किम जोंग के पीछे पड़ी अमेरिका की CIA, ‘कैमिकल मौत’ मरेगा सनकी तानाशाह

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग के खिलाफ अब अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के किलर लग गए हैं। उस पर कैमिकल हमला किया जा सकता है।

New Delhi, Nov 11: अमेरिका जो अपने दुश्मनों को किसी भी तरह से खत्म करने में यकीन रखता है। वो किसी भी कीमत पर अपने दुश्मनों को साफ कर देता है। सददाम हुसैन से लेकर ओसामा बिन लादेन तक इसके उदाहरण हैं, अगर अमेरिका और उसकी खुफिया एजेंसियां किसी के पीछे पड़ जाएं तो वो उसे खत्म करके ही मानते हैं। पिछले काफी समय से अमेरिका का पाला किसी ऐसे दुष्ट राष्ट्र से नहीं पड़ा था, जो उसकी ताकत से डर ही नहीं रहा है। उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग वैसा ही एक किरदार है, जो ना केवल अमेरिका की धमकियों के आगे झुकने से इंकार कर रहा है बल्कि अमेरिका को डरा भी रहा है। इस से अमेरिका परेशान है। तमाम प्रतिबंध लगा कर देख लिए, लेकिन उत्तर कोरिया पर कोई असर हीं हो रहा है।

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अब उत्तर कोरिया की चुनौती से निपटने के लिए अमेरिका ने अपनी कुख्यात खुफिया एजेंसी CIA को उसके पीछा लगा दिया है। सीआईए को दुनिया की सबसे खतरनाक सीक्रेट सर्विस एजेंसी माना जाता है। उसने ना जाने कितने खतरनाक मिशन अंजाम दिए हैं। अब सीआईए के किलर किम जोंग के पीछे लग गए हैं। दरअसल अमेरिका को ये समझ आ गया है कि उत्तर करिया के तानाशाह को बाहुबल से नहीं डराया जा सकता है। उत्तर कोरिया के पास परमाणु हथियार हैं, ज्यादा उकसाने परह वो इनका इस्तेमाल भी कर सकता है। ऐसा होने पर अमेरिका को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए अब दूसरे तरीके से किम जोंग के खात्मे का प्लान बनाया जा रहा है। इस के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है।

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अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने अभी तक किम जोंग को मारने के लिए कई नाकाम कोशिशें भी की हैं। खास बात ये है कि उत्तर कोरिया की खुफिया एजेंसी को इस बारे में पता चल गया है। उसने अमेरिकी एजेंसी को लेकर खुलासा भी किया है कि वो देश के मुखिया को मारने की साजिश कर रही है। इसके बाद अब उत्तर कोरिया अमेरिका के ही हथियार से उसे बदनाम कर रहा है। उत्तर कोरिया ने खुल कर कहा है कि सीआईए द्वारा किसी भी तरह की हरकत को आतंकी हरकत माना जाएगा और उसके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे। हालांकि इसके बाद भी सीआईए की साजिशें रुक नहीं रही है। हाल ही में सीआईए के कुछ किलर उत्तर कोरिया में घुसे थे, बताया जा रहा है कि वो अपनी कोशिश में नाकाम हो गए हैं।

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उत्तर कोरिया के तानाशाह को मारने के लिए सीआईए रासायनिक हथियारों पर काम कर रही है। कुछ कैमिकल हले किए भी गए थे, लेकिन वो नाकाम हो गए. हालांकि इसके कारण अमेरिका पर भी आरोप लगते रहते हैं। इराक, अफगानिस्तान में जिस तरह से अमेरिका ने अपनी कार्रवाई को सही ठहराने के लिए आतंकवाद शब्द का सहारा लिया उस से ये भी साफ है कि अमेरिका कहीं न कहीं इन सारी समस्याओं की जड़ में खुद है। अब देखना ये है कि उत्तर कोरिया में अमेरिका अपने मंसूबों में कामयाब होता है या फिर किम जोंग अमेरिका के लिए नासूर बना रहेगा। फिलहाल तो उत्तर कोरिया लगातार अमेेरिका को धमकी दे रहा है कि अगर उस ने कोई गलत कदम उठाया तो वो परमाणु हमला कर देगा।