खुलेगा राम रहीम की बेनामी संपत्ति का पॉलिटिकल कनेक्‍शन ?

प्रवर्तन निदेशालय ने डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की संपत्ति की जांच शुरु कर दी है। लेकिन, इस जांच ने कई नेताओं के होश उड़ा दिए हैं। जानिए क्‍यों ?

New Delhi Oct 26 : साध्वियों से यौनशोषण के आरोप में डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बीस साल कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। वो इस वक्‍त रोहतक के सुनारिया जेल में कैद है। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने भी राम रहीम की संपत्ति की रेगुलर जांच शुरु कर दी है। लेकिन, इस खबर से पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्‍यों के नेताओं के होश उड़े हुए हैं। माना जा रहा है कि राम रहीम की काली कमाई के इस मकड़जाल के खुलासे में कई सफेदपोश नेता भी बेनकाब हो सकते हैं। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने राम रहीम की प्रॉपर्टी से जुड़े दस्‍तावेजों से भरे दो बैगों को अपने कब्‍जे में ले लिया है। ये वो दस्‍तावेज हैं जिन्‍हें हरियाणा पुलिस की एसआईटी ने सिरसा के डेरे और दूसरे ठिकानों पर छापेमारी के बाद इकट्ठा किए थे।

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बताया जा रहा है कि पंचकुला में एसआईटी ने प्रवर्तन निदेशालय को जो दो बैग भर कर दस्‍तावेज सौंपे हैं उसमें राम रहीम के डेरे से जुड़ी हरियाणा के 11 जिलों की प्रॉपर्टी की डिटेल है। इसके अलावा सात और राज्‍यों में संपत्ति का भी पूरा ब्‍योरा इन कागजातों में दर्ज हैं। सिर्फ प्रॉपर्टी ही नहीं बल्कि लेन-देन और इंटरेस्ट पर दी गई करोड़ों की रकम से जुड़े दस्‍तावेज भी इस बैग में कैद हैं। जिनकी प्रवर्तन निदेशालय बारीकी से जांच करेगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राम रहीम की इस अकूत संपत्तियों में कई बेनामी प्रॉपर्टी नामी गिरामी नेताओं की भी हो सकती है। दरअसल, हर कोई जानता है कि राम रहीम के पॉलिटिकल संबंध रहे हैं। सिर्फ बीजेपी के नेता ही डेरे में मत्‍था नहीं टेकते थे दूसरे दल के नेता भी बलात्‍कारी बाबा के डेरे में हाजिरी बजाते थे।

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प्रवर्तन निदेशालय ने हनीप्रीत से बरामद किए गए प्रॉपर्टी के दस्‍तावेजों को भी अपने कब्‍जे में ले लिया है। जबकि कई दस्‍तावेजों को सिरसा के डेरे में जला दिया गया था। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय को इस बात की पूरी उम्‍मीद है कि वो राम रहीम की काली कमाई का पाई-पाई का हिसाब जुटा लेगी। प्रवर्तन निदेशालय को एसआईटी ने जो दस्‍तावेज सुपुर्द किए हैं उसमें हरियाणा के अलावा पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, मुंबई समेत दो और राज्‍यों में संपत्ति के ब्‍योरे दर्ज हैं। राम रहीम लोगों से उनकी संपत्ति डेरे के नाम करवा लेता था। कई संपत्तियां बयाना और रजिस्‍ट्री के जरिए डेरे को ट्रांसफर की गई। जबकि कईयों में सिर्फ हलफनामा से ही काम चला दिया गया। इसमें एमएसजी के नाम से बनाई गई फर्मों का भी काला चिट्ठा मौजूद है।

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प्रवर्तन निदेशालय को एमएसजी के लेनदेन और फर्जी बिलों की भी जानकारी मिल चुकी है। जाहिर है आने वाले दिनों में राम रहीम के काले साम्राज्‍य का पूरा का पूरा काला चिट्ठा दुनिया के सामने होगा। लेकिन, सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्‍या वाकई प्रवर्तन निदेशालय इन कागजातों के जरिए उन नेताओं और अफसरों तक पहुंच पाएगी जिन्‍होंने अपनी दो नंबर की कमाई को डेरे और राम रहीम की कंपनी मैसेंजर आफ गॉड में इंवेस्‍ट किया था। ये सवाल इस लिए भी बना हुआ है कि क्‍योंकि इसमें कई सफेदपोश चेहरों के उगाहर होने की उम्‍मीद है। फिलहाल तो प्रवर्तन निदेशालय ने अभी अपनी जांच की शुरुआत ही की है। नजीतों के लिए थोड़ा इंतजार करने की जरूरत है। बाबा की हार्ड डिस्‍क भी कई राज खोलेगी।