पटाखा बैन : हरियाणा वाले खुश ना हों तीन घंटे भी नहीं कर पाएंगे आतिशबाजी

सुप्रीम कोर्ट ने पटाखा बैन किया हुआ है। उधर, पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने पटाखों को जलाने की टाइम लिमिट तय कर दी है। फिर भी आप पटाखा नहीं जला पाएंगे।

New Delhi Oct 13 : जैसा की आपको मालूम हैं कि दिल्‍ली एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट ने पटाखा बैन किया हुआ है। शुक्रवार को इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में फिर से सुनवाई हुई। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर लगी रोक को हटाने से साफ इनकार कर दिया है। पटाखा बैन का अपना फैसला बरकरार रखा है। वहीं दूसरी ओर इसी तरह के एक अलग केस में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में भी सुनवाई हुई। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा में पटाखा जलाने का समय निर्धारित कर दिया है। हरियाणा के लोग शाम साढ़े छह बजे से लेकर रात साढ़े नौ बजे तक पटाखा जला सकते हैं। लेकिन, तकनीकी तौर पर देखे तो हरियाणा के कई जिलों के लोग इसका फायदा नहीं उठा सकते हैं। क्‍योंकि वहां सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू होगा।

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पटाखा बैन को लेकर आप अपने कंफ्यूजन को दूर कर लीजिए। हरियाणा दिल्‍ली से सटा हुआ राज्‍य है। जिसके कई शहर एनसीआर में आते हैं। गुरुग्राम और फरीदाबाद के अलावा रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, मेवात, पलवल, सोनीपत, पानीपत, रोहतक, झज्‍जर और भिवानी भी एनसीआर के दायरे में ही आते हैं। यानी हरियाणा के 21 जिलों में 11 जिले एनसीआर का हिस्‍सा है। जहां पर पटाखा बैन को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू होगा। यानी हरियाणा के 21 जिलो में से 11 जिलों में पटाखों पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी। ये बात दीगर है कि कोई कानून को ताक पर रखकर पटाखा जलाता है तो अगल बात होगी। लेकिन, कानूनी तौर पर इन जिलों में ना तो पटाखों की बिक्री होगी और ना ही पटाखों को जलाया जा सकता है।

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सीधे शब्‍दों में समझ लीजिए कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, मेवात, पलवल, सोनीपत, पानीपत, रोहतक, झज्‍जर और भिवानी में पटाखे नहीं बिकेंगे। अगर यहां पटाखों की बिक्री के लिए लाइसेंस दिए गए या पटाखे बेंचे गए तो उसे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना माना जाएगा। हालांकि इन जिलों के अलावा हरियाणा के दूसरे जिलों में रहने वाले लोग दिवाली के दिन शाम साढ़े छह बजे से लेकर रात साढ़े नौ बजे तक पटाखा जला सकते हैं। इन तीन घंटों में वहां पटाखा बैन नहीं रहेगा। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि लकी ड्रा के जरिए पटाखा दुकानों के लाइसेंस जारी किए जाएं। लेकिन, पटाखा व्‍यापारियों में भी कंफ्यूजन की स्थिति साफ तौर पर देखने को मिल रही है।  

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दिल्‍ली-एनसीआर में एक नवंबर तक पटाखों की बिक्री पर रोक है। सुप्रीम कोर्ट अपने इस फैसले को वापस लेने से इनकार कर चुका है। पटाखा बैन के खिलाफ कारोबारियों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका भी लगाई थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने तब भी अपने फैसले को बरकरार ही रखा है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अगली सुनवाई तक पटाखा की बिक्री पर रोक जारी रहेगी। दिल्‍ली एनसीआर में इस बार की दिवाली बिना आतिशबाजी के मनेगी। दरअसल, अदालत ने ये फैसला बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लिया है। जहां एक ओर तमाम लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्‍वागत कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर इसका विरोध भी हो रहा है। वाद विवाद कुछ भी हो लेकिन, सुप्रीम कोर्ट का आदेश सर्वमान्‍य है।