‘कलयुग’ में पहली बार अयोध्‍या में मनाई जाएगी ‘त्रेता युग’ वाली दिवाली

इस बार अयोध्‍या की दिवाली कुछ खास होगी, सरयू के तट पर इस बार ऐसे इंतजाम किए गए हैं कि पूरी दुनिया इस जश्‍न को देखती रह जाएगी।  

New Delhi Oct 18 : वैसे तो अयोध्‍या में हर साल खूब धूमधाम से दिवाली का जश्‍न मनाया जाता है। लेकिन, इस बार इंतजाम कुछ खास हैं। देश की जनता कलयुग में पहली बार त्रेता युग की दिवाली के दर्शन कर सकती है। योगी आदित्‍यनाथ ने अयोध्‍या में दिवाली मनाने के लिए अपने पूरे सरकारी अमले को लगा दिया है। सरयू नदी के तट पर एक लाख 71 हजार घी के दिए जलाकर विश्‍व रिकॉर्ड कायम किया जाएगा। अयोध्‍या की दिवाली में पहली बार ऐसा होगा कि जब मुख्‍यमंत्री और राज्‍यपाल एक साथ होंगे। बेशक दिवाली का पारंपरिक और ऐतिहासिक महत्‍व है कि लेकिन, इस बार अयोध्‍या की दिवाली के राजनैतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। जाहिर तौर पर इस भव्‍य कार्यक्रम का पूरा फायदा भारतीय जनता पार्टी और योगी आदित्‍यनाथ की सरकार को होगा।

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इस बार अयोध्‍या में मनाई जाने वाली भव्‍य दिवाली के कार्यक्रम में तय किया गया है कि सरयू नदी के नट पर करीब तीन किलोमीटर के एरिया को घी के दियों से रोशन कर दिया जाएगा। यहां पर एक लाख 71 हजार दीप जलाएं जाएंगे। अयोध्‍या में भव्‍य दिवाली की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। राम घाट पार्क से लेकर सरयू घाट के बीच पड़ने वाले सभी नौ घाटों को रोशनी से नहला दिया गया है। दिवाली के इस जश्‍न में शामिल होने के लिए साधु-संतों के साथ-साथ पूरे अयोध्‍या के लोगों को न्‍यौता दिया गया है। माना जा रहा है कि बुधवार की शाम को शुरु होने वाले इस कार्यक्रम में एक लाख से भी ज्‍यादा लोग शिकरत करेंगे। सुरक्षा के भी कड़े बंदोबस्‍त यहां पर किए गए हैं।  

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तय कार्यक्रम के मुताबिक बुधवार की शाम उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ और यूपी के राज्‍यपाल राम नाईक सरयू तट पर सबसे पहले आरती करेंगे। इसके बाद तीन किलोमीटर के एरिया को दीपों से रोशन कर दिया जाएगा। जो एक विश्‍व रिकॉर्ड होगा। वहीं दूसरी ओर फैजाबाद की अवध यूनिवर्सिटी ने दावा किया है कि इस दीपोत्‍सव में दो लाख से भी ज्‍यादा दिए जलाए जाएंगे। इससे पहले योगी आदित्‍यनाथ की सरकार ये एलान कर चुकी है कि वो सरयू तट पर भगवान राम की भव्‍य प्रतिमा लगाएगी। जो एशिया की सबसे बड़ी मूर्ति होगी। शिया वक्‍फ बोर्ड योगी आदित्‍यनाथ के इस फैसले का स्‍वागत कर मूर्ति में लगने वाले तरकस के लिए चांदी के दस तीर चढ़ाने का वादा कर चुका है।

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अयोध्‍या के इस पारंपरिक और ऐतिहासिक महत्‍व के अलावा इस दिवाली को राजनैतिक मायनों में भी काफी अहम माना जा रहा है। दरसअल, बीजेपी के नेता और संघ के बड़े नेता हमेशा ये दावा करते रहे हैं कि अयोध्‍या में जल्‍द ही राम मंदिर का निर्माण शुरु होगा। हालांकि अभी ये मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। 2019 में लोकसभा के चुनाव है। इससे पहले कई राज्‍यों में विधानसभा के चुनाव होंगे। बीजेपी राम मंदिर के मुद्दे को हर कीमत पर भुनाना चाहती है। योगी आदित्‍यनाथ की सरकार के इस कदम को बीजपी के राजनैतिक भविष्‍य से भी जोड़कर देखा जा रहा है। जाहिर है अयोध्‍या में भगवान राम के नाम पर जितना भव्‍य कार्यक्रम होगा, बीजेपी का वोट बैंक उतना ही मजबूत होगा।