नोटबंदी की ‘बरसी’ पर सामने आया दिग्विजय सिंह का 1000 करोड़ के घोटाले में नाम

जहां एक ओर कांग्रेस पार्टी केंद्र की मोदी सरकार को जीएसटी और नोटबंदी पर घेरने में जुटी है वहीं दूसरी ओर दिग्विजय सिंह 1000 करोड़ के घोटाले में फंस गए हैं।

New Delhi Nov 08 : पूरे देश की जनता इस बात को जानती है कि यूपीए सरकार में जितने घोटाले हुए शायद ही किसी सरकार में हुए होंगे। जहां एक ओर आज कांग्रेस पार्टी नोटबंदी की बरसी पर ब्‍लैक डे मना रही है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह का नाम 1000 करोड़ रूपए के एविएशन घोटाले में सामने आ गया है। ये घोटाला भी यूपीए सरकार के दौरान ही हुआ था। ऐसे में कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें बढ़नी तय हैं। जाहिर है 1000 करोड़ रुपए के एविएशन घोटाले में दिग्विजय सिंह का नाम सामने आने के बाद कांग्रेस नेताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं। देश की जनता कांग्रेस के नेताओं से जवाब मांग रही है कि क्‍या इन्‍हीं सबके लिए उन्‍हें नोटबंदी रास नहीं आई। दिग्विजय सिंह के घोटाले के बाद कांग्रेस नेताओं के लिए जनता को फेस करना मुश्किल होगा। जाहिर है इस घोटाले पर कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी को सामने आकर जवाब देना चाहिए।

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दरसअल, यूपीए सरकार के दौरान एक हजार करोड़ रुपए का एविएशन घोटाला हुआ था। इस बात का खुलासा इनकम टैक्‍स की जांच में सामने आया है। इनकम टैक्‍स की जांच के बाद ही ये घोटाला उजागर हुआ है। इसमें एविएशन फिक्सर दीपक तलवार ने दिग्विजय सिंह और उनके परिवार के लिए फ्लाइट की टिकटें बुक की थीं। इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट की जांच में ये बात सामने आई है कि दीपक तलवार की वेव हॉस्पिटलिटी एमिरेट्स फर्म ने कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह और उनके परिवार के लिए 1.25 करोड़ की टिकटें खरीदी थीं। इसमें से साठ लाख की टिकट दिग्विजय सिंह और उनकी पूर्व पत्नी के लिए खरीदी गई थी। सबसे खास बात ये है कि ये टिकट उस वक्‍त खरीदीं गईं थी जब दिग्विजय सिंह कांग्रेस पार्टी के राष्‍ट्रीय महासचिव हुआ करते थे। इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट इस वक्‍त एविएशन फिक्‍सर दीपक तलवार से 1000 करोड़ रूपए की बेनामी संपत्ति के मामले में पूछताछ कर रहा है।

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दरअसल दीपक तलवार को एक बड़ा कॉर्पोरेट लॉबिस्ट माना जाता है। उसके संपर्क कॉरपोरेट घरानों से लेकर कई बड़ी हस्तियों तक में है। राजनैतिक गलियारों में भी उसकी अच्‍छी खासी पकड़ रहती थी। दीपक तलवार को कई राजनेताओं को बेहद करीबी बताया जाता है। अभी दो नवंबर को ही दिल्‍ली की तीस हजारी कोर्ट ने नोटिस जारी कर दीपक तलवार से उसकी आय के स्रोतों की जानकारी पर जवाब मांगा था। उधर, इस केस में कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह का कहना है कि उनकी पत्‍नी आशा और बेटी का ह्यूस्टन में कैंसर का इलाज चल रहा था। उसी दौरान उन्‍होंने ह्यूस्टन के लिए सभी लोगों की टिकटें खुद ही खरीदी थीं। उनका कहना है कि दीपक तलवार की फर्म ने एयर टिकटों को अपग्रेड किया था। बेशक वो कुछ भी कहें लेकिन, इस केस ने कांग्रेस पार्टी की मुश्किलों को ऐसे वक्‍त में बढ़ा दिया है जब कांग्रेस के नेता नोटबंदी की बरसी पर ब्‍लैक डे मनाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन, उससे पहले ही कालिख पार्टी के ही एक नेता के चेहरे पर लग गई है।

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इस वक्‍त नोटबंदी और जीएसटी को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को गुजरात चुनाव में भुनाना चाहती है। कांग्रेस पार्टी समेत पूरे के पूरे विपक्ष ने आठ नवंबर को ब्‍लैक डे मनाने का फैसला किया था। इसी कड़ी में कल पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी अहमदाबाद गए थे और वहां से मोदी सरकार पर वार किया था। लेकिन, केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने उसी दिन कांग्रेस के दिग्‍गज नेताओं की धज्जियां उड़ा दीं। नोटबंदी की पहली वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर अरुण जेटली ने मीडिया को संबोधित करते हुए इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया। जेटली का कहना था कि नोटबंदी ही एकमात्र ऐसा हल था और जिससे सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी। उन्‍होंने इसे कालेधन के खिलाफ नैतिक कदम बताया था। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर भी वार किया और कहा कि लूट तो वो जो यूपीए सरकार में 2जी, कॉमनवेल्थ और कोल ब्लॉक आवंटन के दौरान हुई थी। जाहिर है इस लूट में अब एक और केस में दिग्विजय सिंह का भी नाम जुड़ गया है। जो कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बनेगा।