लोकतंत्र जिंदाबाद: गिर के घने जंगलों में सिर्फ एक वोटर के लिए बना बूथ
लोकतंत्र जिंदाबाद, जी हां इस खबर को पढ़ने के बाद आपके दिल से भी ये ही आवाज निकलेगी। गिर के घने जंगलों में पहली बार ऐतिहासिक पहल हुई है।
New Delhi, Nov 10 : हिंदुस्तान का लोकतंत्र यूं तो काफी पुराना है, लेकिन इस बार कुछ ऐसा हुआ है कि आप भी दिल से लोकतंत्र जिंदाबाद कहेंगे। कहा जाता है कि दुनिया के किसी भी लोकतंत्र में मताधिकार सबसे ज्यादा जरूरी होता है। चुनाव को लोकतंत्र का पर्व माना जाता है। चुनाव आयोग लगातार कोशिश कर रहा है कि हर मतदाता को वोट देने का मौका मिले। ऐसा ही गुजरात में देखने को मिला है। चुनाव आयोग ने गुजरात के गिर में सिर्फ एक वोटर के लिए पोलिंग बूथ बनाया है। सोमनाथ जिले के बानेज गांव के घने जंगलों के बीच ये पोलिंग बूथ बनाया गया है। आपको बता दें कि बानेज ऐतिहासिक तीर्थ स्थल भी कहा जाता है। ये पोलिंग बूथ गुजरात की शान कहे जाने वाले गिर सेंचुरी के भीतर है।
यहां किसी के रहने की इजाजत नहीं है। लेकिन इस सेंचुरी के भीतर बनेश्वर महादेव मंदिर है। इस मंदिर के पुजारी महंत भारतदास गुरु दर्शन दास के लिए ये पोलिंग बूथ तैयार किया गया है। पुजारी महंत भारतदास इस क्षेत्र के एकमात्र वोटर हैं। उनका कहना है कि बाकी पोलिंग बूथों की तरह यहां भी एक वोटर के लिए कर्मचारी आते हैं। इनमें मतदान अधिकारी, एक पोलिंग एजेंट, एक चपरासी, दो पुलिसकर्मी और एक सीआरपीएफ का जवान है। ये सभी मतदान खत्म होने तक ड्यूटी करते हैं। खास बात ये है कि गुजरात चुनाव में पहली बार वीवीपीएटी ईवीएम का इस्तेमाल होगा। इसको देखते हुए हाल ही में बानेज में वोट देने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया था।
कहा गया है कि चुनाव के एक दिन पहले वन विभाग के कमरे में मतदान अधिकारी रुकेंगे। ये कमरा मंदिर से 100 मीटर की दूरी पर स्थित है। इस कमरे में ही पोलिंग बूथ बनाया जाता है। ये पूरा इंतजाम सिर्फ एक वोटर के लिए किया जा रहा है। महंत भारतदास कहते हैं कि ‘एक वोट के लिए चुनाव आयोग की ये प्रक्रिया बेहद शानदार है। वो खुद को इस प्रक्रिया का हिस्सा मानकर गौरवान्वित महसूस करते हैं। उनका कहना है कि ये लोकतंत्र के लिए गौरवशाली बात है। महंत भारतदास का कहना है कि वो चाहते हैं कि चुनाव के दौरान 100 फीसदी वोटिंग हो। उनका कहना है कि वो लगातार 2002 से यहां वोटिंग कर रहे हैं।
वो कहते हैं कि जिस तरह से उनके लिए पोलिंग बूथ तैयार किया जाता है और ये बताता है कि किस तरह से भारत में लोकतंत्र को बड़ा महत्व दिया जाता है। उनका कहना है कि इस मंदिर परिसर में अक्सर रात को शेर भी घूमते हैं। उनका कहना है कि शेर यहां किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाते। महंत भारतदास का कहना है कि वो इस बार बेहद ही गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं और चुनाव आयोग की तारीफ करना वो बिल्कुल भी नहीं भूलते। इतना घना जंगल, जंगली जानवरों का डर और इसके बाद भी चुनाव आयोग ने जिस तरह से काम किया है, वो साबित करता है कि लोकतंत्र जिंदाबाद था, है और हमेशा रहेगा।