योगी आदित्‍यनाथ ने साफ कर दी ताजमहल की ‘गदंगी’, लगे जय श्रीराम के नारे

ताजमहल पर चल रहे विवादों के बीच UP के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ आगरा के ऐतिहासिक ताजमहल पहुंच चुके हैं। उन्‍होंने यहां पर सफाई भी की।

New Delhi Oct 26 : अब तक भारतीय जनता पार्टी के किसी भी मुख्‍यमंत्री ने ताजमहल का दौरा नहीं किया था। लेकिन, उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने इस इतिहास को बदल दिया है। जहां एक ओर ताजमहल को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है वहीं दूसरी ओर योगी आदित्‍यनाथ आगरा के ऐतिहासिक ताजमहल पहुंच चुके हैं। यहां पहुंचे ही उन्‍होंने यहां पर सफाई अभियान चलाया। लेकिन, राजनीति से इस मुद्दे का सफाया हो पाएगा या नहीं ये कह पाना बेहद मुश्किल है। क्‍योंकि बीजेपी के ही तमाम नेता ये मानते ये हैं कि ये मुगल सम्राट की क्रूरता की निशानी है। बीजेपी के विधायक संगीत सोम तो इतिहास में बदलाव करने तक की मांग कर चुके हैं। जबकि भाजपा सांसद विनय कटियार कहते हैं कि ताजमहल तो असल में शिव का मंदिर है। जिसका नाम पहले ताजो महल हुआ करता था। अपनी इस बात को साबित करने के लिए वो इतिहास का हवाला भी दे चुके हैं।

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योगी आदित्‍यनाथ ने ताजमहल के पश्चिमी गेट पर झाड़ू लगाई। वो जैसे ही यहां पहुंचे बीजेपी और योगी समर्थकों ने ताजमहल के भीतर ही जय श्रीराम के नारे लगाने शुरु कर दिए। हो सकता है कि विपक्ष को ये नारेबाजी नागवार गुजरे। लेकिन, समर्थक हैं किस-किस का मुंह बंद कराया जा सकता है। योगी आदित्‍यनाथ ने ताजमहल के भीतर करीब तीस मिनट बिताए। वैसे योगी आदित्‍यनाथ का ताजमहल दौरा कई सियासी संकेत भी देता है। उनके इस दौरे को डैमेज कंट्रोल भी माना जा रहा है। दरअसल, ताजमहल पर विवाद की शुरुआत ही यूपी सरकार के पर्यटन की एक किताब से हुई थी। जिसमें ताजमहल को ही गायब कर दिया गया है। जबकि इसकी जगह पर गोरखपुर के मठ को शामिल किया गया था। इसके बाद विपक्ष ने योगी आदित्‍यनाथ और बीजेपी पर हमला बोलना शुरु कर दिया था।

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इसी के पलटवार में मेरठ के सरधना से बीजेपी विधायक संगीत सोम ने मांग की थी कि अब इतिहास को बदलने की जरूरत है। मुगल शासकों के क्रूर इतिहास को हटाया जाए। मुगल शासकों का क्रूर इतिहास हमें कौन सी शिक्षा देता है। ताजमहल जैसी इमारतों को उन्‍होंने मुगल सम्राटों की क्रूरता की निशानी बनाता था। हालांकि इसके बाद योगी आदित्‍यनाथ और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस पर बयान देना पड़ा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हमें अपनी ऐतिहासिक धरोहरों पर गर्व करना चाहिए। बिना इन धरोहरों का सम्‍मान किए विकास की ओर नहीं बढ़ा जा सकता है। वहीं योगी आदित्‍यनाथ ने कहा था कि इतिहास छोडि़ए और ये देखिए कि ताजमहल भारतीयों के खून पसीने की निशानी है। जिसे हजारों भारतीयों ने अपने हाथों से बनाया था।

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योगी आदित्‍यनाथ ने ताजमहल के लिए कई परियोजनाएं भी शुरु की हैं। उन्‍होंने आगरा फोर्ट से ताजमहल के बीच रिवाईटलाईसेशन ऑफ शाहजहां पार्क और टूरिस्ट वॉक-वे का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्‍होंने ताज प्रोजेक्‍ट का रिव्‍यू भी किया। दरअसल, ताजमहल से लेकर आगरा किले तक के बीच करीब दो किमी के रास्ते पर कॉरिडोर बनाने की बात है। इस कॉरिडोर में शॉपिंग-टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स, एम्यूजमेंट पार्क और रेस्‍टोरेंट बनाए जाने हैं। लेकिन, अदालत ताजमहल के पास हो रहे डेवलपेंट के काम से बहुत खुश नहीं है। माना जा रहा है कि यहां का विकास पर्यावरण पर प्रतिकूल असर डालेगा जिससे ताजमहल का अस्तित्‍व ही खतरे में पड़ सकता है। बहरहाल, इन सब के बीच ताजमहल पर सियासत जारी है। अब देखना होगा कि विपक्ष योगी के इस दौरे को किस तरह से लेता है।