फारूक अब्दुल्ला बोले-भारत का कभी नहीं हो सकता PoK, भड़का लोगों का गुस्सा

नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला ने कश्मीर पर फिर से विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पीओके पाकिस्तान का है और कभी भी भारत का नहीं हो सकता है।

New Delhi, Nov 11: कश्मीर को लेकर पूरे भारत में एक ही आवाज आती है, ये हमारा हिस्सा है, पाकिस्तान ने जिस इलाके पर कब्जा किया है, जिसे पाक अधिकृत कश्मीर कहा जाता है वो भी भारत की ही हिस्सा है। इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। कश्मीर दरअसल हिंदुस्तानियों के दिलों में बसा हुआ है। जब भी कश्मीर की बात होती है तो हमेशा ये कहा जाता है कि वो अखंड भारत का हिस्सा है। लेकिन कुछ लोग हैं जो अपनी सियासत चमकाने के लिए और मौजूदा दौर में अपनी प्रसंगिकता को बनाए रखने के लिए अजीब किस्म के बयान दे देते हैं। अब जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को ही ले लीजिए, फारूक और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने सालों तक जम्मू कश्मीर पर राज किया है।

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नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक ने कश्मीर को लेकर फिर से विवादित बयान दे दिया है। अब्दुल्ला सीनियर ने कहा है कि PoK पाकिस्तान का हिस्सा है। केवल इतना बोलते तो ठीक था, लेकिन इस बार वो सीमा लांघ गए, उन्होंने कहा कि पीओके को पाकिस्तान से कोई नहीं छीन सकता है। फारूक के इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा भड़क गया, यूजर्स कह रहे हैं कि फारूक भारतीय हैं या फिर वो पाकिस्तान की नागरिकता ले चुके हैं। क्योंकि उनके बयान और पाकिस्तान के एक साधारण से नागरिक के बयान में कोई फर्क नहीं दिखाई दे रहा है। कश्मीर समस्या का समाधान जब होगा तब होगा लेकिन उस से पहले इस तरह के बयान वीरों का समाधान खोजने की जरूरत है। जो भारत में रह कर इस तरह की बात कर रहे हैं।

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फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर का जो हिस्सा भारत के पास है वो भारत का है औऱ जो पाकिस्तान के पास है वो पाकिस्तान का है। चाहे कितनी भी जंग हो जाए, लड़ाई हो जाए ये बदलने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि कश्मीर को ज्यादा स्वायत्तता देने की जरूरत है। आजादी की जो मांग करते हैं वो बेमानी है. कश्मीर चारों तरफ से परमाणु शक्ति से लैस देशों से घिरा है। इसलिए आजादी की मांग करना ठीक नहीं है। अब्दुल्ला क्या कहना चाह रहे हैं ये समझ से परे है। पहली बात तो ये है कि वो PoK को पाकिस्तान का हिस्सा मानते हैं। जबकि भारत सरकार का साफ रुख है कि पीओके भारत का हिस्सा है जिस पर पाकिस्तान ने जबरन कब्जा कर रखा है। ये आम जन मानस की भी राय है।

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बता दें कि कश्मीर समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार ने हाल ही में एक वार्ताकार को नियुक्त किया है। इसकी चारों तरफ तारीफ हो रही है। केंद्र में मोदी सरकार है, अलगाववादियों और आतंकवादियों को लेकर मोदी सरकार का रुख सभी को पता है। ऐसे में फारूक अब्दुल्ला जैसे लोगों को मिर्ची लग रही है। केंद्रीय वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा को किस से बात करनी चाहिए, किस से नहीं इस बारे में अब्दुल्ला सुझाव दे रहे हैं। वो दबाव बना रहे हैं कि दिनेश्वर शर्मा को सभी पक्षों से बात करनी चाहिए। अब्दुल्ला का कहना है कि हमें पाकिस्तान के पक्ष को भी समझना होगा, बिना पाकिस्तान से बात किए समस्या का हल नहीं निकलेगा। अब्दुल्ला की पार्टी का तो यहां तक कहना है कि दिनेश्वर शर्मा की बातचीत से कोई फायदा नहीं होने वाला है।