राहुल गांधी को डरना चाहिए, कोई भी कांग्रेस उपाध्यक्ष आज तक पीएम नहीं बन पाया

राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष बनने वाले हैं, फिलहाल वो उपाध्यक्ष हैं. क्या आप जानते हैं कि कांग्रेस में अब तक तीन उपाध्यक्ष हुए हैं। जानिए दिलचस्प तथ्य

New Delhi, Nov 20: अब जब ये साफ हो गया है कि राहुल गांधी कांग्रेस के अगले अध्यक्ष होंगे, हालांकि इस पर कभी किसी को कोई संदेह नहीं था। फिलहाल राहुल पार्टी में उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इस मौके पर आपको कांग्रेस के उपाध्यक्ष पद से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्यों से अवगत कराते हैं। दरअसल ये फैक्ट राहुल को परेशान कर सकता है। कांग्रेस के अब तक इतिहास में जो भी नेता उपाध्यक्ष पद पर काबिज हुआ वो कभी भी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठ पाया है। खास बात ये है कि राहुल से पहले केवल दो नेता ही कांग्रेस में उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। दोनों का ही सियासी करियर उपाध्यक्ष पद संभालने के बाद से बिखर गया। क्या राहुल भी उसी लिस्ट का हिस्सा बनेंगे।

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कांग्रेस के जो दो नेता उपाध्यक्ष बने थे उनमें पहला नाम है अर्जुन सिंह का, कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाने वाले अर्जुन सिंह राजीव गांधी के बेहद करीबी और भरोसेमंद नेता थे। उनके बारे में कहा जाता था कि राजीव कोई भी फैसला लेने से पहले उनसे सलाह लेते थे। 1986 में अर्जुन सिंह को कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया गया था। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके अर्जुन सिंह का सियासी जीवन विवादों से भरा हुआ है। भोपाल गैस कांड के समय वो ही एमपी के मुखिया थे। उन पर भोपाल गैस कांड के आरोपी एंडरसन को देश से जाने का मौका देने का आरोप है। राजीव गांधी ने ही अर्जुन सिंह को कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया था। ये कांग्रेस के इतिहास में पहला मौका था जब किसी नेता को उपाध्यक्ष बनाया गया था।

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इसके बाद दूसरी बार 1997 में कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी ने जितेंद्र प्रसाद को उपाध्यक्ष बनाया था। सीताराम केसरी का कांग्रेस के अध्यक्ष पद का कार्यकाल सबसे ज्यादा विवादित रहा था। उन पर आरोप लगे थे कि उन्होंने गांधी परिवार को किनारे करने की कोशिश की थी। उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए जिनके कारण पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा था। उन्होंने ही पार्टी के इतिहास में दूसरी बार उपाध्यक्ष पद पर किसी को बिठाया था। जितेंद्र प्रसाद को सीताराम केसरी ने उपाध्यक्ष बनाया था। उपाध्यक्ष बनने के बाद जितेंद्र प्रसाद का सियासी करियर भी कुछ खास नहीं चल पाया। इस तरह से राहुल गांधी से पहले कांग्रेस के दो उपाध्यक्षों पर नजर डालने से पता चलता है कि वो कभी ऊंची उड़ान नहीं भर पाए थे।

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इस में से खास बात ये भी है कि ये दोनों ही उपाध्यक्ष गांधी परिवार के करीबी थे। अर्जुन सिंह तो राजीव गांधी के भरोसेमंद थे, तो वहीं जितेंद्र प्रसाद को सोनिया गांधी का विश्वासपात्र माना जाता था। अर्जुन सिंह उपाध्यक्ष बनने के बाद जिंदगी भर पीएम इन वेटिंग ही रह गए थे। उनकी सियासी महत्वकांक्षा के कारण ही उन्हे पार्टी से निलंबित भी कर दिया गया था। इसी तथ्य के ाधार पर कहा जा रहा है कि क्या राहुल गांधी भी इस लिस्ट का हिस्सा बनेंगे. क्या वो कभी पीएम की कुर्सी पर बैठ पाएंगे। अभी तक के राहुल के सियासी ग्राफ पर नजर डालने से पता चलता है कि उनके खाते में कामयाबी की तुलना में नाकामियां कहीं ज्यादा हैं। कहा तो ये भी जाता है कि गांधी सरनेम के कारण ही उनको अध्यक्ष पद पर बिठाया जा रहा है।