योगी आदित्‍यनाथ के राज में सुधर जाएंगे यूपी के मदरसे

जब से उत्‍तर प्रदेश में CM योगी आदित्‍यनाथ ने कामकाज संभाला है तब से यूपी सरकार का फोकस उन मरदसों पर है जो सालों से गड़बड़ी करते आए हैं।

New Delhi Oct 30 : वोट बैंक की राजनीति में अकसर राज्‍य सरकारें अपने असली काम को करना भूल ही जाती हैं या फिर कोई विशेष तबका उनसे बिदक ना जाए इस डर से वो मदरसों पर हाथ ही नहीं डालती थीं। लेकिन, जब से उत्‍तर प्रदेश में योगी आदित्‍यनाथ ने काम काज संभाला है। व्‍यवस्‍थाएं बदलनी शुरु हो गई हैं। योगी आदित्‍यनाथ का फोकस प्रदेश के उन मदरसों पर हैं जो सालों से ना तो अपना कोई हिसाब किताब देते हैं और ना ही बच्‍चों को सही तालीम देते हैं। योगी आदित्‍यनाथ की सरकार ने प्रदेश के आलिया स्तर के मदरसों के सिलेबस में बदलाव कर दिया है। प्रदेश सरकार ने मदरसों में एनसीआरटी की किताबों को शामिल करने की मंजूरी दे दी है। मतलब साफ है कि योगी आदित्‍यनाथ शिक्षा के स्‍तर पर मदरसों की तस्‍वीर को बदलना चाहते हैं। जिसकी कवायद शुरु हो चुकी है।

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इस खबर को आप इस तरह से भी समझ सकते हैं कि अब यूपी के मदरसों में कुरान और महजबी पढ़ाई के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा की किताबों को भी बच्‍चों को पढ़ाया जाएगा। यूपी के मदरसा बोर्ड ने इस दिशा में काम शुरु कर दिया है। दरसअल, जिस तरह से स्‍कूलों के स्‍तर होते हैं उसी तरह से मदरसों के भी स्‍तर होते हैं। जिन मदरसों में कक्षा एक से पांच तक की पढ़ाई होती है उन्‍हें तैतानिया कहते हैं। जबकि पांच से कक्षा आठ तक की पढ़ाई वाले मदरसों को फौकानिया कहा जाता है। तैतानिया और फौकानिया में पहले से ही एनसीआरटी का सलेबस पढ़ाया जाता था। लेकिन, अब योगी आदित्‍यनाथ की सरकार ने दसवीं या फिर उससे भी ऊपर की पढ़ाई कराने वाले आलिया या फिर उच्‍च आलिया स्‍तर के मदरसों में भी एनसीआरटी के सलेबस को अनिवार्य कर दिया है। मदरसों में अब गणित और विज्ञान जैसे विषयों की पढ़ाई अनिवार्य कर दी गई है।

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तैतानिया और फौकानिया में सरकारी स्कूलों की तर्ज पर हिंदी, अंग्रेजी, गणित जैसे सबजेक्‍ट उनके पाठयक्रम में शामिल हैं लेकिन, मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल (हाईस्कूल और हाईस्कूल के बाद की मदरसों में होने वाली पढ़ाई) में गणित, इतिहास, भूगोल और साइंस जैसे सबजेक्‍ट को वैकल्पिक विषय के तौर पर पढ़ाया जाता है। एक बात और भी है जो भी मदरसा योगी आदित्‍यनाथ के इस आदेश का पालन नहीं करेगा उसका रजिस्‍ट्रेशन कैंसिंल किया जा सकता है। इससे पहले भी यूपी में मदरसों को लेकर योगी आदित्‍यनाथ की सरकार कुछ नए नियम जारी कर चुकी है। जिसका कई लोगों ने स्‍वागत किया था तो वहीं कुछ लोगों ने विरोध भी किया था। लेकिन, कड़े फैसले पर योगी आदित्‍यनाथ की सेहत पर किसी के विरोध का कोई असर नहीं पड़ता। इससे पहले 15 अगस्‍त को सभी मदरसों में ध्‍वजारोहण और राष्‍ट्रगान भी अनिवार्य किया जा चुका है।

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कुछ लोग सरकार के इस फैसले के खिलाफ अदालत भी पहुंच गए थे। लेकिन, वहां से भी उन्‍हें मुंह की खानी पड़ी थी। इसके साथ ही योगी आदित्‍यनाथ ने अभी हाल ही में आदेश जारी किया था कि सभी मदरसों को अपने यहां की पूरी जानकारी बेवसाइट पर अपलोड करनी होगी। ऐसा ना करने वाले मदरसों की ना सिर्फ मान्‍यता रद्द की जाएगी बल्कि उन्‍हें मिलने वाली सरकारी ग्रांट भी रोक दी जाएगी। अब बारी सिलेबस की है। नए सिलेबस के मुताबिक मदरसों में हिंदी और अंग्रेजी के अलावा दूसरे विषयों की पढ़ाई उर्दू में की जा सकती है। दरसअल, योगी आदित्‍यनाथ की सरकार चाहती है कि प्रदेश के मदरसे व्‍यवस्थित तरीके से अपना काम करे। मदरसों के नाम पर होने वाला फर्जीवाड़ा रोका जाए। ये सारी कवायद इसी फर्जीवाड़े को रोकने और मदरसों में पढ़ाई के स्‍तर को बढ़ाने के लिए ही की जा रही है। इस वक्‍त यूपी में तैतानियां, फौकानियां, आलिया और उच्च आलिया स्तर के मदरसों की कुल संख्या कुल 19 हजार143 है।