हिमाचल प्रदेश में चुनाव के एलान से कांग्रेस नाराज, EC पर उठाया सवाल ?

हिमाचल में विधानसभा चुनाव की तारीख का एलान हुआ तो गुजरात में क्यों नही किया गया, इसी को लेकर कांग्रेस ने EC पर ही सवाल उठा दिए हैं।

New Delhi, Oct 13: चुनाव का दौर फिर से शुरू होने वाला है। हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था कुछ इस तरह की है कि हर साल किसी न किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं। इस से विकास की योजनाएं प्रभावित होती हैं। आचार संहिता लग जाने के कारण कई फैसले अटक जाते हैं। तो ये सिलसिला फिर से शुरू होने वाला है। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीख का एलान हो गया है। एलान तो गुजरात विधानसभा चुनाव का भी होना था, लेकिन न जाने क्या सोच कर चुनाव आयोग ने गुजरात में चुनाव की तारीख का एलान नहीं किया। इस बात को समझे तो बेहद सामान्य है, लेकिन सियासी दलों ने इस को लेकर भी भी EC पर सवाल खड़ा कर दिया है। गौर करने वाली बात ये है कि सवाल खड़ा किसने किया है, कांग्रेस ने।

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वही कांग्रेस जो कुछ दिनों पहले तक आयोग की तारीफ कर रही थी, मामला अहमद पटेल के राज्यसभा चुनाव का था। जब बीजेपी के विरोध के बाद भी चुनाव आयोग ने पटेल की जीत को वैध ठहराया था। उस समय कांग्रेस ने कहा था कि चुनाव आयोग स्वतंत्र संस्था है उसने लोकतंत्र की लाज रख ली है। अब गुजरात चुनाव की तारीख का एलान नहीं करने पर वही कांग्रेस आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है। कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार के निर्देश पर आयोग ने ऐसा किया है। यानी अब चुनाव आयोग स्वतंत्र संस्था नहीं रही.यानी कांग्रेस के हक में फैसला आए तो वो स्वतंत्र और अगर उसके मन की न हो तो आयोग केंद्र सरकार की कठपुतली।

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हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बारे में भी बात कर लेते हैं। चुनाव तो EC ही कराएगा जो कांग्रेस के मुताबिक कभी स्वतंत्र होता है तो कभी कठपुतली। हिमाचल में 9 नवंबर को मतदान होगा और 18 दिसंबर को नतीजा आएगा.हिमाचल में कांग्रेस के सामने सत्ता बचाने की चुनौती है। वीरभद्र सिंह पर लगे भ्रष्टााचार के आरोप के बाद भी राहुल गांधी उनको फिर से सीएम कैंडिडेट बना चुके हैं। बीजेपी इस को अभी से मुद्दा बना रही है। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह को सीएम कैंडिडेट बना कर साफ कर दिया कि उसकी राज्य के विकास से ज्यादा दिलचस्पी नेताओं के व्यक्तिगत विकास में है। चुनाव की तारीख के एलान के साथ ही राज्य में आचार संहिता लागू हो गई है। अब दो महीने तक राज्य में कोई बड़ा काम नहीं हो पाएगा।

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हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की 68 सीटें हैं। यहां पर बहुमत का जादुई आंकड़ा 35 सीटों का है। फिलहाल राज्य में कांग्रेस के 36 विधायक हैं, बीजेपी के पास 27 विधायक हैं। पांच सीटों पर निर्दलीयों का कब्जा है। हिमाचल प्रदेश की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 7 जनवरी 2018 को खत्म हो रहा है। वहीं गुजराात विधानसभा का कार्यकाल 22 जनवरी 2018 को खत्म हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि गुजरात में चुनाव की तारीख का एलान जल्द ही किया जा सकता है। नतीजे गुजरात के 18 दिसंबर को ही आएंगे। बस तारीख को लेकर सस्पेंस बरकरार है। EC के काम करने का अपना तरीका है. उस पर अक्सर सियासी दल  सवाल खड़े करते रहते हैं। ये कोई पहला मौका नहीं है, हर पार्टी ऐसा करती है, इस बार कांग्रेस कर रही है। कांग्रेस को लग रहा है कि गुजरात में वो अच्छा कर सकती है इसलिए वो तारीखों का बेसब्री से इंतजार कर रही है। आयोग उसका इंतजार बढ़ा रहा है।