अमित शाह बोले, खूब बोले, बेटे के बचाव से ज्यादा कांग्रेस पर हमला, ये नई रणनीति है

अमित शाह ने अपने बेटे की कंपनी पर बात की, लेकिन बेटे का बचाव करने से ज्यादा फोकस उन्होंने कांग्रेस पर हमला करने में रखा, बोफोर्स का जिक्र किया।

New Delhi, Oct 13: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अपने बेटे पर लगे आरोपों पर पहली बार बोले, वो खूब बोले, लेकिन बेटे के बचाव से ज्यादा वो कांग्रेस पर हमलावर रहे। जिस वेबसाइट ने जय शाह की कंपनियों के टर्नओवर को लेकर खबर छापी थी उस पर जय ने 100 करोड़ की मानहानि का केस किया है। इस पर शाह ने कांग्रेस को लपेट लिया। उन्होंने कहा कि जिस की मानहानि होगी वो केस तो करेगा ही, कांग्रेस पर इतने घोटालों के आरोप लगे लेकिन कांग्रेस ने कभी मानहानि का केस नहीं किया, क्योंकि वो जानते थे कि उन्होंने घोटाला किया है। ये शाह की नई रणनीति है, वो जय शाह पर लगे आरोपों से खुद को दूर रख कर सफाई दे रहे हैं वो भी हमले की शक्ल में।

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बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि जय शाह की कंपनी में कोई गड़बड़ नहीं है। शाह ने कहा कि मुनाफे और टर्नओवर में अंतर होता है। जय ने खुद इस मामले में जांच की मांग की है, वो सरकार से किसी भी तरह का बिजनेस नहीं करते हैं। उन्होंने सरकार से एक रूपये की मदद नही ली है। न सरकारी जमीन ली है, न ही बोफोर्स की तरह दलाली खाई, जय की कंपनी पूरी तरह से कानूनी नियमों का पालन करती है। शाह ने अपने बेटे की कंपनी के कारोबार को लेकर डीटेल में बात की। उन्होंने कहा कि अगर कोई कंपनी एक करोड़ की हो गई है तो ये नहीं कहा जाएगा कि उसका टर्मओवर एक करोड़ गुना बढ़ गया है।

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अमित शाह ने कहा कि ये कमोडिटी एक्सचेंज का बिजनेस है, इसमें टर्नओवर ज्यादा होता है और मुनाफा कम होता है। शाह ने बताया कि जय की कंपनी का टर्नओवर 80 करोड़ का है लेकिन इसके बाद भी उनको डेढ़ करोड़ का नुकसान हुआ है। ये सारा काम बैंक से हुआ है, इसमें मनी लॉन्ड्रिंग कहा है। साफ है कि बीजेपी अध्यक्ष ने अपने बेटे पर लगे आरोप पर बात तो की, लेेकिन बचाव से ज्यादा उनका फोकस कांग्रेस पर हमला करने पर रहा। इसका पहला कारण तो ये है कि जय शाह ने मानहानि का केस कर दिया है। अब कोर्ट में मामला चलेगा, जिस वेबसाइट ने खबर छापी थी वो अपनी खबर को सही साबित करे। दूसरा इस के जरिए शाह ने कांग्रेस के काले अतीत को फिर से सामने खड़ा कर दिया है।

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शाह का ये कहना है कि कांग्रेस पर आजादी के बाद से कितने घोटालों के आरोप लगे लेकिन उसने कभी मानहानि करने का साहस नहीं किया। ये लाइन शाह के अटैक की कोर लाइन थी। वो ये बतानना चाह रहे हैं कि कांग्रेस खुद ये मानती है कि उसने घोटाले किए हैं, इसलिए वो कोर्ट में मानहानि का केस करने का नैतिक साहस नहीं जुटा पाई। बोफोर्स का जिक्र करके उन्होंने कांग्रेस की दुखती रग पर हाथ रख दिया है। गांधी परिवार से जुड़े मुद्दों पर कांग्रेसी वैसे ही आक्रामक हो जाते हैं। शाह यही चाह रहे हैं कि कांग्रेस के नेता बयानबाजी में उलझे और वो कोई ऐसा बयान दे जाएं जिसे वो हथियार की तरह इस्तेमाल कर सकें।