कश्‍मीर वार्ता से पहले मोदी का तोहफा, NIA ने उठा लिया सैयद सलाहुद्दीन के बेटे को

राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने टेरर फंडिंग केस में हिजबुल मुजाहिद्दीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन के बेटे को अरेस्‍ट कर लिया है। जिसके कई मायने हैं।  

New Delhi Oct 24 : जहां एक ओर कश्‍मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार अब बातचीत की पहल करेगी। वहीं दूसरी ओर घाटी में टेरर फंडिंग के खिलाफ NIA की जांच भी जारी रहेगी। इसके साथ ही आर्मी के ऑपरेशन भी नहीं थमेंगे। मंगलवार को राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के सरगना और ग्‍लोबल टेररिस्‍ट सैयद सलाहुद्दीन के बेटे को टेरर फंडिंग केस में उठा लिया है। सैयद सलाहुद्दीन के बेटे शाहिद यूसुफ की गिरफ्तारी के साफ संकेत हैं कि कोई भी अलगाववादी नेता ये ना समझे कि मोदी सरकार ने अगर बातचीत की पहल की शुरुआत की है तो वो कहीं से कश्‍मीर पर झुक गई है। मोदी सरकार आज भी कश्‍मीर को लेकर अपने पुराने बयान पर कायम है।

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दरसअल, इससे पहले की सरकारों में हमेशा से ये होता रहा है कि जब भी केंद्र की ओर से बाचतीत की शुरुआत की जाती थी आर्मी और दूसरी जांच एजेसियों के ऑपरेशन को रोक दिया जाता था। लेकिन, इस बार एेसा कुछ भी नहीं हो रहा है। अभी सोमवार को ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया था कि घाटी में मोदी सरकार की बात पूर्व IB चीफ दिनेश्वर शर्मा रखेंगे। उन्‍हें सरकार की ओर से बातचीत के लिए अधिकृत किया गया है। वो जिससे चाहें बात करें और दूसरे पक्ष की बात को सुनें। दिनेश्‍वर शर्मा भी ये कह चुके हैं कि वो जम्‍मू-कश्‍मीर के हरेक स्‍टेक होल्‍डर से बात करना चाहते हैं। कश्‍मीर का हर नागरिक यहां का स्‍टेक होल्‍डर है। लेकिन, कश्‍मीर में टेरर फंडिंग बर्दास्‍त नहीं की जाएगी।

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इस बयान के अगले दिन ही NIA ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन के बेटे शाहिद यूसुफ को गिरफ्तार कर लिया। शाहिद यूसुफ को साल 2011 के हवाला फंडिंग केस में गिरफ्तार किया गया। जहां एक ओर सुरक्षाबलों के लिए ये बड़ी कामयाबी है वहीं दूसरी ओर अलगाववादी नेताओं के लिए स्‍पष्‍ट संकेत भी हैं कि जिन्‍होंने गलत किया है उन्‍हें बख्‍शा नहीं जाएगा। सैयद सलाहुद्दीन का बेटा शाहिद यूसुफ जम्मू-कश्मीर सरकार के कृषि विभाग में जूनियर इंजीनियर के पद पर तैनात है। NIA के सूत्रों का कहना है कि यूसुफ ने एजाज की ओर से वेस्टर्न यूनियन के जरिए भेजी गई टेरर फंडिंग की बात को स्‍वीकार कर लिया है। NIA के पास इस बात के पुख्‍ता सबूत हैं कि कश्‍मीर में आतंक फैलाने के लिए सऊदी अरब से पैसे भेजे गए।  

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जिनका पूरा इस्‍तेमाल कश्‍मीर में आतंकी गतिविधियों में किया गया था। NIA के पास इस बात के भी सभी सबूत हैं कि सैयद सलाहुद्दीन के बेटे शाहिद यूसुफ और एजाज के बीच काफी लंबी बातचीत भी होती थी। इन्‍हीं सबूतों के आधार पर ही यूसुफ को गिरफ्तार किया गया। जाहिर है बेटे की गिरफ्तारी से पाकिस्‍तान में मौजूद उसका बाप इस वक्‍त बिलबिला रहा होगा। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि बौखलाया सैयद सलाहुद्दीन कश्‍मीर में आतंकी हमले भी बढ़वा सकता है लेकिन, इंडियन आर्मी के जवान यहां पर हर परिस्थितियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। मोदी सरकार का मैसेज साफ है कि बातचीत अपनी जगह है लेकिन, कश्‍मीर में ना तो सुरक्षा से समझौता किया जाएगा और ना ही कानून से खिलवाड़ की किसी को इजाजत दी जाएगी।