केदारनाथ से खुलेंगे बीजेपी के लिए हिमाचल और गुजरात की जीत के कपाट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की। उन्होंने यहां रुद्राभिषेक भी किया। इसके साथ ही पांच परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया।
New Delhi Oct 20 : चार धामों में एक केदारनाथ हिंदुओं की आस्था का बड़ा केंद्र है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने भगवान शिव के दर्शन करने के साथ ही रुद्राभिषेक किया। मोदी ने केदारनाथ में पांच परियोजनाओं का शिलान्यास किया। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री की ये आस्था इस साल गुजरात और हिमाचल में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए जीत के कपाट खोल देगी। गुजरात तो पहले से ही बीजेपी के पास है। लेकिन, उत्तराखंड के बाद देवभूमि हिमाचल पर भी भारतीय जनता पार्टी का कब्जा हो सकता है। मोदी सरकार केदारनाथ के लिए जो करने जा रही है आज से पहले किसी भी सरकार ने उस तरह के काम नहीं किए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारपुरी को 2013 में आई तबाही से उबारने के लिए पांच बड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास किया है। इसके साथ ही उन्होंने केदारनाथ के पुर्नर्निर्माण का पूरा प्लान भी देश की जनता को समझाया है। यहां पर घाटों का सुधार किया जाएगा। सड़कों को चौड़ा किया जाएगा। केदारनाथ मंदिर के पुजारियों के लिए थ्री इन वन घर बनेंगे। केदारनाथ में भव्य और दिव्य वातावरण का निर्माण होगा। ताकि देश विदेश से आने वाले लोग जब यहां भगवान के दर्शन के लिए पहुंचे तो उन्हें इस बात का एहसास हो कि वो वाकई धरती के स्वर्ग में पहुंच गए हैं। गौरीकुंड से केदारनाथ धाम के पैदल ट्रैक को चौड़ा करने का काम भी सरकार की ओर से कराया जाएगा। ताकि लोगों को सहूलियत मिल सके।
इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गई घोषणाओं में मंदाकिनी और सरस्वती नदी के तट पर घाट बनाए जाने की भी योजना है। आदि गुरू शंकराचार्य की समाधि का भी पुनर्निर्माण होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ के जीर्णोद्धार के लिए सभी सरकारों को साथ आने को कहा है। इसके साथ देश के बड़े उद्योगपतियों से भी अपील की गई है कि वो भी इस काम में अपना सहयोग करें। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह चुके हैं कि केदारनाथ के पुनर्निमाण के लिए सरकार के पास पैसों की कोई कमी नहीं है। इस मंदिर और यहां के रास्तों को भव्य बनाने के लिए सरकार अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ेगी। मोदी सरकार चाहती है कि वो आधुनिक उत्तराखंड बनाए।
जाहिर है इस योजनाओं का असर हिमाचल के चुनाव पर भी पड़ेगा। हिमाचल प्रदेश भी उत्तराखंड की ही तरह देवभूमि है। इसके साथ ही पर्यटक स्थल भी है। अगर उत्तराखंड में बिना पर्यावरण को छेड़े विकास की परियोजनाएं परवान चढ़ती हैं तो जाहिर है कि हिमाचल के लोग भी चाहेंगे कि उनके यहां पर भी विकास के ऐसे ही काम हों। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2013 की उस बात का भी जिक्र किया जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। मोदी ने कहा कि साल 2013 में जब यहां आपदा आई थी उस वक्त मैंने केदारनाथ के पुनर्निमाण की अपील की थी। उस वक्त बैठक में शामिल उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हां कर दी थी। लेकिन, बाद में दिल्ली में राजनैतिक तूफान आ गया था। दिल्ली के दवाब में उस वक्त की उत्तराखंड की सरकार ने गुजरात सरकार की मदद लेने से ही इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि मैं पहले यहीं पर रहता था। लेकिन, शायद प्रभू की इच्छा नहीं थी कि मैं हमेशा यहीं पर रहूं। इसलिए उन्होंने मुझे आप लोगों की सेवा में लगा दिया।