अमेरिका के खिलाफ मिसाइलों की बौछार करेगा नॉर्थ कोरिया ?
कोरियाई प्रायद्वीप पर अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच उत्तर कोरिया ने एक बार फिर अमेरिका को धमकी दी है।
New Delhi Oct 16 : नॉर्थ कोरिया और अमेरिका के बीच जुबानी जंग जारी है। लेकिन, कब ये जुबानी जंग परमाणु युद्ध में तब्दील हो जाएगी कह पाना मुश्किल हैं। जहां एक ओर वाशिंगटन में नॉर्थ कोरिया को सबक सिखाने की तैयारी चल रही है वहीं दूसरी ओर उत्तर कोरिया ने भी अमेरिका को धमकी दे दी है कि वो गुआम पर इतनी मिसाइलों की बौछार करेगा कि अमेरिका धुआं-धुआं हो जाएगा। नॉर्थ कोरिया ने साफ शब्दों में कह दिया है कि अगर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूं ही उकसाने वाले बयान देते रहे तो उन्हें मिसाइलों की बौछार का भी सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। दरअसल, प्रशांत महासागर के गुआम द्वीप पर अमेरिकी एयरफोर्स और नौसेना का एयरबेस है।
अगर नॉर्थ कोरिया ने अपनी धमकी के मुताबिक गुआम पर मिसाइलों की बौछार कर इसे तबाह कर दिया तो यकीनन अमेरिका को भारी नुकसान होगा। उसके पास उत्तर कोरिया पर हमला करने के लिए यहां पर बेस कैंप ही नहीं बचेगा। हालांकि जंग की सूरत में जापान और साउथ कोरिया अमेरिका का साथ देंगे। लेकिन, माना जा रहा है कि चीन नॉर्थ कोरिया की तरफदारी कर सकता है। उत्तर कोरिया की सरकार डीपीआरके ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट को उकसावे वाला बताया है। कई महीनों से दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है। ये तनाव उत्तर कोरिया के परमाणु मिसाइल परीक्षण को लेकर है। अभी पिछले महीने ही नॉर्थ कोरिया ने हाइड्रोजन बम का भी परीक्षण किया था।
हालांकि कोई भी देश नहीं चाहता है कि कोरियाई प्रायद्वीप में जंग हो लेकिन, कोई झुकने को भी तैयार नहीं है। उत्तर कोरियाई सरकार पहले से ही ये चेतावनी देती रही है कि हम अपनी सुरक्षा के लिए प्रतिक्रिया में हमले करेंगे। इसके लिए कोरियाई सरकार अमेरिका के गुआम में मौजूद नौसेना और एयरबेस पर मिसाइल की बौछार भी कर सकती है। नॉर्थ कोरिया की धमकी के बाद अमेरिका भी अलर्ट हो गया है। उसने अपने इस अडवांस बेस को अलर्ट मोड पर रखा है। इसके अलावा उत्तर कोरिया की गतिविधियों पर सेटेलाइट के जरिए भी नजर रखी जा रही है। नॉर्थ कोरिया के हमले की ये धमकियां उस वक्त से और बढ़ गई हैं जब US B-1B स्ट्रैटजिर बॉम्बर्स ने साउथ कोरिया के ऊपर से उड़ान भरी है।
इतना ही नहीं अमेरिका और साउथ कोरिया ने नॉर्थ कोरिया को अपनी ताकत दिखाने के लिए एक साथ अपने लड़ाकू विमानों को उड़ाया था। आगे अमेरिका के B-1B स्ट्रैटजिर बॉम्बर्स थे जबकि पीछे साउथ कोरिया फाइटर प्लेन थे। हालांकि अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ कहते हैं कि ये गुआम में सैन्य अभ्यास था। लेकिन, इसके पीछे अमेरिका की रणनीति साफ तौर पर दिख रही थी। अमेरिका नॉर्थ कोरिया को ये दिखाना और जताना चाह रहा था कि अगर वो कोई हरकत करेगा तो उसकी आर्मी तैयार है। लेकिन, उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन किसी के दबाव में ही नहीं आ रहा है। उसके मन में जो आ रहा है वो कह रहा है। उसी की शह का ये नतीजा है कि आज उत्तर कोरियाई सरकार कहती है कि वो अमेरिका के खिलाफ गुआम में मिसाइलों की बौछार कर देगी। यहां आक्रामकता का जवाब आक्रामकता से ही दिया जा रहा है।