दूध मांगोगे खीर देंगे, कश्‍मीर मांगोगे चीर देंगे

पाकिस्‍तान ने एक बार फिर कश्‍मीर राग अलापना शुरु कर दिया है। लेकिन, मोदी सरकार का स्‍टैंड आज भी वही है जो पहले था। आंख उठाकर मत देखना।

New Delhi Oct 22 : पाकिस्‍तान के लिए आपने ये वाला जुमला तो खूब पढ़ा और सुना होगा कि “दूध मांगोगे खीर देंगे, कश्‍मीर मांगोगे चीर देंगे”। जी हां हिंदुस्‍तान की सरकार अपने इस जुमले पर कायम है। लेकिन, बेशर्म पाकिस्‍तान भी किसी से कम नहीं है। उसने एक बार फिर कश्‍मीर का राग छेड़ दिया है। इस बार तो उसने हद की कर दी है। कश्‍मीर का राग छेड़ने के साथ-साथ उसने आतंकवाद पर अमेरिका को ही नसीहत देनी शुरु कर दी है। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्‍बासी दावा करते हैं कि हमारी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ बहुत कुछ कर लिया है। अब अमेरिका समेत दूसरे देशों की बारी है। अब जरा शाहिद खाकन अब्‍बासी से कोई ये पूछे कि जनाब आपने क्‍या है आतंकवाद के खिलाफ ?

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आपकी सरकार और पाकिस्‍तान की आर्मी पाक अधिकृत कश्‍मीर में खुुलेआम आतंकी कैंप चला रही है। आपकी सरकार की ओर से आतंकी संगठनों को संरक्षण दिया जा रहा है। दुनिया को दिखाने के लिए आपकी सरकार ने लश्‍कर-ए-तैयबा के संस्‍थापक और जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद को नजरबंद तो कर लिया है लेकिन, इसी नजरबंदी के दौरान उसने अपनी पॉलिटिकल पार्टी तक बना डाली। आतंकी सरगना पाकिस्‍तान में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। जैश-ए-मोहम्‍मद का मुखिया मसूद अजहर खुलेआम पाकिस्‍तान में घूमता है। हिजबुल मुजाहिद्दीन का सरगना सैयद सलाहुद्दीन खुलेआम लाहौर में लोगों को ललकारता है। लेकिन, सैयद सलाहुद्दीन तो आपकी नजर में आतंकी है ही नहीं। वो तो पाकिस्‍तान की नजर में कश्‍मीर की आजादी का सिपाही है।

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शाहिद खाकन अब्‍बासी कहते हैं कि अफगानिस्तान में दूसरों की असफलताओं पर पाकिस्तान को बलि का बकरा नहीं बनाया जा सकता। लेकिन, अब्‍बासी को ये बात याद रखनी चाहिए कि अफगानिस्‍तान में अगर अमेरिका की नीति असफल हुई तो उसका बड़ा कारण कोई और नहीं बल्कि पाकिस्‍तान का आतंकवाद से प्‍यार है। अमेरिका जिस हक्‍कानी नेटवर्क के खात्‍मे के लिए पाकिस्‍तान को पैसा देता था वो उन्‍हीं पैसों को खाकर हक्‍कानी नेटवर्क को संरक्षण देता था। शाहिद खाकन अब्‍बासी को क्‍या लगता है कि अमेरिका मूर्ख है। उसे कुछ पता नहीं है। अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए हर जगह पर नजर रखे हुए है। अफगानिस्‍तान बार्डर पर क्‍या हो रहा है और पाक अधिकृत कश्‍मीर में क्‍या चल रहा है सारी जानकारी अमेरिका के पास है।

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अब तो पाकिस्‍तान के लिए हिसाब देेने का वक्‍त आ गया है। पाकिस्‍तान कश्‍मीर मुद्दे पर हिंदुस्‍तान के पक्ष को अवैध करार देता है। वो चाहता है कि इस मुद्दे पर अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय दखल दे। लेकिन, पाकिस्‍तान को ये बात समझ लेनी चाहिए कि पूरा का पूरा कश्‍मीर हिंदुस्‍तान का है। पाकिस्‍तान के कब्‍जे में भी जो कश्‍मीर है वो आज नहीं तो कल भारत के पास ही होगा। कश्‍मीर में तीसरे समुदाय की दखल की बात तो बहुत दूर की है उसे तो इसके बारे में सोचना भी नहीं चाहिए। क्‍योंकि हिंदुस्‍तान हर बार ये कहता रहा है कि “दूध मांगोगे खीर देंगे, कश्‍मीर मांगोगे चीर देंगे”। मुल्‍क आज भी अपने इसी बयान पर कायम है। पाकिस्‍तान कितना भी कश्‍मीर का राग अलाप ले लेकिन, सच्‍चाई किसी से छिप नहीं सकती।