नोटबंदी और जीएसटी पर जंग : मनमोहन सिंह बनाम अरुण जेटली
नोटबंदी और जीएसटी के मसले पर देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली आमने-सामने आ गए हैं। दोनों के बीच वॉक युद्ध शुरु हो गया है।
New Delhi Nov 07 : आठ नवंबर को नोटबंदी का एक साल पूरा हो रहा है। विपक्ष के नेता आठ नवंबर को ब्लैक डे के तौर पर मनाने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी पोल खोल डे मनाएगी। विपक्ष को लग रहा है कि वो नोटबंदी और जीएसटी का विरोध कर बीजेपी के ताबूत में कील ठोंक सकते हैं। जबकि बीजेपी के नेताओं का कहना है कि ऐसा कर के कांग्रेस पार्टी खुद ही अपने ताबूत में कील ठोंकने का काम कर रही है। बहरहाल, नोटबंदी और जीएसटी के मसले पर कांग्रेस पार्टी ने अब विरोध के लिए देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उतार दिया है। मनमोहन सिंह ने गुजरात विधानसभा चुनाव में अहमदाबाद से बीजेपी की सरकार पर निशाना साधा। तो दिल्ली में बैठकर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उन्हें करारा जवाब दिया। यानी जीएसटी और नोटबंदी को लेकर अब मनमोहन सिंह और अरुण जेटली आमने सामने आ गए हैं।
अहमदाबाद में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को मोदी सरकार की सबसे बड़ी भूल करार दिया। उन्होंने इसे संगठित लूट करार दिया। यहां मनमोहन सिंह ने कहा कि मैंने जो बातें संसद भवन में कहीं थीं आज फिर उन्हें दोहराना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि ये एक संगठित और वैधानिक लूट थी। इसके साथ ही उन्होंने जीएसटी को लेकर भी केंद्र की मोदी सरकार को घेरा। मनमोहन सिंह का कहना है कि जीएसटी देश की अर्थव्यवस्था के लिए सबसे घातक साबित हुई है। जीएसटी ने छोटे उद्यमों की कमर तोड़ दी है। मनमोहन सिंह ने कहा कि हम लोग 8 नवंबर 2017 को हम नोटबंदी नाम की विनाशकारी नीति का एक साल पूरा कर रहे हैं, जिसे देश की जनता पर थोपा गया था। मनमोहन सिंह का कहना है कि आठ नवंबर 2016 का वो दिन देश की अर्थव्यवस्था के लिए तो काला दिन था। ये लोकतंत्र के लिए भी काला दिन साबित हुआ।
मनमोहन सिंह दावा करते हैं कि नोटबंदी का कोई भी मकसद पूरा नहीं हो पाया। जबकि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को करारा जवाब दिया। जेटली ने नोटबंदी के फैसले की घोषणा के दिन यानी आठ नवंबर 2016 को भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास का ऐतिहासिक दिन बताया। जेटली ने नोटबंदी को लेकर अपने फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट भी लिखी है। इसी पोस्ट के जरिए उन्होंने नोटबंदी का विरोध कर रहे लोगों पर करारा वार किया। जेटली ने लिखा है कि 8 नवंबर 2016 का वो दिन देश को काले धन की भयावह बीमारी से बचाने के इस सरकार के संकल्प को दर्शाता है। काले धन को लेकर उन्होंने मनमोहन सिंह की सरकार पर भी वार किया और लिखा कि हमारा देश जानता है कि किस तरह से यूपीए की सरकार ने कालेधन के मसले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को सालों तक अनसुना किया है।
यूपीए सरकार और मनमोहन सिंह पर जवाबी हमला करते हुए उन्होंने लिखा कि इन लोगों ने बेनामी प्रॉपर्टी एक्ट को लागू करने में 28 साल लगा दिए। ये कालेधन पर पूर्व की सरकार की अनिच्छा का जीता जागता उदारहण है। अरुण जेटली ने दावा किया कि हमारी सरकार ने नोटबंदी के उद्देश्य को पूरा कर लिया है। जेटली ने लिखा कि 1150 शेल कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। 22,000 बेनेफिशअरीज ने 13,300 करोड़ रुपये की ब्लैक मनी को टैक्स और पेनॉल्टी अदाकर व्हाइट किया। उधर, मनमोहन सिंह कहते हैं कि पूरी दुनिया में एक भी देश ने ऐसा विनाशकारी कदम नहीं उठाया है जैसा हिंदुस्तान में किया गया। इस कदम ने 86 फीसदी करंसी का ही सफाया कर दिया। उन्होंने सवाल किया कि क्या बुलेट ट्रेन पर सवाल उठाने से कोई विकास विरोधी और GST-नोटबंदी पर सवाल उठाने से कोई टैक्स चोर हो जाता है।