मूडीज की रेटिंग ने बदला मूड, अब मेगा मिशन पर पीएम मोदी

मूडीज की रेटिंग ने पीएम मोदी को भरोसा दिलाया है कि उनके फैसले सही है, अब वो एक नए मेगा मिशन पर लग गए हैं, जो जल्दी ही खत्म होने वाला है।

New Delhi, Nov 19: केंद्र की मोदी सरकार के लिए हाल ही में तीन ऐसी खबरें आई हैं जो उसके लिए किसी बूस्टर से कम नहीं है। सबसे पहले ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत को 30 पायदान की लंबी छलांग मिली, उसके बाद रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की रेटिंग को बढ़ाया है। आखिरी में प्यू का एक सर्वे सामने आया जिसके मुताबिक पीएम मोदी अभी भी देश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। इन तीनों ही खबरों के बाद मोदी सरकार विरोधियों पर हमलावर हो गई है, जो कह रहे थे कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण देश की अर्य़व्यवस्था बर्बाद हो गई है। इसके अलावा अब मोदी सरकार एक्शऩ मोड में आ गई है। जब उसके फैसलों का सही असर हो रहा है ऐसे में अब सरकार मेगा मिशन पर लग गई है।

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पीएम मोदी और सरकार का ताजा मिशऩ है एक अरब-एक अरब-एक अरब के महत्वाकांक्षी विजन को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इस विजन के तहत एक अरब आधार नंबरों को एक अरब बैंक खातों और एक अरब मोबाइलों से जोड़ने की योजना है।बताया जा रहा है कि ये विजन जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि इसके पूरा होने की कोई तारीख नहीं तय की गई है। दरअसल मोदी सरकार जीएसटी, नोटबंदी और आधार जैसे फैसलों के सकारात्मक पहलुओं को खोज रही है। इनका विरोध करने वालों के खिलाफ सरकार को यही पहलू राहत देंगे। इन फैसलों के परिणाम से सरकार संतुष्ट दिख रही है। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने 13 साल बाद भारत की रेटिंग को बदला है।

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ये भी मोदी सरकार के लिए राहत की बात है। मूडीज का मानना है कि जीएसटी और नोटबंदी जैसे कदमों के कारण भारत की अर्थ व्यवस्था दुरुस्त हुई है। हालांकि इसे पारदर्शी बनाने के लिए अभी और काम करने बाकी हैं। पीएम मोदी का मुख्य फोकस खास तौर पर नोटबंदी के परिणाम पर है। नोटबंदी के बाद 99 फीसदी नोट वापस बैंक में आ गए, इसे सरकार कामयाबी के तौर पर देख रही है। बड़े नोटों की कमी के कारण कैश लेस इकॉनमी का चलन बढ़ा है। इसके अलावा कई क्षेत्रों में पारदर्शिता आई है। दूसरी तरफ जीएसटी को लेकर भले ही विरोध हो रहा है लेकिन कई आर्थिक जानकार इसे सही कदम बता रहे हैं। एक देश एक टैक्स का सपना साकार करना मोदी सरकार की एक बड़ी कामयाबी है।

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इन सबके साथ आधार की अनिवार्यता को बढ़ाने से सरकारी सब्सिडी के खेल में जारी दलाली पर लगाम लगी है। जनता के बैंक खाते में सीधे सरकार पैसा दे रही है। ऐसे में अब प्रधानमंत्री मोदी मेगा मिशन पर लग गए हैं। एक अरब आधार नंबरों को एक अरब बैंक खातों और एक अरब मोबाइल नंबर के साथ जोड़ने की प्रक्रिया जल्द ही खत्म हो जाएगी। उसके बाद सरकारी नीतियों को बनाने और जनता तक उनका लाभ पहुंचाने में सरकार को काफी आसानी होगी। भले ही विरोधी मोदी सरकार के इन फैसलों का विरोध करें लेकिन आने वाले समय में यही फैसले बीजेपी और नरेंद्र मोदी के लिए जीत की नई राहें खोलेंगे। नोटबंदी और जीएसटी का लगातार विरोध करने के बाद भी विरोधी दल जनता को अपने पक्ष में नहीं कर पाए हैं।