अब ऑनलाइन पोल में बोले यूजर्स, मनमोहन से बेहतर पीएम हैं नरेंद्र मोदी

मूडीज ने भारत की रेटिंग सुधारी है तो इसको लेकर सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई, नरेंद्र मोदी और मनमोहन में से कौन बेहतर है।

New Delhi, Nov 19: केंद्र की मोदी सरकार के लिए एक के बाद एक अच्छी खबरें आ रही है। नोटबंदी और जीएसटी को लेकर विरोधियों के हमले झेलने वाली मोदी सरकार के लिए पिछले कुछ दिनों से राहतभरी खबरें आ रही है। जो लोग नोटबंदी और जीएसटी के कारण अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले नकारात्मक असर की बात कर रहे थे। वो गलत साबित होते दिख रहे हैं। इसका कारण ये है कि मूडीज ने भारत की रेटिंग में सुधार किया है और जीएसटी के साथ साथ नोटबंदी की भी तारीफ की है। अब जो खबर आ रही है वो ये है कि मूडीज की रेटिंग के बाद ऑनलाइन जनता भी मान रही है कि आर्थिक प्रबंधन में नरेंद्र मोदी की सरकार मनमोहन सिंह की सरकार से अच्छा कर रही है।

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सोशल मीडिया पर मूडीज की रेटिंग सुधार के बाद एक नई बहस शुरू हो गई है। मुद्दा ये है कि क्या मनमोहन सरकार के आर्थिक प्रबंधन से मोदी सरकार का आर्थिक प्रबंधन बेहतर है। इसी को लेकर एक वेबसाइट ने ऑन लाइन  पोल करवाया। इस पोल में 69 फीसदी लोगों ने कहा कि नरेंद्र मोदी आर्थिक मामले में मनमोहन सिंह से बेहतर प्रधानमंत्री साबित हुए हैं। वहीं 31 फीसदी लोगों का मानना है कि मनमोहन बेहतर पीएम थे। इस ऑनलाइन पोल में लगभग 3 लाख लोगों ने हिस्सा लिया। ये फेसबुक पोल का नतीजा था, वहीं इसी सवाल को ट्वीटर पर पूछा गया तो 74 फीसदी लोगों ने कहा कि मोदी बेहतर हैं, ट्वीटर पर 20 फीसदी लोग मनमोहन के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं।

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दरअसल सोशल मीडिया पर लोगों का मानना है कि मूडीज की रेटिंग सुधरेन का मतलब है कि अर्थव्यवस्था सही पटरी पर है। इस से ये भी साफ हो रहा है कि देश की इकॉनमी को संभालने में नरेंद्र मोदी की सरकार बेहतर काम कर रही है। बता दें कि मूडीज ने भारत की सॉवरन बॉन्ड रेटिंग करीब 13 साल में पहली बार अपग्रेड की है। मूडीज का ये भी कहना है कि मोदी सरकार ने सुधार के लिए कड़े फैसले लिए हैं, इसका असर आने वाले समय में दिखाई देगा। देश की विकास दर तेज होगी और कर्ज का बोझ कम होगा। हालांकि मूडीज की रेटिंग पर कांग्रेस अभी सवाल उठा रही है। कांग्रेस का कहना है कि आने वाला समय मुश्किल साबित हो सकता है। बता दें कि मनमोहन सिंह नोटबंदी को संगठित लूट की संज्ञा दे चुके हैं.

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खास बात ये है कि दोनों ही प्रधानमंत्रियों में जमीन आसमान का अंतर हैं. मनोमोहन सिंह जहां जाने माने अर्थ शास्त्री हैं। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव की सरकार के दौरान देश में उदारीकरण की शुरूआत की थी। मनमोहन सिंह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी काफी काम कर चुके हैं। दुनिया के प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों में उनकी गिनती होती है। इसके ठीक उलट नरेंद्र मोदी का बैकग्राउंड सामान्य रहा है। वो गरीबी और संघर्षों से लड़कर पीएम की गद्दी तक पहुंचे हैं। गुजरात काा मुख्यमंत्री रहने के दौरान उन्होंने जो भी काम किया उसी को विकास मॉडल बताकर पेश करते हैं। उसी के दम पर वो कामयाबी हासिल करते रहे हैं। मोदी का कहना है कि हावर्ड की तुलना में वो हार्डवर्क को वरीयता देते हैं। अगर हालात सुधारने की इच्छा है तो अर्थव्यवस्था का जानकार होना जरूरी नहीं है।