गुजरात सर्वे ने फोड़ दिया राहुल गांधी की पॉपुलेरिटी का फर्जी गुब्‍बारा

गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले जो सर्वे आएं हैं उससे साफ दिख है कि कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी यहां बहुत पीछे हैं। मोदी को कोई नहीं हरा सकता।

New Delhi Oct 25 : गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान जारी है। दिल्‍ली से लेकर गुजरात तक में हंगामा मचा हुआ है। राजनैतिक पार्टियों के बीच जंग भी शुरु हो गई है। इस बीच इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के ओपिनियन पोल के नतीजे भी सामने आ चुके हैं। अभी और भी कई सर्वे सामने आएंगे। आजतक के सर्वे से एक बात को साफ है कि गुजरात में फिलहाल बीजेपी को हरा पाना बेहद मुश्किल है। वहीं दूसरी ओर ये साबित भी हो रहा है कि कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले सिर्फ राहुल गांधी की पॉपुलेरिटी का हौव्‍या क्रिएट किया है। जो अब फूट चुका है। यानी राहुल गांधी और कांग्रेस की वैसी कोई भी पॉपुलेरिटी नहीं है गुजरात में नहीं है जैसी दिखाई जा रही है।

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सर्वे के नतीजे बताते हैं कि गुजरात में बीजेपी अपना गढ़ बचा रही है। तमाम विरोध और सियासी प्रदर्शनों के बाद भी गुजरात के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा जताया है। ये बात बीजेपी के लिए राहत वाली है। लेकिन, कांग्रेस पार्टी को इस सर्वे से बैचेन होनी की जरूरत है। राहुल गांधी को ये भी समझ लेना चाहिए कि सिर्फ सोशल मीडिया के जरिए चुनाव नहीं जीते जा सकते हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि पिछले कुछ दिनों में राहुल गांधी के भाषणों से लेकर उनकी सोशल मीडिया की टीम में काफी धार नजर आ रही है। लेकिन, अगर कोई ये समझता है कि जुमा-जुमा चार दिन जाकर राहुल गांधी गुजरात की जनता का दिल जीत लेंगे तो उनका ये अनुमान गलत होगा। किसी भी राजनैतिक दल को अपना गढ़ तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। पसीना बहाना पड़ता है। यूं ही सूखे-सूखे कुछ नहीं मिल जाया करता।

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अब राहुल गांधी को ही देख लीजिए। दो-तीन महीने से ही वो गुजरात में सक्रिय हुए हैं। जबकि नरेंद्र मोदी ने सालों तक गुजरात की सेवा की है। गुजरात की राजनीति और वहां के विकास ने ही उन्‍हें इतनी ख्‍याति दिलाई कि आज वो प्रधानमंत्री पद पर बैठे हुए हैं। गुजरात में बीजेपी और नरेंद्र मोदी के काम को नकारा नहीं जा सकता है। आज तक का सर्वे भी यही कहता है कि गुजरात की जनता को आज भी भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी पर भरोसा है। ऐसे में सवाल उठने लाजिमी हैं कि क्‍या गुजरात में राहुल गांधी की पॉपुलेरिटी भी उनके रिट्वीट की तरह रोबोटिक है। कांग्रेस जानबूझकर राहुल गांधी की पॉपुलेरिटी का कृत्रिम माहौल तैयार कर रही है। लेकिन, किसे खुश करने के लिए? अगर राहुल गांधी इतने भर से ही खुश हो जाते हैं कि आने वाले दिनों में उन्‍हें और भी संकटों का सामना करना होगा।

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राहुल गांधी के तमाम विरोध, हार्दिक पटेल के समर्थन और अल्‍पेश ठाकोर के कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी गुजरात में बीजेपी पर कोई खास असर नहीं पड़ता हुआ नजर आ रहा है। सर्वे के मुताबिक गुजरात की 182 विधानसभा सीटों में से बीजेपी 115 से 125 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। यानी बीजेपी के फुल मैजोरिटी में आने की पूरी संभावनाएं बनी हुई हैं। जबकि पूरा का पूरा विपक्ष 57 से 65 सीटों में ही सिमट रहा है। राहुल गांधी और कांग्रेस की टीम को इन सर्वे का अध्‍ययन करना चाहिए और पता लगाना चाहिए कि उनकी पॉपुलेरिटी फर्जी है या फिर गुजरात की जनता ही बीजेपी के अलावा किसी को पसंद नहीं कर रही है। विपक्ष को ये समझना होगा कि कोरी लफ्फाजी से चुनाव नहीं जीते जाते हैं।