लालू यादव का बयान सुनकर माथा पीट लेंगे आप, ‘अनपढ़’ भी नहीं करते ऐसी बात

आरजेडी अध्‍यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू यादव गजब इंसान हैं। नेता जी ऐसी-ऐसी बातें करते हैं कि अगर उन पर अमल हो जाए तो देश गर्त में चला जाए।

New Delhi Nov 12 : राष्‍ट्रीय जनता दल यानी आरजेडी के अध्‍यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू यादव गजब के इंसान हैं। अगर नेता जी का बस चले तो वो देश को ऐसे गढ्डे में धकेल दें जहां से उसका निकला मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाए। लालू यादव कहते हैं कि देश में सभी एटीएम और जीएसटी को बंद कर देना चाहिए। इसके पीछे नेता जी का तर्क है कि देश में ज्‍यादातर लोग अनपढ़ हैं। जिन्‍हें ना तो एटीएम के बारे में कुछ पता है और ही जीएसटी के बारे में। ऐसे में इन दोनों ही चीजों को बंद कर देना चाहिए। 21 वीं सदी में लालू यादव जिस तरह की बातें कर रहे हैं शायद ही कोई अनपढ़ भी ऐसी बातें करता हो। लालू यादव का ये बयान सुनने के बाद हमें ये कहने में जरा भी गुरेज नहीं होगा कि भगवान देश की जनता को ऐसे नेताओं से बचाए। अगर कहीं गलती से भी इनके हाथ में देश की कमान आ गई तो कल्‍पना कीजिए क्‍या होगा। देश किस दिशा में जाएगा।

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दरसअल, लालू यादव ने रविवार को आरजेडी के अध्‍यक्ष पद के लिए अपना नॉमिनेशन फाइल किया। इसके बाद उन्‍होंने ये बातें कहीं। लालू यादव कहते हैं कि केंद्र की मोदी सरकार ने इस वक्‍त देश में तानाशाही रवैया अख्तियार किया हुआ है। जिसकी वजह से इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो गए हैं। लालू का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना सोचे समझे नोटबंदी का फैसला ले लिया। जिससे देश की जनता काफी परेशान हुई। लालू कहते हैं कि 22 दलों ने मिलकर आठ नवंबर को इसके खिलाफ विरोध दिवस मनाया था। लालू मानते हैं कि केंद्र की मोदी की सरकार में लोगों को कोल्‍हू के बैल की तरह रौंदा जा रहा है। देश को बाहरी लोगों से तो खतरा है ही लेकिन, देश के भीतर राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ से भी दिक्‍कत है। लालू का मानना है कि समान विचारधारा के लोग एकजुट होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुर्सी से उतार फेकेंगे। उनका कहना है कि हम लोगों को और हमारे बच्‍चों को भी परेशान किया जा रहा है।

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लालू यादव की पूरी बात आप ने पढ़ ली और उनके मंतव्‍य को भी समझ गए होंगे। अब हम लालू यादव के बयान पर बिंदुवार तरीके से आपसे सवाल करना चाहते हैं। आप विचार कीजिए और फैसला करिए कि देश के लिए कौन सा नेता बेहतर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या फिर लालू यादव। लालू यादव कहते हैं कि देश में अनपढ़ लोगों की संख्‍या बहुत ज्‍यादा है। इसलिए एटीएम और जीएसटी को बंद कर देना चाहिए। अब जरा आप ही बताइए कि अगर देश में कोई अनपढ़ है तो क्‍या सभी तरह के विकास के काम रोक दिए जाएंगे। अगर कोई अनपढ़ है और वो एटीएम का इस्‍तेमाल नहीं कर सकता है तो उसके पास बैंक जाने का भी तो विकल्‍प मौजूद हैं। लेकिन, लालू यादव सरीखे नेता एटीएम को ही बंद करने की सलाह दे बैठेते हैं। दूसरी बात वो कहते हैं कि अनपढ़ लोगों को जीएसटी समझ में नहीं आ रहा है। जीएसटी का वास्‍ता देश के व्‍यापारियों से पड़ रहा है। उपभोक्‍ताओं को इसमें ज्‍यादा दिमाग लगाने की जरूरत नहीं है।

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अगर कोई अनपढ़ है तो जाहिर तौर पर वो देश का बहुत बड़ा बिजनेसमैन तो होगा नहीं जिसका टर्नओवर बीस लाख रुपए का हो। तो फिर खामखां की बातें करने का क्‍या मतलब है। अब आप ही सोचिए कि लालू सरीखे नेता बातों को कैसे मैन्‍युपुलेट करते हैं। कहते हैं के नोटबंदी के बाद देश में हालात इमरजेंसी जैसे हो गए हैं। अरे नोटबंदी से उस अनपढ़ या गरीब की सेहत पर क्‍या असर पढ़ता है जिसके पास ब्‍लैकमनी के नाम पर एक रुपए भी नहीं हैं। जिस तरह से नोटबंदी को नेता पेश कर रहे हैं अगर हकीकत में ऐसे हालात होते या बने होते तो अब तक ना जाने कितने शहरों में आग लग चुकी होती। लेकिन, नोटबंदी की आग सिर्फ नेताओं के सियासी गलियारों में ही लगी हुई है। वैसे भी लालू यादव कितने दूध के धुले हैं सभी को पता है। नेता जी पर भ्रष्‍टाचार के तमाम मुकदमें चल रहे हैं। चारा घोटाले में तो वो सजायाफ्ता भी हो चुके हैं। ऐसे में ब्‍लैकमनी का दर्द इनसे बेहतर कौन जान सकता है।