राहुल गांधी की ये तेजी यूपीए के समय कहां थी, अब श्रेय लेने के लिए तड़प रहे हैं

जीएसटी कटौती का श्रेय लेने के लिए राहुल गांधी सामने आए हैं, गुजरात में जीएसटी का विरोध करके उनको लगता है कि कोई बड़ा आंदोलन कर दिया है।

New Delhi, Nov 12: चुनाव के दौरान नेता ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं, इसके कई उदाहरण हैं, चुनाव आने के साथ ही नेताओं के दावा करने का सिलसिला भी शुरू हो जाता है। अब गुजरात चुनाव को ही देख लीजिए, यहां पर पिछले 20 साल से ज्यादा समय से बीजेपी सत्ता में हैं। इस बार कांग्रेस कुछ चुनौती पेश करती दिखाई दे रही है। खास बात ये है कि केंद्र सरकार के दो फैसलों को मुद्दा बना कर कांग्रेस जनता के बीच जा रही है। एक नोटबंदी और दूसरी जीएसटी है। खास तौर पर जीएसटी को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कुछ ज्यादा ही आक्रामक दिखाई दे रहे हैं। गुजरात व्यापारियों का राज्य कहा जाता है इसलिए जीएसटी से व्यापारियों को होने वाली तकलीफों को भुनाने में राहुल लगे हुए हैं।

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जीएसटी से जनता को तकलीफ हो रही है, इस बात से सरकार भी सहमत है, इसलिए लगातार जीएसटी काउंसिल की बैठके हो रही हैं, जनता को राहत दी जा रही है। अब जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद केंद्र सरकार ने 210 से ज्यादा वस्तुओं पर टैक्स में कटौती का फैसला किया है। इस कटौती को लेकर अब सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस कह रही है कि राहुल गांधी ने जिस तरह से दबाव बनाया उसके बाद केंद्र सरकार को मजबूरी में ये कटौती करनी पड़ी। ये गजब तर्क है कांग्रेस नेताओं का. जब आप सत्ता में रहें तो कुछ ना करें और जब आप सत्ता हासिल करने की कोशिश करें तो सब कुछ आपके कारण। यूपी में भी चुनाव के दौरान राहुल ने किसानों के कर्ज माफी का मुद्दा उठाया था। सरकार बीजेपी की बनी तो योगी आदित्यनाथ ने किसानों का कर्ज माफ किया। इसका श्रेय भी कांग्रेसियों ने राहुल को दिया।

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ये समझ से परे चीज है कि किस तरह से यूपीए सरकार के 10 साल के दौरान राहुल गांधी ने जीएसटी को लागू करने की कोशिश नहीं की। वो सांसद हैं, उस दौरान सरकार उनकी माता अघोषित रूप से चला रही थी। लेकिन उस दौरान जीएसटी को लेकर इतनी आक्रामकता राहुल ने नहीं दिखाई थी। जिचने भी अर्थ शास्त्री हैं वो जीएसटी को सही कदम बता रहे हैं। इसके टैक्स स्लैब को लेकर भी राहुल हमला कर रहे हैं। कह रहे हैं 5 स्लैब नहीं एक स्लैब होनी चाहिए। एक तरफ सरकार कोशिीश कर रही है कि जनता को किसी तरह से राहत मिले तो चुनावी माहौल में कांग्रेस इसका श्रेय राहुल को दे रही है। अगर ऐसा है तो राहुल को तो कई बातों का श्रेय दिया जाना चाहिए।

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2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर पंजाब चुनाव तक, जितने भी चुनाव हुए हैं, सभी में कांग्रेस राहुल के नेतृत्व में उतरी है। अगर जीत का श्रेय राहुल को तो हार का श्रेय भी राहुल को दिया जाना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो सकता है क्योंकि ये कांग्रेस के डीएनए में नहीं है। कुछ अच्छा हो तो उसका श्रेय गांधी परिवार को और कुछ गलत हो तो कटने के लिए कई बकरे हैं। जीएसटी में कटौती पर सरकार का क्या कहना है ये भी जान लीजिए। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्या जीएसटी काउंसिल राहुल के अधीन है जो उनको श्रेय दिया जा रहा है। उनका कहना है कि कांग्रेस समझ नहीं पा रही है कि उसे करना क्या है। वो जीएसटी कटौती का श्रेय भी ले रही है और उसका विरोध भी कर रही है। बहरहाल जनता को राहत मिल गई बड़ी बात ये है, राजनीति तो अब रवायत बन गई है।