आंकड़ों के खेल में भारी पड़े पीएम मोदी, WB की रेटिंग पर सवाल उठाने वालों को धोया
पीएम मोदी ने WB की रैंकिंग पर सवाल खड़े कर रही कांग्रेस पर जोरदार हमला किया है। कहा कि जो लोग वर्ल्ड बैंक में रह चुके वो सवाल उठा रहे हैं।
New Delhi, Nov 04: देश में एक नई बहस शुरू हो गई है, किसी भी क्षेत्र में देश अगर कुछ फायदान ऊपर चढ़ता है तो उसको लेकर राजनीति शुरू हो जाती है। अब ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रेटिंग में भारत की तरक्की को लेकर जिस तरह से राजनीति हो रही है वो परेशान करने वाली है। वर्ल्ड बैंक ने ऊज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की रेटिंग ऊपर की है। जिसका मतलब ये हुआ कि भारत में बिजनेस करना सुगम होता जा रहा है। ये रेटिंग वर्ल्ड बैंक की है, इसका भारत सरकार या फिर किसी सियासी दल से कोई लेना देना नहीं है। इस पर राजनीति करने का क्या मतलब बनता है। लेकिन कांग्रेस जो पीएम मोदी और उनकी सरकार के हर काम का विरोध करती है, उसने इस रेटिंग पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रेटिंग मं सुधार को लेकर जो राजनीति हो रही है और कांग्रेस जिस तरह से हमला कर रही है उस पर अब पीएम मोदी ने पलटवार किया है। आंकड़ों के खेल में मोदी वैसे भी माहिर हैं, वर्ल्ड बैंक ने जो रेटिंग सुधारी है उसको लेकर मोदी ने कांग्रेस और यूपीए सरकार पर जोरदार हमला किया है। उन्होंने मनमोहन सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग वर्ल्ड बैंक मं काम कर चुके हैं वो भी भारत की रैंकिंग में हुए सुधार पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को भारत की रैंकिंग में सुधार समझ नहीं आता है। उनको इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि भारत की रेटिंग 101 हो गई ह। ये कितनी बड़ी बात है।
इनमें से कुछ लोग तो वर्ल्ड बैंक में रह चुके हैं। वो भी भारत की रैंकिंग पर सवाल उठा रहे हैं। मैं ऐसे लोगों से कहना चाहता हूं अगर पहले कानून सुधार किए जाते, तो आपको इसका श्रेय मिलता। देश की स्थिति सुधारने के लिए किया कुछ नहीं है, लेकिन जो कर रहा है उस पर सवाल पूछ रहे हैं। ीएम नरंद्र मोदी ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की प्रक्रिया 2004 में शुरू हुई थी। इसके बाद 2014 तक किसकी सरकार रही ये सबको पता है। उन्होंने कहा कि मैं ऐसा प्रधानमंत्री हूं जिसने वर्ल्ड बैंक की इमारत तक नहीं देखी, और कुछ लोग हैं जो वर्ल्ड बैंक में काम कर चुके हैं वो इस पर सवाल उठा रहे हैं।
पीएम मोदी ने इस बयान से कांग्रेस पर हमला किया है। साथ ही उन्होंने जनता के सामने ये बात रखने की भी कोशिश की है कि जो लोग भारत की रैंकिंग पर सवाल खड़े कर रहे हैं वो वर्ल्ड बैंक मं काम कर चुके हैं, उसके बाद भी उनको रैंकिंग की समझ नहीं है। जिस तरह से कांग्रेस नोटबंदी औऱ जीएसटी को लेकर आक्रामक है उसे देखते हुए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की रैंकिंग में सुधार मोदी सरकार के लिए राहत की बात है। इसके साथ ही हालिया एक रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि सरकार की तरफ से उठाए गए सुधारवादी कदमों का असर दिखाई देने लगा है। भारत की अर्थ व्यवस्था में जो थोड़ा सा ठहराव आया था वो दौर अब खत्म होने वाला है।