पाकिस्तान में लगे मोदी-मोदी के नारे, PoK में मना ब्लैक डे, पाकिस्तान से आजादी की मांग
पाक अधिकृत कश्मीर यानी PoK के लोगों ने रविवार को ब्लैक डे मनाया। यहां के लोग पाकिस्तान से आजादी चाहते हैं। पाक में मोदी-मोदी के नारे भी लगे।
New Delhi Oct 22 : ये बात वाकई चौंकाने वाली है। इस बात पर कुछ पल के यकीन करना भी मुश्किल हो रहा था। लेकिन, पाक अधिकृत कश्मीर यानी PoK में मोदी-मोदी के नारे लगाए हैं। अब इन नारों का क्या मतलब है ये समझना बेहद जरूरी है। हो सकता है कि ये नारे पाकिस्तान की सरकार को चिढ़ाने के लिए लगाए गए हों। हो सकता है कि पाक अधिकृत कश्मीर यानी PoK के लोग भी चाहते हों कि उन्हें हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा ताकतवर शासक मिले, जो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। PoK में मोदी-मोदी के नारे लगे या नहीं इस बात पर भी विवाद हो सकता है। लेकिन, इस बात में कोई शक नहीं है कि रविवार को पाक अधिकृत कश्मीर में बड़े पैमाने पर पाकिस्तान सरकार और पाक आर्मी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए।
पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों ने रविवार को ब्लैक डे मनाया। यहां के लोग पाकिस्तान से आजादी चाहते हैं। पाक अधिकृत कश्मीर के लोग चाहते हैं कि या तो उन्हें पूरी तरह से आजाद कर दिया जाए या फिर उन्हें पहले की तरह भारत में ही रहने दिया जाए। रविवार को PoK में मनाया गया ब्लैक डे पाकिस्तान की सरकार और पाक आर्मी के मुंह पर करारा तमाचा है। ये विरोध प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ये साबित करने के लिए काफी हैं कि कश्मीर को लेकर पाकिस्तान कितना झूठ बोलता है। वो भारत के हिस्से वाले कश्मीर पर दावा करता है। जबकि पाक के कब्जे वाले कश्मीर के लोग वापस भारत आना चाहते हैं। पाक आर्मी का अत्याचार और आतंकवाद उन्हें किसी भी सूरत पर बर्दास्त नहीं है।
दरअसल, आज ही के दिन सन 1947 में पाकिस्तान आर्मी के जवानों ने अनडिवाइडेड जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कर हमला कर दिया था। पाकिस्तान आर्मी के जवान कश्मीर में कबायलियों के भेष में दाखिल हुए थे। भारतीय सेना ने काफी हद तक पाक आर्मी को यहां से खदेड़ दिया था। लेकिन, पाकिस्तान ने कश्मीर के बड़े हिस्से पर अपना कब्जा जमा लिया था। बाद में ये मसला संयुक्त राष्ट्र संघ में चला गया था। तब से आज तक ये विवाद का कारण बना हुआ है। पाकिस्तान आर्मी के अत्याचार के इस दिन को पाक अधिकृत कश्मीर के लोग आज तक नहीं भूल पाएं हैं। इस काले दिन के सत्तर बरस गुजर चुके हैं। मुजफ्फराबाद, रावलकोट, कोटली, गिलगित, हजीरा जैसी जगहों के सैकड़ों लोगों के साथ रोजाना जुल्म होते हैं।
इन सभी जगहों पर रविवार को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ और यहां के लोगों ने ब्लैक डे मनाया। यहां के लोग पाक सरकार और पाक आर्मी से बेहद नाराज हैं। ये लोग चाहते हैं कि यहां से तत्काल प्रभाव से पाक फौज को हटाया जाए। कई जगहों पर पाक आर्मी की ओर से इस प्रदर्शन को कुचलने की भी कोशिश की। जिसके विरोध में लोगों ने मोदी-मोदी के नारे भी लगा दिए। मुजफ्फराबाद के जम्मू-कश्मीर नेशनल स्टूडेंट्स फेडरेशन के प्रमुख नबील मुगल ने कहा हम लोगों ने आज ऐतिहासिक नीलम ब्रिज पर प्रदर्शन किया क्योंकि आज से सत्तर साल पहले यानी 1947 में आज ही के दिन यहां कबायलियों के भेष में पाकिस्तान आर्मी के सैनिकों ने हमला कर दिया था।
PoK के एक्टिविस्ट तौकीर गिलानी कहते हैं यहां पर पाक आर्मी आतंकियों को ट्रेनिंग देती है। हम ये सब मंजूर नहीं है। पाकिस्तान की फौज पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकियों को सुरक्षित ठिकाना भी मुहैया कराती है। ऐसे लोग ना तो पाकिस्तान के साथ हो सकते हैं और ना ही कश्मीर के साथ। पाकिस्तान पूरी दुनिया में एकलौता ऐसा देश देश है जो अपने ही लोगों पर जुल्म ढाता है। यहां के लोगों का कहना है कि हम एक कश्मीर चाहते हैं। हम भारत के साथ जुड़ना चाहते हैं। अगर इसमें किसी को एतराज है तो हमें आजाद कर दीजिए। हम पाक सरकार और पाक आर्मी की गुलामी नहीं कर सकते हैं। उनके अत्याचार बर्दास्त नहीं कर सकते। पाक के हुक्मरान यहां पर पिछले 15 सालों से बमबारी करवा रहे हैं।