एक बार फिर टूट गया AAP का ‘विश्‍वास’ ? हो गई ‘अमानत’ में ख्‍यानत

आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्‍वास को बड़ा झटका लगा है। अमानतुल्‍ला खान का निलंबन रद्द कर दिया गया। AAP में बगावत के संकेत मिल रहे हैं।

New Delhi Oct 30 : AAP यानी आम आदमी पार्टी में एक बार फिर बगावत के संकेत मिल रहे हैं। इस बार अगर पार्टी में कुछ होता है तो यकीन मानिए अरविंद केजरीवाल सफाई देने वाली स्थिति में भी नहीं रहेंगे। ओखला से AAP के विधायक अमानतुल्ला खान का निलंबन बहाल कर दिया गया है। कुछ महीने पहले अमानतुल्‍ला खान ने खुलेआम कुमार विश्‍वास को भारतीय जनता पार्टी का एजेंट करार दिया था। इसके बाद पार्टी के भीतर काफी घमासान मचा था। कुमार विश्‍वास अपने साथ हुई इस अभद्र टिप्‍पणी से नाराज हो गए थे। कुमार के गुस्‍से को शांत करने के लिए AAP ने अमानतुल्‍ला खान पर कार्रवाई की थी। उन्‍हें पॉलिटिकल अफेयर कमेटी से हटा दिया गया था। इसके साथ ही पार्टी से निलंबित भी कर दिया गया था। लेकिन, अब वहीं अमानतुल्‍ला खान एक बार फिर पार्टी के लिए बहुत अच्‍छे बन गए हैं। पार्टी का ये फैसला AAP के भीतर बड़े झगड़े की वजह बन सकती है।

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जिसके संकेत भी मिलने शुरु हो गए हैं। जिस वक्‍त अमानतुल्‍ला खान ने कुमार विश्‍वास को बीजेपी का एजेंट बताया था। उस वक्‍त कुमार और केजरीवाल के रिश्‍तों में भी काफी तल्‍खी आ गई थी। दोनों ही नेताओं के बीच एक तरह से शीत युद्ध छिड़ गया था। हालांकि बाद में विवाद सुलझा लिया गया था। लेकिन, एक बार फिर अमानतुल्‍ला खान की AAP में बहाली ने इस आग में घी डाल दिया है। कुमार विश्‍वास फिर से भड़क उठे हैं। कुमार विश्‍वास का कहना हैं कि अमानुतल्‍ला खान सिर्फ मुखौटा हैं। कुमार विश्‍वास का कहना है कि मैं नीम की तरह कडवी दवा हूं, मैंने तो बैक टू बेसिक का नारा दिया था, लेकिन कुछ लोगों को ये नारा शायद पसंद नहीं आया है। उनका कहना है कि दो नवंबर को जो मीटिंग है उसके वक्‍ताओं में भी मेरा नाम नहीं है। यानी एक तरह से AAP में कुमार विश्‍वास को फिर से साइड लाइन किए जाने की कोशिश की गई है।

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कुमार विश्‍वास को भी ये बात बखूबी मालूम है कि राजनीति में साइड लाइन किए जाने की परंपरा बहुत पुरानी है। खुद कुमार विश्‍वास ये बात मानते हैं कि पहले मयंक गांधी और अंजलि दमानिया को AAP से साइड लाइन किया गया और वही काम अब उनके साथ किया जा रहा है। कुमार विश्‍वास साफ तौर पर कहते हैं कि मेरे लिए ना तो अमानतुल्‍ला खान कोई मुद्दा हैं और ना ही राज्‍यसभा की कुर्सी। लेकिन, राष्‍ट्रहित के मुद्दों में मैं अकेला पड़ गया था। कुमार वि श्‍वास की नाराजगी अरविंद केजरीवाल के प्रति साफ तौर पर दिख रही है। उनका कहना है कि जो लोग दूसरी पार्टी से AAP में आए हैं उनकी वजह से ये पार्टी भी अब कांग्रेस और बीजेपी की तरह ही बन गई है। उन्‍होंने कहा कि हम लोगों को एक बार फिर पीछे लौटकर देखना होगा। निजी हमलों से किसी का भी कोई फायदा नहीं होगा।

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कुमार विश्‍वास कहते हैं कि राज्‍यसभा की कई सीटें मेरे दरवाजे से वापस गई हैं। लोगों ने हमें विकल्‍प की राजनीति के लिए चुना था। लेकिन, क्‍या हम उनकी उम्‍मीदों पर खरे उतर पा रहे हैं। कुमार विश्‍वास ने कहा कि मेरी इस संबंध में केजरीवाल से बात हुई या नहीं हुई इस संबंध में मैं कुछ नहीं बोलूंगा। लेकिन, इतना जरूर है कि नेशनल काउंसिल की मीटिंग के वक्‍ताओं में मेरा नाम नहीं हैं। लेकिन, पार्टी के कार्यकर्ता अगर चाहेंगे वो इस मीटिंग में अपनी आवाज जरूर बुलंद करेंगे। उधर, पार्टी से बगावत कर अलग हुए कपिल मिश्रा भी इस झगड़े पर चुटकी ले रहे हैं। उनका कहना है कि अमानतुल्‍ला का निलंबन रद्द, यानी उन्‍होंने कुमार विश्‍वास के लिए जो भी कहा वो सच माना गया। कपिल ने कुमार को इशारों ही इशारों में नसीहत भी दी है और कहा है कि डर के आगे जीत है। आपको सच कहना होगा। मतलब साफ है कि AAP एक बार फिर बुरे दौर से गुजर रही है। जिस गदंगी को दूर करने की कसम इस पार्टी ने खाई थी आज वही गदंगी इसके भीतर भरी हुई नजर आ रही है।