राहुल गांधी के शेर पर स्मृति ईरानी का सवा शेर, दो लाइन और कई जवाब

राहुल गांधी खुद को मोदी के बराबर खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं स्मृति ईरानी उनको अलग ही मैदान पर घेर रही हैं, कौन जीतेगा ये मुकाबला ?

New Delhi, Oct 15: ये मुकाबला बेहद दिलचस्प होता जा रहा है, एक तरफ गांधी परिवार के चश्मों चिराग हैं, तो दूसरी तरफ वो हैं जो गांधी परिवार के गढ़ में लगातार चुनौती दे रही हैं। आपको अंदाजा हो गया होगा कि जिनका जिक्र किया जा रहा है। राहुल गांधी जो नए कलेवर में दिखाई दे रहे हैं। मोदी के समकक्ष खड़ा होने के लिए वो सारे जतन कर रहे हैं। अपनी भाषा पर काम कर रहे हैं। भाषण देने की शैली पर काम कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोगों से जुड़ने की उनकी कोशिश भी साफ दिखाई दे रही है। राहुल वो सारे काम कर रहे हैं जिनके सहारे वो राजनीति में अपना मुकाम मोदी के बराबर कर पाएं। हालांकि अभी उनको काफी सीखने की जरूरत जानकार बताते हैं।

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राहुल की कोशिशों का स्तर देखिए, वो अब हिंदी में ट्वीट करते हैं, उनके ट्वीटर हैंडल से शेर और शायरी की जा रही है, जिनके जरिए मोदी सरकार पर निशाना साधा जा रहा है। अब बात करते हैं उस मुकाबले के बारे में जिसका जिक्र हमने ऊपर किया था। राहुल ने हाल ही में एक शेर ट्वीट करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा था। दुष्यंत कुमार का शेर है भूख है तो सब्र कर, रोटी नहीं तो क्या हुआ, आजकल दिल्ली में है जेरे-बहस ये मुद्दा। इस शेर के जरिए राहुल का निशाना हंगर इंडेक्स में भारत के 100वें नंबर की रैंकिग पर था। राहुल ने कहा भी था कि मोदी राज में देश में भूखे लोगों की संख्या बढ़ी है। राहुल ने वार तो कर दिया लेकिन उनके मुकाबले में स्मृति ईरानी सामने आईं, अमेठी में चुनाव लड़ने के बाद से ही ईरानी राहुल के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही हैं।

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राहुल गांधी ने शेर को जरिया बनाया तो स्मृति ईरानी की तरफ से भी शेर आया, बल्कि ये कहें कि ईरानी ने सवा शेर मार दिया तो गलत नहीं होगा। राहुल ने जहां मोदी सरकार पर निशाना साधा, तो वहीं स्मृति ने कांग्रेस की सत्ता की भूख पर ही निशाना साध दिया। चलिए पहले ईरानी ने क्या शेर लिखा है ट्वीटर पर ये बता देते हैं। स्मृति ने लिखा है कि ऐ सत्ता की भूख- सब्र कर, आंकड़े साथ नहीं तो क्या, खुदगर्जों को जमा कर, मुल्क की बदनामी का शोर तो मचा ही लेंगे। इस एक शेर के जरिए ईरानी ने राहुल के कई मुद्दों का एक साथ जवाब दे दिया। राहुल ने अमेरिका में जिस तरह बयान दिया था वंशवाद को लेकर और मोदी पर हमला किया था, उसका जवाब भी ये शेर दे रहा है।

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वहीं स्मृति ने ये भी कहा कि कांग्रेस के पास आंकड़ों की कमी है, वो बिना आंकड़ों और तथ्यों के सरकार पर हमला करती है। ईरानी के इस ट्ववीट से ये भी साफ हो रहा है कि कांग्रेस भले राहुल को मोदी के समकक्ष खड़ा करने की कोशिश करे, लेकिन बीजेपी ने जता दिया है कि वो पहले ईरानी का मुकाबला करें। अमेठी में लगातार स्मृति ईरानी अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही हैं। जीतने के बाद राहुल जितनी बार अमेठी नहीं गए, हारने के बाद ईरानी उस से ज्यादा बार चक्कर लगा आई हैं। वो अमेठी के लोगों के कनेक्शन जोड़ने में कामयाब लग रही हैं। अगले लोकसभा चुनाव में ये संभव है कि वो राहुल को अमेठी में पटखनी दे दें। बीजेपी की कोशिश तो यही है, अगर अमेठी का किला ढहता है तो ये कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका होगा। राहुल की हार का मतलब तो आप समझते ही हैं, बहरहाल ये मुकाबला कौन जीतेगा इसका पता तो 2019 में चलेगा, लेकिन छोटी छोटी जंगों में तो ईरानी भारी पड़ती दिख रही हैं।