गुजरात विधानसभा चुनाव में ‘पप्पू’ पर लग गई पाबंदी
गुजरात विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग ने पार्टियों के विज्ञापन में पप्पू शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। जानिए क्या है ये पूरा मामला।
New Delhi Nov 15 : पूरा देश जानता है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को लोग पप्पू कहकर उनका मजाक उड़ाते हैं। राहुल गांधी के साथ पप्पू शब्द का इस्तेमाल इतना ज्यादा होता है कि अगर आप गूगल में भी पप्पू लिखकर सर्च करेंगे तो पप्पू यादव से ज्यादा रिजल्ट राहुल गांधी के दिखाई पड़ेंगे। कांग्रेस की विरोधी पार्टियां पप्पू शब्द का इस्तेमाल सियासी हथियार के तौर पर भी करती हैं। लेकिन, गुजरात विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग ने इस शब्द पर रोक लगा दी है। खासतौर पर भारतीय जनता पार्टी के विज्ञापनों में इस शब्द के इस्तेमाल पर निर्वाचन आयोग ने आपत्ति जाहिर की है। निर्वाचन आयोग ने भारतीय जनता पार्टी से कहा है कि वो गुजरात विधानसभा चुनाव में अपने इलेक्ट्रॉनिक विज्ञापनों में ‘पप्पू’ शब्द का इस्तेमाल ना करें। भारतीय जनता पार्टी राहुल गांध का मजाक उड़ाने के लिए पप्पू शब्द का खूब इस्तेमाल करती है।
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों ने भी मान लिया है कि गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने इस तरह के डायरेक्शन दिए हैं। लेकिन, इसके साथ ही पार्टी नेताओं का कहना है कि बीजेपी अपने विज्ञापन में किसी भी खास नेता को टारगेट नहीं कर रही है और ना ही किसी खास नेता के लिए पप्पू शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है। दरअसल, चुनाव आयोग का नियम है कि जो भी पार्टी चुनाव संबंधी विज्ञापन सामग्री तैयार करती है उसे जारी करने से पहले चुनाव आयोग के अधीन आने वाली मीडिया कमेटी से पास कराना जरूरी है। पिछले महीने बीजेपी की ओर से इलेक्ट्रानिक मीडिया के विज्ञापनों के लिए कुछ स्क्रिप्ट चुनाव आयोग की इस कमेटी के समक्ष पेश की गई थी। जिस पर निर्वाचन आयोग की इस कमेटी ने कुछ शब्दों पर अपनी आपत्ति जताई। निर्वाचन आयोग की इस आपत्ति में पप्पू शब्द भी शामिल था।
गुजरात CEO की मीडिया कमेटी ने बीजेपी के विज्ञापन की स्क्रिप्ट में पप्पू शब्द के इस्तेमाल को अपमानजनक माना है। निर्वाचन आयोग का कहना है कि बीजेपी को अपनी स्क्रिप्ट से इस शब्द को हटाकर किसी और शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसे में अब चुनाव आयोग की आपत्ति के बाद बीजेपी अब अपनी नई स्क्रिप्ट आयोग के समक्ष पेश करेगी। जिसमें पप्पू शब्द की जगह किसी दूसरे विकल्प को चुना जाएगा। हालांकि इसके साथ ही बीजेपी ने आयोग को अपने फैसले पर पुनर्विचार का भी आग्रह किया है। बीजेपी का कहना है कि पप्पू शब्द का इस्तेमाल उनकी ओर से किसी नेता पर सीधे हमले के तौर पर नहीं किया जा रहा है। हालांकि निर्वाचन आयोग इसके लिए राजी नहीं है। ऐसे में बीजेपी को पप्पू शब्द का विकल्प तलाशना ही होगा।
वैसे बीजेपी कुछ भी कहे, लेकिन हर किसी को मालूम है कि अगर राजनीति में पप्पू शब्द का इस्तेमाल होगा तो उसके निशाने पर राहुल गांधी ही आएंगे। वैसे भी गुजरात विधानसभा चुनाव में इस वक्त कांटे का मुकाबला चल रहा है। गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर हमला करने के लिए नए-नए शब्द गढ़ रहे हैं। जैसे अभी कुछ दिनों पहले ही राहुल गांधी ने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स करार दिया था। वहीं बीजेपी की ओर पोस्टरवार में राम (RAM) बनाम हज (HAJ)कर दिया गया था। जिसमें RAM का मतलब रुपाणी, अमित शाह और मोदी से था। जबकि HAJ का मतलब हार्दिक पटेल, अल्पेश और जिग्नेश से था। गुजरात विधानसभा चुनाव में शब्दों के इस जंग में ये बानगी भर है। आगे आगे देखिए होता है क्या।