सच्ची : अखिलेश राज में ‘आग #तने’ वाले गुंडे योगी आदित्यनाथ के नाम से कांपते हैं
यूपी के गुंडे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम से थर-थर कांपते हैं। गुंडों को आज उसी पुलिस का खौफ है जिसे वो पहले की सरकारों में चुनौती दिया करते थे।
New Delhi Oct 21 : किसी भी राज्य की कानून-व्यवस्था कैसी है इसका अंदाजा वहां के शासक से ही लगाया जा सकता है। अब यूपी को ही ले लीजिए। आज भी प्रदेश में वही पुलिस है जो अखिलेश यादव के राज में हुआ करती थी। आज भी प्रदेश में वही गुंडे मवाली हैं जो अखिलेश यादव के राज में हुआ करते थे। लेकिन, राज्य का निजाम बदल चुका है। पहले समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव की सरकार हुआ करती थी। अब यूपी में भारतीय जनता पार्टी के योगी आदित्यनाथ की सरकार है। पूर्व की सरकार में जो गुंडे मवाली पुलिस को खुली चुनौती देकर अपराधों को अंजाम देते थे आज वहीं बदमाश योगी आदित्यनाथ और यूपी पुलिस के नाम से थर-थर कांपते हैं। यूपी के बदमाश प्रदेश छोड़कर भागने को मजबूर हैं।
बड़ी तादाद में यूपी के गैंगस्टर दूसरे राज्य में जाकर सरेंडर कर रहे हैं ताकि वो यूपी पुलिस के प्रकोप से बच सकें। इसी को कहते हैं असली बदलाव जो कानून-व्यवस्था के लिहाज से बहुत जरूरी है। ऐसा नहीं है कि यूपी में क्राइम थम गया है। पूरी तरह से राम राज्य हो गया है। आज भी प्रदेश में डकैती होती है, मर्डर होते हैं। अपहरण हो रहे हैं। चैन स्नैचिंग भी हो रही है। लेकिन, क्राइम का ग्राफ घट गया है। योगी आदित्यनाथ के राज में अपराधों में कमी आई है। पहले की सरकारों में यूपी पुलिस मुकदमें ही दर्ज नहीं करती थी और क्राइम ग्राफ को कमतर दिखाने की कोशिश करती थी। लेकिन, इससे अपराधियों के हौंसले बुलंद होते हैं। उन्हें लगता है कि यूपी पुलिस खुद को बचाने के लिए मुकदमा ही दर्ज नहीं करेगी तो उनके पकड़े जाने का कोई मतलब ही नहीं बनता।
जबकि योगी आदित्यनाथ ने उसी पुलिस को टाइट कर दिया है। बदमाशों के खिलाफ कारवाई के लिए पुलिस को खुली छूट दे दी गई है। बीस से ज्यादा बड़े अपराधी पुलिस एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। जो बचे हैं उन्हें मजफूज ठिकानों की तलाश है। योगी आदित्यनाथ के राज में पुलिस की सख्ती से बदमाशों के लिए सिर्फ एक ही मजफूज ठिकाना हो सकता है और वो है जेल। प्रदेश के कई अपराधी तो ऐसे हैं जो योगी आदित्यनाथ और पुलिस से इतना डरे हुए हैं कि वो अपनी जमानत तक नहीं करा रहे हैं। जबकि कई बदमाश दूसरे राज्यों में जाकर वहां की पुलिस के सामने सरेंडर कर रहे हैं। ताकि जेल जैसे सुरक्षित ठिकानों में वो पहुंच जाएं। बदमाशों को लेकर योगी आदित्यनाथ के राज में पुलिस पर कोई दवाब नहीं हैं। कोई बदमाश पकड़ा जाता है तो अब किसी नेता का फोन नहीं आता है।
बदमाशों के भीतर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ का खौफ इस कदर बैठ गया है जो बदमाश जमानत पर या फिर पेरोल पर रिहा हैं वो भी अपनी जमानत तुडवाकर जेल वापस जा रहे हैं। हर कोई ये बात जनता है कि किसी भी प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था के लिए अपराधियों के भीतर कानून का डर जरूरी है और ये डर पुलिस की सख्त कार्रवाई से ही पैदा होता है। बशर्ते में उसमें कोई राजनैतिक दखअंदाजी ना की जाए। अब बिल्लू दुजाना को ही ले लीजिए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस गुंडे की तूती बोलती है लेकिन, इस बदमाश को डर है कि कहीं यूपी पुलिस के सिपाही उसे मुठभेड़ में मार ना गिराए। इस डर से उसने दिल्ली में सरेंडर कर दिया। ये सिर्फ एक उदाहरण हैं। कई ऐसे बड़े बदमाश हैं जो इस वक्त कानून से बचने के लिए कानून के सामने ही सरेंडर कर रहे हैं। ये डर है योगी आदित्यनाथ का। ये खौफ है पुलिस है। जो सभ्य समाज के लिए बेहद जरूरी है।