योगी से मिले शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी, कहा-मंदिर वहीं बनाएंगे
अयोध्या में राममंदिर निर्माण को लेकर शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने उत्तर प्रदेश के मुख्मयंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की।
New Delhi Nov 10 : अयोध्या में राममंदिर निर्माण का मसला एक बार फिर गरमाता हुआ नजर आ रहा है। हालांकि इस बार गरमाहट तनाव को लेकर नहीं बल्कि समझौते में दिख रही हैं। हर पक्ष चाहता है कि इस विवाद का समाधान बातचीत के जरिए निकाल लिया जाए और मसले को सुलझा लिया जाए। इसी कड़ी में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद वसीम रिजवी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मंदिर वहीं बनेगा। योगी आदित्यनाथ और वसीम रिजवी की मुलाकात करीब बीस मिनट तक चली। हालांकि इसमें कोई शक नहीं है कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी का ये बयान दूसरे पक्षकारों को नागवार उतरे। ये भी जरूरी नहीं है कि वो उनकी बात मान ही लें। लेकिन, इन सब के बीच भी शिया वक्फ बोर्ड अपने बयान पर कायम है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी के बीच ये मुलाकात गुरुवार को हुई थी। वसीम रिजवी ने मुलाकात के बाद मीडिया के लोगों को बताया कि उनकी ये मुलाकात मंदिर निर्माण को लेकर थी। उन्होंने कहा कि जहां पर मंदिर है वहीं पर राम मंदिर बनेगा। उनका कहना था कि किसी भी मंदिर को गिराकर वहां मस्जिद नहीं बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि इसलिए हमने मस्जिद को अयोध्या से बाहर या दूर कहीं मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बनाने की बात की। वसीम रिजवी का कहना है कि हम इसके लिए सभी पक्षकारों से बात कर रहे हैं। ताकि इस मसले पर आम सहमति बनाई जा सके। इसके साथ ही वसीम रिजवी ने ये भी दावा किया कि लगभग सभी पक्षकार मंदिर निर्माण को लेकर सहमत हैं। जल्द ही इस विवाद का हल निकाल लिया जाएगा। सभी लोग मंदिर और मस्जिद विवाद का समाधान चाहते हैं।
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी का कहना है कि अभी पक्षकारों से कुछ मुद्दों पर बात होनी बाकी हैं। लेकिन, जल्द ही उसे भी पूरा कर लिया जाएगा। उनका कहना है कि अयोध्या में मंदिर निर्माण में कोई भी विवाद नहीं होगा। मंदिर जहां है वहीं रहेगा। किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत या समस्या नहीं होगी। बातचीत के जरिए सभी मसलों को सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मस्जिद को यहां से दूर बनाने की बात हो रही है। हम लोग कोई ऐसी जगह तलाशेंगे जहां मुस्लिम बस्ती हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच की मुलाकात भी काफी सकारात्मक रही। इससे पहले भी वसीम रिजवी कह चुके हैं कि अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर का ही निर्माण होना चाहिए।
ये मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में भी हलफनामा दायर कर ये कह चुका है कि अगर अयोध्या में विवादित स्थल पर मंदिर बनता है तो उसे कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि कुछ मुस्लिम पक्षकार इस बात पर सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि इस मामले में अदालत का जो भी फैसला होगा उन्हें मान्य होगा। छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा ढहाया गया था। इसलिए शिया वक्फ बोर्ड चाहता है कि समझौते का प्रस्ताव भी इसी दिन पेश किया जाए। उधर, बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी ये दलील दे चुके हैं कि मंदिर को ना हटाया जा सकता है और ना ही दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सकता है। लेकिन, मस्जिद को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सकता है। कई मुस्लिम देशों में मस्जिदों को शिफ्ट किया गया है। बहरहाल, ये मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। कोर्ट भी ये चाहता है कि अगर ये मामला अदालत के बाहर सुलझा लिया जाए तो बेहतर होगा।