सिर पर बिठाने वाली कांग्रेस पार्टी ने ही उतार दी हार्दिक पटेल की इज्जत ?
जब से गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की सीडी सार्वजनिक हुई है। वो बैकफुट पर आ गए हैं। कांग्रेस ने भी अब उनकी इज्जत उतारनी शुरु कर दी है।
New Delhi Nov 18 : गुजरात विधानसभा चुनाव में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ना घर के रहे हैं और ना ही घाट के। जिस कांग्रेस पार्टी ने उन्हें कभी अपने सिर पर बिठाया था आज उसी कांग्रेस को हार्दिक पटेल सिरदर्द नजर आ रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस पार्टी ने अब हार्दिक पटेल की इज्जत उतारनी शुरु कर दी है? या फिर हार्दिक अपने ही बुने जाल में बुरी तरह फंस गए हैं। कांग्रेस से उनकी बात बन नहीं रही है। सियासी सौदेबाजी के चलते पाटीदार समाज के लोग भी हार्दिक से छिटकते जा रहे हैं। उनके पुराने साथी भी उनका साथ छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर रहे हैं। सीडी कांड की वजह से वो पहले से ही बैकफुट पर हैं। ऐसे में पूछा जा रहा है कि आखिर हार्दिक पटेल क्या करेंगे ? क्या वो अकेले ही गुजरात विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे ? या फिर मजबूरी और अपनी लाज बचाने के लिए कांग्रेस पार्टी का साथ देना ही होगा।
दरसअल, ये बातें नए सिरे से इसलिए उठनी शुरु हुई हैं कि गुजरात विधानसभा चुनाव में अब तक पाटीदार अनामत आरक्षण समिति और कांग्रेस के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई है। सहमति बनना तो दूर दोनों के बीच बात और बिगड़ गइ्र हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव में पाटीदार नेताओं को टिकट और पाटीदार समुदाय के लोगों को आरक्षण देने के मसले पर पाटीदार अनामत आरक्षण समिति और कांग्रेस नेताओं के बीच मीटिंग हुई थी। लेकिन, समिति के नेताओं का आरोप है कि इस मीटिंग में कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने उन्हें नजरअंदाज किया है। इसके बाद कांग्रेस से नाराज पाटीदार नेताओं ने कांग्रेस पार्टी को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। दरसअल, हार्दिक पटेल की ओर से कांग्रेस पार्टी से 30 से 35 सीटों की मांग की जा रही है। लेकिन, कांग्रेस पार्टी इतनी ज्यादा सीटें पाटीदार नेताओं को देने को राजी नहीं है। कांग्रेस पार्टी हार्दिक गुट को कम सीट देना चाहती है।
जिस पर पाटीदार अनामत आरक्षण समिति के लोग राजी नहीं हैं। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी के राजनैतिक सलाहकार अहमद पटेल ने पाटीदार अनामत आरक्षण समिति के नेताओं से मुलाकात की। लेकिन, मुलाकात के बाद पाटीदार नेता कांग्रेस से नाराज दिखे। देर रात पाटीदार नेताओं ने कांग्रेस के प्रति खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की। हार्दिक पटेल ने कांग्रेस पार्टी से बात करने के लिए दिनेश बमभानिया को अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया था। लेकिन, जब दिनेश बमभानिया अहमद पटेल से मुलाकात कर बाहर निकले तो उनहोंने कांग्रेस पर पाटीदार नेताओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। दिनेश बमभानिया का कहना है कि कांग्रेस ने पहले हमें मिलने के लिए दिल्ली बुलाया लेकिन पूरे दिन हमें मिलने का वक्त नहीं दिया गया। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस पार्टी हार्दिक पटेल की इज्जत उतारना चाहती है या फिर उन्हें उनकी हैसियत का अंदाजा लगवाना चाहती है।
सूत्र का कहना है कि दरअसल, गुजरात विधानसभा चुनाव में पाटीदार नेताओं की रणनीति ये है कि वो कांग्रेस पार्टी से ज्यादा से ज्यादा सीट मांगे और इसके लिए कांग्रेस पर दवाब बनाए। लेकिन, दोनों के बीच बात काफी बिगड़ गई है। दरअसल, सूत्रों का कहना है कि जब से हार्दिक पटेल की सीडी सावर्जनिक हुई है उस वक्त कांग्रेस पार्टी को भी ये लग रहा है कि कहीं हार्दिक उनके लिए मुसीबत ना बन जाए। कहने को तो कांग्रेस पार्टी सीडी कांड पर हार्दिक के साथ खड़ी नजर आ रही है। लेकिन, पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि अब वो हमारे लिए किसी काम नहीं रहे। ऐसे में ये सवाल लाजिमी है कि अब हार्दिक पटेल का राजनैतिक भविष्य क्या होगा। एक ओर सीडी कांड के बाद उनकी हर ओर सार्वजनिक फजीहत हो रही है। दूसरी ओर उन्हें गिरफ्तारी का भी डर सता रही है। कांग्रेस उन्हें उनकी हैसियत दिखा रही है। हार्दिक इन सब से कैसे निपटेंगे, क्या करेंगे ?