फंस गई कांग्रेस, हार्दिक पटेल ने दे दी धमकी, 3 नवंबर के बाद होगा हंगामा

गुजरात में कांग्रेस को हार्दिक पटेल से समर्थन की उम्मीद है, लेकिन हार्दिक ने तो कांग्रेस को ही धमकी दे डाली है। धमकी भी कोई छोटी मोटी नहीं है।

New Delhi, Oct 28: ये तो वही बात हो गई कि हमने उंगली बढ़ाई और उन्होंने हाथ ही पकड़ लिया। गुजरात में कांग्रेस के साथ यही हो रहा है। गुजरात का चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस हर तरफ हाथ पैर मार रही है। इसके लिए वो किसी का भी समर्थन लेने के लिए तैयार है। राज्य में ओबीसी, पाटीदारों और दलितों के बीच पकड़ बनाने के लिए कांग्रेस इन तीनों ही समुदायों के नेताओं को अपने खेमे में करने के लिए तैयार है। ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर तो कांग्रेस में शामिल भी हो गए हैं। दलित नेता जिग्नेश और पाटीदारों के नेता हार्दिक पटेल को लेकर संशय बना हुआ है। हालांकि दोनों ही कांग्रेस को समर्थन देने की बात कर रहे हैं। लेकिन इस में अब ट्विस्ट आ गया है।

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हार्दिक पटेल जो पाटीदार वोटबैंक को अपनी जेब में समझते हैं, पटेलों को आरक्षण की मांग कर रहे हैं। इस बात को समझने की कोशिश करते हैं कि किस तरह से कांग्रेस अपने ही जाल में फंस गई है। एक तरफ वो हार्दिक का साथ लेने को तैयार है, तो वहीं दूसरी तरफ ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर कांग्रेसी हो गए हैं। पटेलों को आरक्षण ओबीसी कोटे के तहत ही दिया जा सकता है। अल्पेश ठाकोर ये होने नहीं देंगे, हार्दिक बिना आरक्षण के समर्थन को तैयार नहीं है। ये बात हार्दिक के एक बयान से भी समझी जा सकती है। जिसे धमकी भी कहा जा सकता है जो उन्होंने कांग्रेस को दी है। जी हां हार्दिक ने पटीदारों को आरक्षण को लेकर कांग्रेस को धमकी दी है।

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हार्दिक ने कांग्रेस को 3 नवंबर तक का अल्टीमेटम दे दिया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस 3 नवंबर तक ये साफ करे कि वो पाटीदारों को किस तरह से आरक्षण देगी। ऐसा नहीं हुआ तो उसके गंभीर परिणाम होंगे। हार्दि ने कहा कि कांग्रेस 3 नवंबर तक आरक्षण के मुद्दे पर अपना स्टैंड साफ करे। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो सूरत में जो अमित शाह का हाल हुआ था उस से भी बुरा हाल कांग्रेस का भी होगा। दरअसल हार्दिक की राजनीति का तरीका ही यही है। वो इसी तरह से अपनी बाते मनवाने के आदी रहे हैं। सूरत में अमित शाह की रैली के दौरान हार्दिक समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया था। कुर्सियं तक तोड़ डाली थी।

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हार्दिक का ये बयान कांग्रेस के लिए परेशानी बढ़ाने वाला है। वो पहले स ये सोच रही है कि किस तरह से अल्पेश और हार्दिक के बीच में तालमेल बिठाएगी। कांग्रेस को ये भी समझ नहीं आ रहा है कि वो किस तरह से ओबीसी और पाटीदारों से वोट मांगेगी। एक को आरक्षण की उम्मीद है तो दूसरा अपने कोटे में किसी को घुसने नहीं देना चाहता है। इस तरह से कांग्रेस अपने ही दांव में खुद फंसती दिख रही है। ऊपर से हार्दिक की ये धमकी, 3 नवंबर तक कांग्रेस को पाटीदार आरक्षण के मुद्दे पर अपना स्टैंड साफ करना है। अगर ऐसा नहीं किया तो उसके बाद हार्दिक क्या करेंगे ये कांग्रेस को डरा रहा है। कांग्रेस को लग रहा है कि इस से उसका प्रचार पटरी से उतर सकता है।