राहुल गांधी आप वाकई गजब हैं, एक कांग्रेसी को ही कांग्रेस में शामिल करा दिया ?

गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी अल्‍पेश ठाकोर को कांग्रेस में शामिल कराकर खुद ही अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। लेकिन, क्‍यों ?

New Delhi Oct 25 : भाई गुजरात में इस वक्‍त गजब की राजनीति चल रही है। कांग्रेस के उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी के राजनैतिक गुजराती सलाहकार अहमद पटेल को ना जाने क्‍यों इस बात का एहसास हो गया है कि वो ही सबसे बड़े ज्ञानी हैं बाकी सारी जनता मूर्ख है। वो जो कहेंगे गुजरात की जनता मानेगी। वो जो दिखाएंगे सारे गुजराती वही देखेंगे। अगर ऐसा ना होता तो फिर एक कांग्रेसी को कांग्रेस में शामिल कराने का क्‍या मतलब था। जी हां हम बात कर रहे हैं अल्‍पेश ठाकोर की। जिसे गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले बतौर ओबीसी नेता पेश किया जा रहा है। जनता को ये दिखाने की कोशिश की जा रही है कि अल्‍पेश ठाकोर युवा नेता हैं और उन्‍होंने कांग्रेस पार्टी में अपनी आस्‍था जताई है।

Advertisement

अरे राहुल गांधी भाई साहब जब अल्‍पेश ठाकोर पहले से ही कांग्रेसी हैं तो कांग्रेस पार्टी में ही आस्‍था जताएंगे ना। अगर वो कांग्रेसी होने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी में आस्‍था जताते या फिर बीजेपी से जुड़ते तो बात कुछ और होती। राहुल गांधी जी अगर आपको सबकुछ पता है और फिर भी आप इस तरह का नाटक कर रहे हैं तो मानना पड़ेगा आपकी राजनीति को और अगर आपको वाकई कुछ नहीं पता है तो फिर तो आपका भगवान ही मालिक है। ऐसे में गूगल बाबा ही बता पाएंगे कि आप क्‍या हैं। चलिए अगर आपको सबकुछ पता है तो कोई बात नहीं अगर नहीं पता है तो हम आपको कांग्रेसी अल्‍पेश ठाकोर का इतिहास भूगोल बता देते हैं। जरा गौर से पढि़एगा राहुल गांधी जी। क्‍योंकि इस खबर को गुजरात के भी तमाम लोग पढ़ रहे हैं।  

Advertisement

सोमवार को जो अल्‍पेश ठाकोर साहब राहुल गांधी के साथ एक ही मंच पर नजर आए और भीड़ के सामने कांग्रेस पार्टी ज्‍वाइन की, वो जनाब पले  बढ़े ही कांग्रेस की गोद में हैं। अल्‍पेश ठाकोर के पिता जी का नाम खोडा जी ठाकोर है। जो कांग्रेस पार्टी में अहमदाबाद ग्रामीण के जिला अध्‍यक्ष हैं। ऐसे में आप कह सकते हैं कि ये कोई जरूरी नहीं है कि अगर पिता कांग्रेस में हो तो बेटा भी कांग्रेसी ही हो। हम भी आपकी बात से सौ फीसदी सहमत हैं। ये कोई जरूरी नहीं है कि पिता जी जिस पार्टी में हों उसी पार्टी में बेटा भी हो। लेकिन, ये बात अल्‍पेश ठाकोर पर लागू नहीं होती है। अल्‍पेश के पिता जिस पार्टी में हैं। अल्‍पेश भी उसी पार्टी में रह चुके हैं। यानी अल्‍पेश भी पुराने कांग्रेसी ही हैं। इतना ही नहीं अल्‍पेश ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़ा है।

Advertisement

साल 2009 से लेकर 2012 तक अल्पेश घोषित तौर पर कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे हैं। साल 2012 में जब गुजरात में जिला पंचायत के चुनाव हुए थे उस वक्‍त भी अल्‍पेश ठाकोर ने मांडल सीट से बतौर कांग्रेस उम्‍मीदवार अपनी किस्‍मत आजमाई थी। अब राहुल गांधी जी इतना तो आप को भी पता होगा कि आपकी पार्टी में ऐसे ही किसी भी एैरे-गैरे, नत्‍थू खैरे को तो टिकट दे नहीं दिया जाता है। उम्‍मीदवार का काम और उसकी लोकप्रियता भी देखी जाती है। पूरी उम्‍मीद है कि अल्‍पेश ठाकोर को भी साल 2012 में टिकट देने से पहले जांचा और परखा गया होगा। ये बात अलग है कि आज पूरे गुजरात में कांग्रेस का भविष्‍य परिवर्तन के ख्‍याब दिखाने वाले अल्‍पेश उस वक्‍त जिला पंचायत का चुनाव भी नहीं जीत पाए थे। इतना ही नहीं अल्‍पेश को कुछ साल पहले तक भी कांग्रेस का ही प्रचार करते हुए देखा गया है। ऐसे में राहुल गांधी जी सवाल तो उठेंगे ही आखिर आपने एक कांग्रेसी को कांग्रेस में क्‍यों शामिल कराया ? गुजरातियों के बारे में आपने क्‍या सोचा ?