हनक दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वो वही काम कर रहे हैं जिस पर सुप्रीम कोर्ट तक फटकार लगा चुका है।

New Delhi, Oct 12: महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे नाम की महिमा से कौन वाकिफ नहीं है, एक समय था, जब मुंबई पर ठाकरे का राज हुआ करता था। बाला साहब ठाकरे की एक आवाज से मुंबई थम जाती थी, अब वो समय तो नहीं रहा, लेकिन फिर ठाकरे नाम की धमक बरकरार है। ठाकरे की विरासत दो टुकड़़ों में बंट गई, एक पर उनके बेटे उद्धव ठाकरे ने कब्जा किय तो खुद को उनका असली वारिस बताने राज ठाकरे ने भी अपनी सियासी दुकान खोल ली। ठाकरे जूनियर के तौर पर मशहूर राज ने अपनी राजनीति नफरत से शुरू की। इंस्टेंट फेम के लिए उन्होंने मराठी मानुष का मुद्दा उठाया औऱ बाहर से आए लोगों की पिटाई शुरू कर दी।

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ठाकरे जूनियर का ये तरीका लोगों को पसंंद नहीं आया, आखिर नफरत की राजनीति कितने दिन चलेगी, ये बात राज ठाकरे को भी समझ आई, पूरे महाराष्ट्र में कई जगहों पर राज ठाकरे के खिलाफ केेस दर्ज किए गए, आखिर कैसे कोई भारतीय नागरिक को किसी राज्य में रहने से रोक सकता है। केस हुए तो राज ठाकरेे भी खामोश हुए, कुछ दिनों तक वो  खामोशी बरकरार रही, मगर अब वो फिर से करवट ले रहे हैं, एक बार फिर महाराष्ट्र में अपनी धमक दिखाना चाहते हैं। इसके लिए वो सबसे आसान टारगेट चुन रहे हैं। राज ठाकरे की नई फिल्म गुंडई रिटर्न्स शुरू हो गई है। उत्तर भारतीयों पर हमला होना शुरू हो गया है। मीडिया में राज का नाम आने लगा है।

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सांगली में राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के कार्यकर्ताओं की गुंडई सामने आई है। मनसे के गुंडों ने उत्तर भारतीयों को सड़क पर दौड़ा दौड़ा कर पीटा, इसका वीडियो देख कर किसी का भी खून खौल जाएगा, ये क्या चाहते हैं कि देश में कश्मीर जैसे कई और मोर्चे खुल जाएं। जी हां क्योंकि राज जैसे नेता अक्सर कश्मीर का हवाला देते हैं कि वहां पर बाहर से लोगों को नहीं बसने दिया जाता है। तो क्या राज ठाकरे महाराष्ट्र को कश्मीर बनाना चाहते हैं। इस से बड़ी बात तो ये है कि मनसे ने लाठी चलाओ भैया भगाओ नाम से अभियान शुरू किया है। इस अभियान के जरिए मनसे के कार्यकर्ता पर प्रांतियों को हटा रहे हैं। यवतमाल में भी एक दफ्तर में मनसे के गुंडों ने तोड़फोड़ की है। 

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माने राज ठाकरे की पार्टी कोर्ट, कचहरी और कानून से ऊपर हो गई है। उस संविधान से ऊपर हो गई है जिसकी पहली ही लाइन कहती है वी द पीपुल। ठाकरे जूनियर के पुराने केस अभी तक चल रहे हैं। 2008 में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस भी भेजा था। मनसे की गुंडई पर रोक लग पाने में नाकाम रहने पर सरकार की फटकार भी लगाई थी। केंद्र सरकार पर भी आरोप लगता रहा है कि वो राज्य सरकार को इस तरह की राजनीति करने वाले नेताओं पर लगाम लगाने के निर्देश नहीं देती है। हर किसी को अपने वोटबैंक का डर सताता है। जमानत पर बाहर राज ठाकरे जैैसे नेता भारतीय समाज की उस गांठ को खोलने की कोशिश कर रहे हैं जिस से हिंदुस्तान बंधा हुआ है।