तमिलनाडु पर कब्जे का प्लान ? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की करुणानिधि से मुलाकात
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीएमके प्रमुख करुणानिधि से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है। जानिए क्यों ?
New Delhi Nov 06 : दक्षिण भारत की सियासत में नए सियासी समीकरण बनते हुए नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक कदम ने यहां की सियासत में हंड़कंप मचा दिया है। इसके साथ ही राजनीति के जानकारों को भी हैरत में डाल दिया। दरसअल, सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेन्नई में डीएमके प्रमुख करुणानिधि से मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और करुणानिधि की मुलाकात के बाद हर कोई भौंचक्का है। उसे समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर भारतीय जनता पार्टी तमिलनाडु में क्या प्लान कर रही है। इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। दरसअल, तमिलनाडु में दो प्रमुख सियासी दल हैं। एक डीएमके और दूसरी एआईएडीएमके है। इस वक्त राज्य में एआईएडीएमके की सरकार है। जयललिता की पार्टी एआईएडीएम को बीजेपी का करीबी माना जाता है। जबकि तमिलनाडु में डीएमके और एआईएडीएमके धुर विरोधी हैं। दोनों पार्टियों में हमेशा 36 का आंकड़ा रहा है। जहां एआईएडीएमके एनडीए में शामिल रह चुकी है वहीं डीएमके यूपीए में रह चुकी है।
लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीएमके प्रमुख करुणानिधि से मुलाकात तमिलनाडु में दोनों ही विरोधी दलों को साध लिया है। वैसे भी इस वक्त एआईएडीएमके में जयललिता की मौत के बाद काफी घमासान मचा हुआ था। पार्टी दो धड़ों में टूट गई थी। जयललिता के बाद शशिकला ने पार्टी की कमान संभाल ली थी। लेकिन, भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें भी जेल हो गई थी। इसके बाद पार्टी पलानीसामी और पन्नीरसेलवम के गुट में बंट गई थी। हालांकि अब एक बार फिर तमिलनाडु में एआईएडीएमके एक हो गई है। दो गुट एक हो गए हैं। दोनों ही गुट के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के दूसरे नेताओं से मुलाकात भी कर चुके हैं। इसके बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की करुणानिधि से मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि बीजेपी ने दूसरे विरोधी धड़े को भी साध लिया है। हालांकि मोदी और करुणानिधि की मुलाकात को बीजेपी सिर्फ शिष्टाचार भेंट करार दे रही है। लेकिन, बात यहां खत्म नहीं होती।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ना सिर्फ करुणानिधि से मुलाकात की बल्कि उन्हें दिल्ली आने का न्यौता भी दिया। इन सारी बातों को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी तमिलनाडु में नए सियासी समीकरण तलाश रही है। फिलहाल तो बीजेपी इन सभी अटकलों को खारिज कर रही है। लेकिन, अगर अमित शाह के पुराने बयानों को देखा जाए तो मोदी और करुणानिधि की मुलाकात के कई मायने निकलते हैं। अमित शाह अपनी कई मीटिंगों में नेताओं को कह चुके हैं कि हम लोगों को अपनी उन सीटों पर फोकस करना चाहिए जिन्हें बीजेपी 2014 में हार चुकी है। इसके साथ ही उन राज्यों में भी बीजेपी के जनाधार को बढ़ाने को कहा गया है जहां भारतीय जनता पार्टी का अस्तित्व नहीं है। अब केरल और पश्चिम बंगाल को ही देख लीजिए। यहां पर बीजेपी की मेहनत रंग ला रही है।
कहने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और करुणानिधि की मुलाकात सिर्फ दस मिनट की ही हुई हो लेकिन, इन दस मिनटों में ही कई संकेत मिल गए हैं। संकेत एआईएडीएम के लिए भी हैं और दिल्ली में बैठे कांग्रेस हाईकमान के लिए भी। मोदी ने करुणानिधि को दिल्ली में उनके आवास पर आने को कहा है और वहां आराम करने को कहा। दरअसल, डीएमके प्रमुख करुणानिधि लंबे समय से बीमार चल रहे हैं। मोदी और करुणानिधि की इस मुलाकात में मोदी के साथ रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और तमिलनाडु के बीजेपी अध्यक्ष भी मौजूद थे। जबकि करुणानिधि के घर पर उनके बेटे और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन और कणिमोझी मौजूद थीं। जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपने घर पर स्वागत किया। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चेन्नई दौरे पर थे। उन्होंने एक अखबार के प्रोग्राम में मीडिया के लोगों को भी नसीहत दी और कहा कि पत्रकारों के पास ताकत है लेकिन, इसका गलत इस्तेमाल करना अपराध है।