कांग्रेस को लगा डर, कहीं GST सच ना हो जाए, G-गुजरात S-से T-तौबा

गुजरात चुनाव प्रचार में कांग्रेस और राहुल गांधी GST का धुआंधार विरोध कर रहे हैं। अब जीएसटी का नया फुल फॉर्म सामने आया है जो कांग्रेस को डरा रहा है।

New Delhi, Nov 13: कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए खास रणनीति बनाई है। इस बार हमेशा की तरह राहुल गांधी फ्रंट पर हैं। ये अलग बात है कि अगर नतीजे आशानुरूप नहीं आए तो कुर्बानी के लिए बकरे तो कांग्रेस के पास हमेशा से रहे हैं। बात कर रहे हैं कांग्रेस की नई रणनीति के बारे में, जिसके तहत नरेंद्र मोदी के खिलाफ निजी हमले नहीं किए जा रहे हैं. मुद्दों को आधार बना कर निशाना साधा जा रहा है। पहले विकास पागल हो गया है का नारा कांग्रेस ने उछाला था, जिसे बाद में वापस ले लिया, इसका कारण राहुल ने जो बताया है उस पर हंसी आ सकती है। दूसरा मुद्दा कांग्रेस ने पकड़ा है GST का, देश के सबसे बड़े कर सुधार को लेकर कांग्रेस लगातार हमलावर है।

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गुजरात को व्यापारियों का राज्य कहा जाता है। गुजरात की हवा में व्यापार है, GST से सबसे ज्यादा परेशानी व्यापारियों को ही हो रही है। चुनाव सिर पर हं तो व्यापारी वर्ग को लुभाने के लिए कांग्रेस ने एक सूत्रीय एजेंडा बना लिया कि जीएसटी का विरोध करो, उस जीएसटी का जिसने देश में कर सुधार को थोड़ा आसान किया है, कई तरह के टैक्स के बजाए केवल एक टैक्स लग रहा है। ये काफी समय से लंबित बिल था, जो मोदी सरकार ने पास करवाया, उसे अमली जामा पहनाया, कांग्रेस खुद तो सियासी गुणा भाग के कारण जीएसटी पास नहीं करवा पाई, अब उसका विरोध कर रही है। लेकिन कहीं जरूरत से ज्यादा विरोध कांग्रेस के लिए भारी ना पड़ जाए।

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गुजरात के चुनावपी माहौल में अब जीएसटी का नया फुल फॉर्म छा रहा है, ये कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी की तरह है। GST का मतलब कांग्रेस के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। गुजरात चुनाव के माहौल में सोशल मीडिया पर जीएसटी को लेकर कहा जा रहा है कि इसका ज्यादा विरोध कांग्रेस के लिए गुजरात से तौबा ना बन जाए। G मतलब गुजरात, S मतलब से, T मतलब तौबा, यानि जीएसटी का फुलफॉर्म जो राहुल गांधी को मुंह चिढ़ा रहा है वो है गुजरात से तौबा। सोशल मीडिया पर ये लगातार वायरल हो रहा है। इस से कांग्रेस के थिंक टैंक के पसीने छूट रहे हैं। जिस तरह से चुनाव की तारीख पास आने के साथ बीजेपी का प्रचार अपनी धार दिखा रहा है उस से भी कांग्रेस हैरान है।

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दरअसल सोशल मीडिया आज के समय में बातों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का सबसे प्रभावी माध्यम है। जिस तरह से कांग्रेस ने कमल का फूल हमारी भूल को मुद्दा बनाया था उसी तरह से अब बीजेपी जीएसटी के फुलफॉर्म को कांग्रेस के खिलाफ इस्तेमाल कर सकती है। जीएसटी से केवल गुजरात के व्यापारियों को तकलीफ नहीं हो रही है, बल्कि सभी लोग को परेशानी हो रही है, लेकिन राहुल गांधी और कांग्रेस का पूरा ध्यान गुजरात के व्यापारी वर्ग पर है। इस से भी सोशल मीडिया पर लोग उखड़े हुए हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस शासित राज्यों की जनता और व्यापारी क्या जीएसटी से परेशान नहीं है। कभी उनके लिए भी दो शब्द राहुल के मुंह से निकल जाए तो अच्छा रहेगा। कुल मिलाकर जीएसटी का विरोध कांग्रेस के लिए बुरे सपने का रूप लेता जा रहा है. कांग्रेस को डर बस इतना है कि ये सपना कहीं सच ना हो जाए।