चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव में लाज बचाने में कामयाब रही कांग्रेस, नो प्रॉफिट नो लॉस में BJP
चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं। इस उपचुनाव में कांग्रेस अपनी परंपरागत सीट को बचाने में कामयाब रही है। बीजेपी हार की समीक्षा करेगी।
New Delhi Nov 12 : चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव के नतीजे सामने गए हैं। काउंटिंग पूरी हो चुकी है। कांग्रेस पार्टी अपनी इस परंपरागत सीट को बचाने मे कामयाब रही है। जबकि भारतीय जनता पार्टी पहले की तरह इस चुनाव में नो प्रॉफिट नो लॉस में रही। हालांकि मध्यप्रदेश बीजेपी का कहना है कि वो इस सीट पर हार का आंकलन करेगी। जबकि कांग्रेस पार्टी इस जीत से उत्साहित नजर आ रही है। हार-जीत के इस नतीजे के साथ ही चुनाव परिणामों का मैन्युपुलेशन भी शुरु हो गया है। मीडिया का एक सेक्शन बीजेपी की इस हार को इस तरह से दिखाने की कोशिश कर रहा है कि मानों भारतीय जनता पार्टी ने चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव में अपना सबकुछ गंवा दिया हो। तमाम न्यूज चैनल्स और वेबसाइट पर ब्रेकिंग चल रही है कि बीजेपी की करारी हार। चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी की हार हुई है इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन, ये सीट बीजेपी के खाते में थी ही नहीं। इसलिए नुकसान का कोई मतलब ही नहीं बनता है।
दरअसल, साल 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार प्रेम सिंह ने यहां से चुनाव जीते थे। लेकिन, प्रेम सिंह के निधन के बाद ये सीट खाली हो गई थी। जिसके बाद चित्रकूट विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराए गए। इस उपचुनाव में 19 राउंड की गिनती हुई। वोटों की गिनती के बाद कांग्रेस उम्मीदवार नीलांशु चतुर्वेदी 14,333 वोटों से उपचुनाव जीत गए और उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी बीजेपी उम्मीदवार शंकर दयाल त्रिपाठी को हरा दिया। हालांकि पहले राउंड में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार शंकर दयाल त्रिपाठी ने बढ़त हासिल कर ली थी। लेकिन, जैसे जैसे राउंड बढते गए। बीजेपी पिछड़ती चली गई। नंद कुमार सिंह चौहान मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष हैं जिन्होंने इस जनादेश को स्वीकार करते हुए अपनी पार्टी की हार मान ली है। उनका कहना है कि वो इस हार की समीक्षा करेंगे। लेकिन, दूसरे नजरिए से देखे तो यहां पर बीजेपी नो प्रॉफिट नो लॉस में रही।
दरअसल हर कोई इस बात को जानता है कि चित्रकूट विधानसभा सीट कांग्रेस पार्टी की परंपरागत सीट है। यहां पर हमेशा कांग्रेस का ही उम्मीदवार जीतता है। नंद कुमार चौहान भी ये कहते हैं कि कांग्रेस को यहां पर परंपरागत सीट होने का फायदा मिला है। हालांकि जब उनसे पूछा गया कि क्या भारतीय जनता पार्टी की ओर से यहां पर उम्मीदवार के चयन में कोई गलती हुई? क्या यहां पर कोई दूसरा उम्मीदवार उतारा जाता तो क्या बीजेपी जीत सकती थी ? इस सवाल के जवाब में नंद कुमार सिंह चौहान का कहना है कि वो चुनाव परिणाम और दूसरी बातों की समीक्षा करेंगे जिसके बाद भी कुछ कहा जा सकता है। लेकिन, ऐसा नहीं है कि चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी का उम्मीदवार अच्छा ना लड़ा हो। यहां पर कांग्रेस उम्मीदवार नीलांशु चतुर्वेदी को 66 हजार 810 वोट मिले। जबकि शंकर दयाल त्रिपाठी को 52 हजार 477 वोट मिले।
जबकि अगर साल 2013 के विधानसभा चुनाव के नतीजे देखे तो यहां पर कुल 1 लाख 23 हजार 526 वोट पड़े थे। जिसमें उस वक्त कांग्रेस के उम्मीदवार 45913 वोट मिले थे और बीजेपी उम्मीदवार को 34 हजार 943 वोट हासिल हुए थे। इस बार चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव में दोनों ही पार्टियों को पिछली बार के मुकाबले ज्यादा वोट मिले हैं। चित्रकूट विधानसभा में कुल एक लाख 98 हजार 122 वोटर हैं। इनमें एक लाख छह हजार 390 पुरुष और 91 हजार 730 महिला वोटर हैं। जबकि थर्ड जेंडर की कैटेगिरी में सिर्फ दो वोटर ही शामिल हैं। चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव में नौ नवंबर को वोटिंग हुई थी। यहां पर कुल 65 फीसदी पोलिंग हुई थी। इस उपचुनाव में कुल 12 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे। जिसमें नौ उम्मीदवार निर्दलीय थे। बीजेपी की ओर से खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी यहां पर प्रचार किया था। जबकि कांग्रेस ने भी यहां पर अपने नेताओं की फौज उतार दी थी। कांग्रेस यहां पर अपनी लाज बचाने में कामयाब रही है।