गुजरात चुनाव में शुरू हुई राम बनाम हज की जंग, कौन जीतेगा ये लड़ाई ?

गुजरात चुनाव में अब राम बनाम हज की जंग शुरू हो गई है. इस से संबंधित एक पोस्टर चर्चा का विषय बना हुआ है। इस लड़ाई को कौन जीतेगा,

New Delhi, Nov 09: क्या ये पल गुजरात चुनाव के लिए यूपी वाला पल साबित होने वाला है. ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि जिस तरह से यूपी चुनाव के दौरान श्मशान और कब्रिस्तान वाले मुद्दे ने एक झटके में बीजेपी के लिए राह आसान कर दी थी, उसी तरह के आसार अब गुजरात में भी दिखाई दे रहे हैं। अभी तक एक दूसरे पर वार पलटवार किया जा रहा था। कांग्रेस आक्रामक अंदाज में बीजेपी के गुजरात मॉडल पर हमला कर रही है। लेकिन ऊपर लिखी इस एक लाइन ने प्रचार की दिशा ही बदल के रख दी है। राज्य में अब राम बनाम हज की जंग शुरू हो गई है। सांप्रदायिकता का रंग घोला जाने लगा है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही इस से होने वाले फायदे और नुकसान का आंकलन करने में जुट गई हैं।

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दरअसल हमेशा से गुजरात चुनाव के दौरान सांप्रदायिकता का तड़का लगता है। खास तौर पर 2002 के बाद से तो विरोधी दल मोदी पर सांप्रदायिक होने का आरोप लगाते रहे हैं। बीजेपी ने विकास को तरजीह देते हुए विकास के मुद्दे पर 2012 से चुनाव लड़ना शुरू किया। इस बार विकास के मुद्दे पर  कांग्रेस ने बीजेपी को घेर लिया है। विकास पागल हो गया कैंपेन जिस तरह से हिट रहा है वो बीजेपी को परेशानी में डाल रहा है। शायद यही कारण है कि एक बार फिर से बीजेपी का चुनावी प्रचार धर्म की तरफ मुड़ रहा है। कांग्रेस भी इस खेल की पुरानी खिलाड़ी रही है, हालांकि इस बार कांग्रेस खुद को अल्पसंख्यकों की पार्टी के तमगे से बाहर लाने की कोशिश कर रही है। राहुल गांधी सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पकड़ कर सत्ता हासिल करना चाह रहे हैं।

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दरअसल राज्य में एक पोस्टर इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। इस को लोग सोशल मीडिया पर दबा कर शेयर कर रहे हैं। इस पोस्टर में 6 नेताओं की तस्वीर है। ऊपर विजय रुपाणी, अमित शाह और नरेंद्र मोदी की तस्वीर है, जिनके नामों से पहले अक्षर निकाल कर राम बनाया है., रुपाणी से R, अमित शाह से A और नरेंद्र मोदी से M इस तरह से तैयार हुआ राम। इसके ठीक नीचे हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी की फोटो लगी है, हार्दिक से H, अल्पेश से A और जिग्नेश से J निकाल कर हज बनाया गया है। पोस्टर के सबसे ऊपर लिखा है पसंद तुम्हारी। ये पोस्टर साफ तौर पर इशारा कर रहा है कि अब लड़ाई राम बनाम हज की हो गई है।

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हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी तीनों ही के कांग्रेस के साथ जाने की चर्चा है, अल्पेश तो कांग्रेस में शामिल भी हो गए हैं। इन तीनों को हज का नाम देकर कहा जा रहा है कि पसंद तुम्हारी यानि वोटरों की है, वो राम को वोट देंगे या फिर हज को। इसके अलावा कुछ और संकेत हं जिनके चलते ये कहा जा सकता है कि गुजरात चुनाव में भी संप्रदायिकता का तड़का लग चुका है। अमित शाह रोहिंग्या मुसलमानों की बात करते हैं, विजय रुपाणी अहमद पटेल के अस्पताल से पकड़े गए आईएस के आतंकियों की बात करते हैं। बीजेपी हिंदुत्व के सबसे बड़े चेहरे के तौर पर योगी आदित्यनाथ को प्रचार में उतारती है। साफ है कि हिंदुत्व की राह पर ही आगे बढ़कर बीजेपी सत्ता हासिल करने में लगी हुई है।