पटाखों का शोर बनाम अजान, त्रिपुरा के गर्वनर तथागत रॉय ने उठा दिए सवाल
त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने पटाखों के शोर की तुलना अजान से कर डाली है। इसके साथ ही उन्होंने इस पर सेक्युलरों की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं।
New Delhi Oct 18 : इस बार दिल्ली-एनसीआर की दिवाली बिना पटाखों के शोर के बीतेगी। सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई हुई है। इस मामले ने अब सांप्रदायिक रंग लेना शुरु कर दिया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट भी इस बात पर दुख जता चुका है कि वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण के इस मसले को सांप्रदायिक रंग दे दिया गया है। वहीं कई लोग सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने एक बार फिर इस विवाद को हवा दे दी है। उन्होंने पटाखों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण की तुलना अजान से की है और शो कॉल्ड सेक्युलर लोगों की चुप्पी पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि इस मसले पर कोई कुछ क्यों नहीं कहता है।
त्रिपुरा के गवर्नर तथागत रॉय ने मंगलवार को एक और ट्वीट किया। अपने इसी ट्वीट में उन्होंने तड़के होने वाली अजान में लाउडस्पीकर्स के इस्तेमाल पर शो कॉल्ड सेक्युलरों की चुप्पी को लेकर सवाल खड़े किए। इससे पहले भी वो दिल्ली एनसीआर में दिवाली से पहले पटाखों की बिक्री पर लगाए गए सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। तथागत रॉय ने अपने ट्वीट में लिखा है कि हर साल दीपावली के मौके पर पटाखों से होने वाले वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण को लेकर जंग शुरु हो जाती है। लेकिन, मस्जिदों में सुबह साढ़े चार बजे होने अजान में लाउडस्पीकर्स के इस्तेमाल के खिलाफ कोई नहीं लड़ता। ध्वनि प्रदूषण पर धर्मनिरपेक्ष गैंग की खामोशी हैरान करने वाली है।
तथागत रॉय का कहना है कि कुरान या फिर हदीस में इस बात का कोई भी जिक्र नहीं है कि अजान लाउडस्पीकर्स से की जाए। वो कहते हैं कि मुअज्जिन को मीनारों से अजान करनी चाहिए। मीनारें बनाई ही इसीलिए गई हैं। उनके मुताबिक अजान में लाउडस्पीकर्स का इस्तेमाल इस्लाम के उल्ट है। फिर भी इस पर कोई नहीं बोलता है। हालांकि लाउडस्पीकर से अजान के मसले पर तथागत रॉय से पहले मशहूर गायक साेनू निगम भी आवाज उठा चुके हैं। उस वक्त उनके खिलाफ फतवा तक जारी हो गया है। कुछ कट्टरपंथी लोगों ने उन पर इनाम तक घोषित कर दिया था। जिसके विरोध में साेनू निगम ने खुद का मुंडन करवाकर मीडिया के सामने आ गए थे। हालांकि ये विवाद बाद में शांत हो गया था।
लेकिन, लाउडस्पीकर्स से होने वाली अजान को लेकर बहस जरूर छिड़ गई थी। इसी तरह की बहस अब एक बार फिर त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने छेड़ दी है। कई लोगों का कहना है कि ये बात सच है कि इस्लाम में लाउडस्पीकर्स का कहीं कोई जिक्र नहीं है क्योंकि उस वक्त ना तो बिजली होती थी और ना ही लाउडस्पीकर्स। ऐसे में सुविधाभोगी इन चीजों पर प्रतिबंध लगना चाहिए। लेकिन, बहुत से लोगों ने उस वक्त भी इसे धर्म से जोड़ दिया था और आज भी ये मसला धार्मिक हो गया है। पर सवाल यही उठ रहे हैं कि जब कानून हर किसी के लिए बराबर है तो पटाखों के शोर के साथ-साथ लाउडस्पीकर्स से होने वाली अजान को दूसरे नजरिए से क्यों देखा जाता है ? क्या इस पर तथाकथित धर्मनिरेपक्ष लोगों का कोई बयान सामने आएगा ?